रीयल स्टेट बिल पर राहुल गांधी ने खोला सरकार के खिलाफ मोर्चा
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी किसानों और युवाओं के मसले पर सरकार को घेरने के बाद अब मध्यम वर्ग से जुड़े मसले पर सरकार को चुनौती पेश करेंगे। उन्होंने रियल एस्टेट के संशोधित विधेयक को मध्यम वर्ग के...
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी किसानों और युवाओं के मसले पर सरकार को घेरने के बाद अब मध्यम वर्ग से जुड़े मसले पर सरकार को चुनौती पेश करेंगे। उन्होंने रियल एस्टेट के संशोधित विधेयक को मध्यम वर्ग के खिलाफ बताते हुए सरकार की मुहिम के खिलाफ अभियान छेड़ने का संकेत दिया है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने शनिवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में फ्लैट खरीदने वाले लोगों से मुलाकात के बाद सरकार पर सीधा हमला बोला। फ्लैट खरीदने वाले करीब 120 लोगों ने कांग्रेस उपाध्यक्ष से मुलाकात करके अपनी बात उनके सामने रखी। इनके साथ संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला और दिल्ली कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन भी मौजूद थे।
राहुल ने खरीदारों की बात ध्यान से सुनी
खरीदारों ने कांग्रेस उपाध्यक्ष को बताया कि उन्हें फ्लैट बुक करते वक्त जो वादे किए गए थे वह बिल्डरों ने नहीं निभाए। किसी को वक्त पर घर नहीं मिला तो कुछ बिल्डर्स ने तय मानकों में ही संशोधन कर दिए। सुविधाओं का वादा भी नहीं निभाया गया। फ्लैट खरीदने वालों को आशंका है कि अगर नया विधेयक आया तो बिल्डर्स की मनमानी तेज होगी। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इनकी बात ध्यान से सुनी और उनके मुद्दे को सरकार के सामने उठाने का भरोसा दिया।
मध्यम वर्ग विरोधी है सरकार
राहुल गांधी ने कहा कि यह सरकार किसानों, आदिवासियों के साथ साथ मध्यम वर्ग की भी विरोधी है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण विधेयक के प्रावधानों को खरीदार समर्थक की जगह बिल्डरों के हित में बनाया गया है। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि उन्हें समझ आ गया है कि केवल किसान और आदिवासी ही नहीं बल्कि मध्यम वर्ग का आदमी भी भूमि के मुद्दों पर पिस रहा है।
फ्लैट खरीदारों के साथ खड़े होने का भरोसा देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि पारदर्शिता के अभाव के चलते फ्लैट खरीदने वालों को अधर में छोड़ दिया गया है।
यूपीए के विधेयक को बदलने पर सवाल
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि फ्लैट खरीदने वालों को तय अवधि में फ्लैट नहीं मिल रहे हैं। इन्हें बताया गया था कि फ्लैट का सुपर डुपर एरिया बहुत अधिक होगा लेकिन जो दिया गया वह उससे अलग है। राहुल गांधी ने कहा कि किसी को वादा किया गया था कि फ्लैट से अच्छा नजारा दिखेगा लेकिन फ्लैट मिलने के कुछ महीनों बाद ही एक नई इमारत खड़ी हो गई और नजारा आंखों से ओझल हो गया।
कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार उस विधेयक को ध्यवस्त करने की कोशिश कर रही है जो कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार रियल एस्टेट के नियमन के लिए लेकर आई थी।
क्या है रीयल एस्टेट बिल
रीयल एस्टेट रेग्युलेशन बिल को यूपीए सरकार ने अगस्त 2013 में राज्यसभा में पेश किया था। इसके बाद यह बिल स्टैडिंग कमेटी को भेजा दिया गया था। कमेटी ने फरवरी 2014 में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। इसके बाद भाजपा सत्ता में आई। 7 अप्रैल को कैबिनेट ने संशोधित बिल के मसौदे को मंजूरी दी।
एक्शन में राहुल
16 अप्रैल को 56 दिनों की छुट्टी के बाद दिल्ली लौटे राहुल गांधी
19 अप्रैल को भूमि बिल के खिलाफ किसानों की रैली को संबोधित किया
28 अप्रैल को लोकल डिब्बे में बैठकर पंजाब के किसानों से मिले
30 अप्रैल को विदर्भ में पद यात्रा निकाल किसानों की समस्या सुनी
संशोधित भूमि अधिग्रहण विधेयक, फसलों की बर्बादी पर किसानों की आवाज उठाने के बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को मोदी सरकार के रीयल एस्टेट विधेयक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
राहुल ने कांग्रेस मुख्यालय पर दिल्ली-एनसीआर में फ्लैट खरीदने वाले करीब 120 लोगों की समस्या सुनी। इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा संशोधित रीयल एस्टेट बिल के प्रावधानों को खरीदार समर्थक की बजाय बिल्डरों के हित वाला बताया।
मध्यमवर्गी को भी दबाने की कोशिश : दिल्ली-एनसीआर में फ्लैट खरीदने वालों से मुलाकात के बाद राहुल ने संवाददाताओं से कहा,‘आज मैंने एक नई बात सीखी। केंद्र सरकार केवल किसानों, मजदूरों और आदिवासियों को ही नहीं बल्कि मध्यमवर्गी परिवार को भी दबा रही है। मैंने इन्हें विश्वास दिलाया है कि मैं किसान-मजदूरों की तरह इनके हक की बात भी उठाऊंगा।’
यूपीए के विधेयक को बदलने पर सवाल : कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि फ्लैट खरीदने वालों को तय अवधि में फ्लैट नहीं मिल रहे हैं। लोगों को बताया गया था कि फ्लैट का सुपर डुपर एरिया बहुत अधिक होगा लेकिन जो दिया गया वह उससे अलग है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि लोगों से वादा किया गया था कि फ्लैट से अच्छा नजारा दिखेगा लेकिन फ्लैट मिलने के कुछ महीनों बाद ही एक नई इमारत खड़ी हो गई और नजारा आंखों से ओझल हो गया। कांग्रेस नेता ने कहा कि मोदी सरकार उस विधेयक को ध्यवस्त करने की कोशिश कर रही है जो कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार रीयल एस्टेट के नियमन के लिए लेकर आई थी।