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पुलिस भर्ती धांधली पर चढ़ा सियासी पारा

उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड लखनऊ की कांस्टेबल और दरोगा भर्ती प्रक्रिया में धांधली के आरोपों के बीच सियासी पारा चढ़ने लगा है। अब तक जहां अभ्यर्थी सड़क से अदालत तक इसके खिलाफ संघर्ष कर...

पुलिस भर्ती धांधली पर चढ़ा सियासी पारा
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 29 Mar 2015 09:19 PM
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उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड लखनऊ की कांस्टेबल और दरोगा भर्ती प्रक्रिया में धांधली के आरोपों के बीच सियासी पारा चढ़ने लगा है। अब तक जहां अभ्यर्थी सड़क से अदालत तक इसके खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं। वहीं, अब राजनेता भी इसमें कूद पड़े हैं। 27 मार्च को सुल्तानपुर से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़े करते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पत्र लिखकर निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है।

दरोगा भर्ती रिजल्ट और सिपाही भर्ती कटऑफ लिस्ट जारी होने के बाद से अभ्यर्थी भर्ती प्रक्रिया में धांधली का आरोप लगाते हुए सड़क पर प्रदर्शन कर रहे हैं। 21 मार्च को सिपाही भर्ती अभ्यर्थियों ने सिविल लाइंस में प्रदर्शन कर जमकर उपद्रव करते हुए कई वाहनों में तोड़फोड़ की थी। सपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए विधायक सईद अहमद के घर पर पथराव किया था। इसके बाद एबीवीपी अभ्यर्थियों के पक्ष में सड़क पर उतर आया। 24 मार्च को कांग्रेस विधायक अनुग्रह नारायण सिंह ने विधानसभा में भर्ती प्रक्रिया की धांधली का मुद्दा उठाते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की थी।

दरोगा भर्ती में व्हाइटनर से खुला स्याह सच
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड ने 19 मई 2011 को दरोगा के 4010 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया था। 2013 में इसकी प्री परीक्षा आयोजित की गई। इसमें सफल अभ्यर्थियों की शारीरिक दक्षता परीक्षा हुई। सफल अभ्यर्थियों की 14 सितंबर 2014 को मुख्य परीक्षा हुई। 23 अक्तूबर को इसका रिजल्ट जारी हुआ। इसमें 14 हजार अभ्यर्थियों को मेडिकल और इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। इस रिजल्ट के बाद से ही पूरी प्रक्रिया विवादों में घिर गई। हाईकोर्ट में अभ्यर्थियों ने याचिका दायर कर आरोप लगाया कि मुख्य परीक्षा में कई अभ्यर्थियों ने ओएमआर सीट में व्हाइटनर और ब्लेड का इस्तेमाल किया है। आठ अभ्यर्थियों का रोल नंबर भी यचिकाकर्ता ने कोर्ट में पेश किया।

9 जनवरी 2015 को कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए बहस कराई। दूसरी सुनवाई पहली फरवरी को हुई। इसमें पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने का आदेश पुलिसभर्ती बोर्ड को दिया गया। जांच में आठ में से छह अभ्यर्थियों की ओएमआर सीट में गड़बड़ी पाई गई। इसके बाद कोर्ट ने अभ्यर्थियों के मूल अभिलेख तलब कर लिए। 11 मार्च को मूल अभिलेख कोर्ट में पेश किए गए। इसी बीच 16 मार्च को फाइनल रिजल्ट घोषित कर दिया गया। इसके खिलाफ सीमांत सिंह ने कोर्ट में एक याचिका दायर की। 24 को इस पर बहस के बाद कोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया को अगले निर्णय तक रोकने का आदेश दे दिया। इस मामले में आज सुनवाई होगी।

सिपाही भर्ती में कटऑफ पर रार
पुलिस भर्ती बोर्ड की 41,610 कांस्टेबलों की भर्ती प्रक्रिया 18 मार्च को मुख्य परीक्षा के परिणाम और मेडिकल के लिए एडमिट कार्ड जारी होने के बाद विवादों में आ गई। अभ्यर्थियों ने चार-पांच ऐसे उदाहरण पेश किए जिसमें कटऑफ लिस्ट की अनदेखी कर कम अंक पाने वालों को मेडिकल के लिए बुलाया गया है। इसके खिलाफ प्रदर्शन चल रहा है।

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