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एक ट्वीट ने बच्चों को मां से मिलाया

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के एक कोने में सहमे, दुबके तीन बच्चों की तस्वीर के साथ किए गए ट्वीट ने अपना कमाल दिखाया और दिल्ली पुलिस के चौकस अधिकारी और बाल कल्याण संस्था ने बिछड़े हुए बच्चों को तीन घंटे की...

एक ट्वीट ने बच्चों को मां से मिलाया
एजेंसीWed, 18 Mar 2015 09:14 PM
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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के एक कोने में सहमे, दुबके तीन बच्चों की तस्वीर के साथ किए गए ट्वीट ने अपना कमाल दिखाया और दिल्ली पुलिस के चौकस अधिकारी और बाल कल्याण संस्था ने बिछड़े हुए बच्चों को तीन घंटे की मशक्कत के बाद उन्हें उनकी मां से मिला दिया।

इस घटना की शुरुआत मंगलवार देर रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 16 से हुई। रहनुमा (सात), राजा (पांच) और सान्या (चार) प्लेटफॉर्म पर थके-हारे और सहमे से ऊंघ रहे थे।

इसी दौरान अपने रिश्तेदार को छोड़ने आए एक व्यक्ति ने उन्हें देखा और उनकी तस्वीर खींच कर मदद की गुहार लगाते हुए अपने टि्वटर अकाउंट एटदरेट अभिषेक 1122 पर डाल दिया।

ट्वीट में लिखा था, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 16 के गेट पर मौजूद इन असहाय बच्चों की क्या कोई मदद कर सकता है। ट्वीट के के तुरंत बाद किसी ने बाल हेल्पलाइन 1098 पर संपर्क किया और पूरी जानकारी उसके साथ साझा की।

अधिकारी ने आश्वासन दिया कि टीम तुरंत स्टेशन पहुंच रही है और सूचना देने वाला व्यक्ति चाहे तो वहां से जा सकता है। लेकिन इस बीच आसपास भीड़ जमा होते देख बच्चे शायद डर गए और वहां से दूसरी जगह चले गए।

लेकिन तब तक बच्चों की यह तस्वीर वायरल हो गई और एक वरिष्ठ पत्रकार, स्वयंसेवी संगठन तथा दिल्ली पुलिस के उपायुक्त मधुर वर्मा तुरंत सक्रिय हो गए। वर्मा ने बच्चों को अंतिम बार जहां देखा गया था उसकी जानकारी ली और तुरंत एक टीम वहां भेजी। पुलिस और उदय फाउंडेशन सहित अन्य लोगों की मदद से करीब तीन घंटे में बच्चों को खोज निकाला गया। तीनों प्लेटफॉर्म नंबर 16 से प्लेटफॉर्म नंबर एक पर चले गए थे।

बच्चे काफी डरे होने के साथ ही भूखे और थके हुए भी थे। थोड़ा भोजन करने और पुलिस के व्यवहार से सहज महसूस करने के बाद उन्होंने बताया कि वे नबी करीब इलाके के रहने वाले हैं। उनका पिता तीनों को स्टेशन लेकर आया था और उनकी मां के लौटने तक स्टेशन पर ही रहने को कहा था।

दिलासा मिलने के बाद बच्चों ने अपने घर का रास्ता बताया और पुलिस टीम उन्हें लेकर नबी करीम पहुंची। वहां एक तंग गली के एक कमरे में उनकी 37 वर्षीय मां तबस्सुम सो रही थी। तबस्सुम से यह पूछने पर कि बच्चों के लापता होने के बावजूद वह इतने आराम से कैसे सो रही है, उसने कहा कि बच्चों का पिता उन्हें अकसर अपने साथ ले जाता है। मैं काम से लौटी थी। मैं बहुत थकी हुई थी इसलिए सोचा कि बच्चों को सुबह खोजूंगी। मेरी गलती है कि मैं पुलिस के पास नहीं गई।

तब्बसुम के सात बच्चे हैं और उसके अपने पति से अच्छे संबंध नहीं है। सूचना के अनुसार, उसका पति कानपुर में रहता है। एक ट्वीट से शुरू होकर तीन घंटे तक चले खोज और बचाव कार्य के बाद वर्मा ने ट्वीट किया, रहनुमा, राजा और सान्या को आज सुबह सुरक्षित उनकी मां तबस्सुम, पुरानी दिल्ली नबी करीम निवासी को सौंप दिया गया। वे खुश हैं।

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