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मुलायम से मिले शिवपाल, अखिलेश झुकने को तैयार नहीं

प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद मंत्रिमंडल में अहम विभागों से बेदखल किए गए सपा नेता शिवपाल यादव ने बुधवार को दिल्ली पहुंचकर करीब पौने चार घंटे तक मुलायम के घर पर मंथन किया। उन्होंने अपनी नाराजगी सपा...

मुलायम से मिले शिवपाल, अखिलेश झुकने को तैयार नहीं
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 14 Sep 2016 10:35 PM
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प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद मंत्रिमंडल में अहम विभागों से बेदखल किए गए सपा नेता शिवपाल यादव ने बुधवार को दिल्ली पहुंचकर करीब पौने चार घंटे तक मुलायम के घर पर मंथन किया। उन्होंने अपनी नाराजगी सपा प्रमुख के सामने रखीं। अखिलेश के कड़े रुख के चलते फिलहाल कोई रास्ता नहीं निकला है। 

शिवपाल दोपहर दो बजकर बीस मिनट पर  मुलायम के घर अपने बेटे आदित्य के साथ पहुंचे थे। वे शाम छह बजे बाहर निकले। मीडिया से बात किए बिना वे सीधे यूपी सदन चले गए।  

यूपी सदन पहुंचकर शिवपाल ने कहा कि उन्हें अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी मिली है उसे वे बखूबी निभाएंगे। मंत्री पद पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी मैं मंत्री बना हुआ हूं। शिवपाल-मुलायम की बैठक के बीच में ही सुभाष चंद्रा भी शाम पांच बजे मुलायम के घर पहुंचे। चंद्रा हाल ही में भाजपा के समर्थन से जीतकर राज्यसभा में पहुंचे। इस बीच मंत्री पद से बर्खास्त किए गए गायत्री प्रजापति ने भी सुबह मुलायम के आवास पर पहुंचकर अपना पक्ष रखा।

संसदीय बोर्ड में होगा फैसला
सूत्रों ने कहा कि संभव है कि मुलायम अगले एक दो दिनों में संसदीय बोर्ड की बैठक बुलकर कोई रास्ता निकालने का प्रयास करें। संभवत: यह बैठक शुक्रवार को हो। मुलायम लगातार दो दिनों से यूपी के सियासी संकट पर मंथन कर रहे हैं। मुख्य सचिव दीपक सिंघल को हटाए जाने के बाद सपा नेता अमर सिंह भी मंगलवार को मुलायम से मिले थे।

चुनावी साल में अखिलेश की छवि कमजोर न हो
सूत्रों ने कहा मुलायम अपने भाई शिवपाल का सम्मान तो चाहते हैं लेकिन अखिलेश को भी कमजोर नहीं करना चाहते। कई वरिष्ठ नेताओं ने भी उन्हें सलाह दी है कि चुनावी साल में अपने सबसे विश्वसनीय चेहरे को कमजोर करने से सपा का चुनावी दांव उल्टा पड़ सकता है। सपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि मुलायम नि:संदेह पार्टी के सर्वोच्च नेता हैं। शिवपाल की संगठनिक क्षमता और पकड़ भी काफी मजबूत है। लेकिन अखिलेश की साफ सुथरी छवि ज्यादा भरोसेमंद और अन्य नेताओं की तुलना में ज्यादा लोकप्रिय हैं। पार्टी को चुनाव उनके नेतृत्व में ही लड़ना है। इसलिए उनकी कीमत पर शिवपाल को संतुष्ट करना आसान फैसला नहीं होगा।

अखिलेश झुकने को तैयार नहीं
सूत्रों ने कहा कि शिवपाल चाहते हैं कि वे अध्यक्ष पद संभालें इसके पहले उनका सम्मान बहाल होना चाहिए। उनका मानना है कि अगर उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाकर मंत्री पद से हटाने की बात हुई होती तो वे सम्मानजनक  तरीके से इस्तीफा दे देते। लेकिन जिस तरह से उनके विभाग बिना बताए वापस लिए गए इससे गलत संदेश गया है। मुलायम ने उनकी शिकायतों पर अखिलेश को समझाने का प्रयास किया है। लेकिन मुख्यमंत्री अखिलेश ने साफ कर दिया है कि वे कोई भी कीमत चुकाने को तैयार हैं लेकिन वे अपने फैसले वापस नहीं लेंगे। 

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