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विधायक ही तय करेंगे अगला सीएमः मुलायम सिंह यादव

उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े सियासी परिवार और सत्ताधारी पार्टी सपा में जारी घमासान पर मुलायम सिंह यादव ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि परिवार एक है, पार्टी एक है। लोहिया के रास्ते पर चलूंगा।...

विधायक ही तय करेंगे अगला सीएमः मुलायम सिंह यादव
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 26 Oct 2016 07:26 AM
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उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े सियासी परिवार और सत्ताधारी पार्टी सपा में जारी घमासान पर मुलायम सिंह यादव ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि परिवार एक है, पार्टी एक है। लोहिया के रास्ते पर चलूंगा। गांव-गांव जाकर संघर्ष किया है।

उन्होंने कहा कि वे अब रामगोपाल यादव की बात को महत्व नहीं देते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग साजिश कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि बहुमत के बाद ही सीएम का फैसला होगा।  प्रेंस कांफ्रेंस में शिवपाल सिंह यादव मौजूद रहे लेकिन सीएम अखिलेश यादव मौजूद नहीं रहे।

सपा में घमासानः मुलायम के एक बयान ने बदल दिया पूरा नजारा

इससे पहले शिवपाल यादव ने मंगलवार को कहा कि पार्टी में सबकुछ ठीक चल रहा है। नेताजी जो कुछ कहेंगे, वह वही करेंगे। वहीं, उनके मंत्रिमंडल में वापसी पर लोक निर्माण विभाग का पेंच फंसा हुआ है।

वहीं खबर है कि  मुलायम पार्टी के सीनियर नेता बेनी प्रसाद वर्मा को बड़ी भूमिका दे सकते हैं। बेनी प्रसाद वर्मा सपा से राज्यसभा मेंबर हैं। उनको रामगोपाल यादव की जगह संगठन में लाया जा सकता है।

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अखिलेश को सीएम चेहरा घोषित कराने पर अड़े समर्थक
समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह की प्रेस कान्फ्रेंस खत्म होते ही अखिलेश समर्थक सड़क पर उतर आए। समर्थक वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश को सीएम चेहरा घोषित करने और पूरा अधिकार देने की मांग कर रहे थे। एक समर्थक तो पेड़ पर चढ़ गया और वहीं से नारेबाजी करने लगा।

पार्टी मुख्यालय के बाहर हंगामा कर रहे युवा कार्यकर्ताओं पर काबू पाने के लिए पुलिस को धक्कामुक्की तक करनी पड़ी। इस हंगामे के दौरान सपा मुखिया मुलायम सिंह और प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव पार्टी मुख्यालय के अंदर ही मौजूद रहे। हंगामे के दौरान युवा कार्यकर्ता सड़कों पर अखिलेश के समर्थन में नारेबाजी कर रहे थे। नारेबाजी के दौरान कुछ युवा तो सड़कों पर भी लेट गए।

अमर सिंह पर फूटा गुस्सा
अखिलेश समर्थकों ने पार्टी कार्यालय के बाहर अमर सिंह के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। युवा कार्यकर्ता पार्टी में विवाद की असली वजह अमर सिंह को मान रहे हैं। कई कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाए कि अमर के चलते ही पार्टी में ऐसी स्थिति पैदा हुई। अखिलेश मुख्यमंत्री के साथ प्रदेश अध्यक्ष भी थे, तब कोई विवाद नहीं था। उनके आने के बाद अखिलेश को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया। अमर सिंह की यह सोची समझी चाल है। इसीलिए उन्हें तत्काल पार्टी से बाहर किया जाए।

अखिलेश को मिले अधिकार
पार्टी मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन करने वाले यूथ कार्यकर्ता विधानसभा चुनाव में अखिलेश को टिकट बांटने का अधिकार देने की भी मांग करते रहे। इसे लेकर तरह-तरह के नारे लगाए जाते रहे। कार्यकर्ताओं ने कहा कि अखिलेश प्रदेश में अब तक के सबसे बेहतर मुख्यमंत्री साबित हुए हैं। उनकी छवि बेदाग रही है...प्रदेश की जनता खासकर युवा उनके नेतृत्व की सराहना कर रहे हैं। नेता जी को ऐसे में अखिलेश यादव के नेतृत्व में विधानसभा के चुनाव में उतरना चाहिए।

जय अखिलेश की जगह मुलायम जिंदाबाद
युवा कार्यकर्ता पार्टी मुख्यालय के बाहर अखिलेश को अधिकार देने की मांग कर रहे थे। इसी बीच करीब 3:30 बजे मुलायम यूथ ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष पद के बर्खास्त मोहम्मद एबाद अपने समर्थकों के साथ मुलायम सिंह जिंदाबाद के नारे लगाते हुए वहां पहुंच गए। उनके पहुंचते ही वहां का पूरा नजारा बदल गया। अखिलेश जिंदाबाद के नारे लगा रहे कार्यकर्ता मुलायम जिंदाबाद व नेता जी जिंदाबाद के नारे लगाने लगते हैं। एबाद ने वहां से सभी कार्यकर्ताओं को हटने का इशारा किया। पेड़ पर चढ़े युवा को तुरंत नीचे उतरने को कहा गया। इसके बाद देखते ही देखते भीड़ छटने लगी। युवाओं की भीड़ छंटने के बाद 4:15 बजे सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव और शिवपाल सिंह यादव पार्टी मुख्यालय से एक साथ अपनी-अपनी गाड़ियों से निकल कर घर चले गए।

आज का घटनाक्रम 

- सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव मंगलवार सुबह पार्टी कार्यालय पहुंचे, जहां पर समर्थकों ने नारेबाजी की।

- शिवपाल ने कहा कि उनको तो बस नेताजी का आदेश मानना है।

- उन्होंने कहा कि वह नेता जी के साथ हैं।

- मुलायम सिंह यादव के बुलावे पर शिवपाल सिंह यादव, ओमप्रकाश, नारद राय और सीएम अखिलेश यादव उनके आवास पर पहुंचे। रजत जयंती समारोह की तैयारियों पर चर्चा होनी है।

-  सीएम अखिलेश यादव रथ यात्रा की तैयारी करना चाहते हैं।

- शिवपाल सिंह यादव के मंत्रिमंडल में वापसी में लोक निर्माण विभाग का पेंच फंसा हुआ है।

-  इस बीच रामगोपाल यादव ने दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस करके सपा से निकाले जाने पर अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि उनको असंवैधानिक तरीके से निकाला गया है। उनको राष्ट्रीय महासचिव को हटाने का अधिकार राष्ट्रीय अध्यक्ष के पास होता है। प्रदेश अध्यक्ष नहीं निकाल सकता है।

- रामगोपाल ने कहा कि उनके या उनके परिवार के खिलाफ सीबीआई ने कोई केस नहीं दर्ज किया है।

- मुलायम सिंह यादव के आवास पर चल रही बैठक दोपहर करीब सवा 12 बजे खत्म हो गई। सीएम अखिलेश यादव वहां से आशु मलिक को साथ लेकर अपनी गाड़ी से निकले।

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गौरतलब है कि मुलायम सिंह यादव ने पार्टी में मचे घमासान को खत्म करने के लिए सोमवार को लखनऊ में बैठक बुलाई थ, जिसका आगाज और खात्मा तू-तू, मैं-मैं और आरोप-प्रत्यारोप से हुआ। सुलह की कोशिशों के बीच सपा मुखिया मुलायम ने शाम साढ़े पांच बजे एक और बैठक बुलाई थी।

 

 

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