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रेलवे स्टेशनों पर स्टॉल के ठेके में लागू होगा आरक्षण, ये होंगे नियम

रेल मंत्रालय की नई खानपान नीति महिलाओं, अनुसूचित जाति व जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों के लिए रोजगार के अवसर लेकर आ रही है। स्टेशनों पर छोटे स्टॉल आवंटन में सरकार के आरक्षण के नियमों को लागू किया...

रेलवे स्टेशनों पर स्टॉल के ठेके में लागू होगा आरक्षण, ये होंगे नियम
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 27 Feb 2017 09:25 PM
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रेल मंत्रालय की नई खानपान नीति महिलाओं, अनुसूचित जाति व जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों के लिए रोजगार के अवसर लेकर आ रही है। स्टेशनों पर छोटे स्टॉल आवंटन में सरकार के आरक्षण के नियमों को लागू किया जाएगा। वहीं, स्वाष्टि व ताजा खाना परोसने के लिए कैटरिंग व्यवसाय से जुड़े दिग्गजों को रेलवे खानपान सेवा में लाया जाएगा।

रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने रेल भवन में आयोजित एक संक्षिप्त कार्यक्रम में नई खानपान नीति की घोषणा कर दी है। इसके तहत पहली बार सभी श्रेणियों के रेलवे स्टेशनों पर छोटे स्टॉल आवंटन में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण रहेगा। इसके अलावा एसएस-एसटी व ओबीसी को नियमों के तहत स्टॉल आवंटन किया जाएगा। नई नीति की खास बात यह है कि पहली बार खाना पकाने और ट्रेनों में आपूर्ति के काम को पृथक किया गया है।

आठ हजार स्टेशन
आठ हजार स्टेशनों पर 20 हजार से अधिक खानपान यूनिटों के लिए आरक्षित के लोगों को बहुत बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे।

मेगा किचन बनेंगे
इसमें प्रमुख रेलवे रूट के प्रमुख स्टेशनों पर पीपीपी मोड में मेगा किचन बनाए जाएंगे। इसमें मैकेनाइज्ड खाना बनाने की व्यवस्था होगी।

होटल चेन पर विचार
रेलवे का प्रसाय है कि इस काम के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कैटरिंग कंपनियां व होटल चेन को शमिल किया जाए। मेगा किचन में तैयार खाना ट्रेनों में यात्रियों को आपूर्ति के लिए अन्य ठेकेदार को दिया जाएगा। 

खानपान आईआरसीटीसी को
प्रभु ने बताया कि खानपान सेवा पूरी तरह से आईआरसीटीसी को सौंप दी गई है। इसलिए खानपान व्यवसाय को आगे बढ़ाने, मेन्यु, खाने की दरें तय करने आदि का जिम्मेदारी आईआरसीटीसी के पास होगी। इसके अलावा स्टेशनों पर जनाहार केंद्र, फूड प्लाजा, फूड कोर्ट, फास्ट फूड यूनिट, ई-कैटरिंग आदि उसके पास रहेगी। 

पांच साल का ठेका होगा
नई नीति में ठेके का आवंटन पांच साल के लिए होगा और इसका नवीनीकरण बार बार नहीं किया जाएगा। जिससे किसी एक कंपनी अथवा ठेकेदार का एकाधिकार कायम नहीं हो सकेगा।

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