GST: राष्ट्रपति ने दी संशोधन बिल को मंजूरी, 1 अप्रैल 2017 से होगा लागू
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गुरूवार को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संसोधन बिल को अपनी मंजूरी दे दी। देश के 16 राज्यों द्वारा पारित हो जाने के बाद राष्ट्रपति को इसे भेजा गया था। पिछले दिनों ओडिशा...
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गुरूवार को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संसोधन बिल को अपनी मंजूरी दे दी। देश के 16 राज्यों द्वारा पारित हो जाने के बाद राष्ट्रपति को इसे भेजा गया था। पिछले दिनों ओडिशा विधानसभा ने इसको पास किया था, जिसके बाद 50 फीसदी राज्यों की विधानसभा में इसे पास कराने का जरूरी काम भी पूरा हो गया था। इससे पहले गुरूवार को अरुणांचल प्रदेश विधानसभा ने भी इस बिल को पास कर दिया।
जीएसटी काउंसिल बनने का रास्ता साफ
जीएसटी कानून पर राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद जीएसटी काउंसिल बनने का रास्ता भी साफ हो गया है। जीएसटी काउंसिल ही टैक्स और सेस का रेट तय करेगी। संसद ने 8 अगस्त को जीएसटी संशोधन बिल को पास किया था। संविधान संशोधन विधेयक होने के कारण इस बिल का 50 फीसदी राज्यों की विधानसभाओं से पास होना जरूरी था।
बेहद कठोर लक्ष्य
हाल ही में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि जीएसटी अप्रत्यक्ष कराधान में एक बड़ा सुधार है, जो काफी समय से लंबित है। जेटली ने कहा कि हमने बेहद कठोर लक्ष्य रखा है और इसकी वजह है यह कि जीएसटी सुधार के समर्थन में राष्ट्रीय स्तर पर आकांक्षा शामिल है और 20-25 दिन के भीतर राज्य दर दर इसका अनुमोदन कर रहे हैं क्योंकि उन्हें सबसे अधिक फायदा हो रहा है।
राज्य सरकारें भी कर रही हैं इसको पास
राज्यों में मौजूद सरकार भी इसको पास करने में लगी हुई हैं। सभी राज्यों से स्वीकृति मिलने के बाद इसको अनुमोदन के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाना बरकरार है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा स्वीकत प्रदान किए जाने के बाद संविधान संशोधन विधेयक को अधिसूचित किया जाएगा। अधिसूचना जारी करने और जीएसटी परिषद के गठन के बाद निश्चित तौर पर कुछ लंबित मामले हैं जिनका परिषद समाधान करेगी। जेटली ने कहा कि हमारे पास ऐसा करने के लिए सितंबर, अक्तूबर का महीने और नवंबर का कुछ हिस्सा है। बहुत काम करना है।
राज्यों को पास करना होगा अपना कानून
जीएसटी लागू करने के संबंध में समयसीमा के बारे में पूछने पर जेटली ने कहा, राज्यों को अपने कानून पारित करने हैं। अब यदि आप इस पर निगाह डालते हैं तो यह बेहद कठोर लक्ष्य है और हमारे पास समय कम है। मैं निश्चित तौर पर प्रयास करना चाहूंगा। केंद्रीय कानून- जीएसटी और आईजीएसटी- का पारित होना सरकार के लिए महत्वपूर्ण आर्थिक कानूनों में से एक है।