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अरुणाचल में राष्ट्रपति शासन मामला: केंद्र-राज्यपाल को नोटिस, सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार तक जवाब मांगा

अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाये जाने के खिलाफ आज कांग्रेस की याचिका की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में सोमवार तक के लिए टल गई है। न्यायमूर्ति जगदीश सिंह केहर की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान...

अरुणाचल में राष्ट्रपति शासन मामला: केंद्र-राज्यपाल को नोटिस, सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार तक जवाब मांगा
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 27 Jan 2016 06:40 PM
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अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाये जाने के खिलाफ आज कांग्रेस की याचिका की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में सोमवार तक के लिए टल गई है। न्यायमूर्ति जगदीश सिंह केहर की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने वृहद सुनवाई के बाद केन्द्र सरकार और राज्य के राज्यपाल को नोटिस जारी करके शुक्रवार तक जवाब देने को कहा।

शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता को अपनी याचिका में संशोधन करने का भी आदेश दिया है। यह निर्देश अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी की आपत्तियों के बाद आया। न्यायालय ने मामले की सुनवाई की अगली तारीख एक फरवरी तय की है।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अरूणाचल प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता को देखते हुए लागू किए गए राष्ट्रपति शासन के खिलाफ कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि वह इस मामले में 'आपात' सुनवाई के लिए तैयार है।   

कोर्ट ने दोपहर दो बजे याचिका पर सुनवाई करते हुए अरूणाचल में राष्ट्रपति शासन लागू करने संबंधी राज्यपाल की रिपोर्ट 15 मिनट के अंदर पेश करने का निर्देश दिया।

पूर्व सीएम तुकी को कोर्ट से न्याय की उम्मीद
इस बीच अरूणाचल के पूर्व सीएम नबाम टुकी ने कहा कि प्रदेश के लोग राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने से दुखी हैं। उनको उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट न्याय करेगा।

उन्होंने राज्यपाल पर निशाना साधते हुए कहा कि जब से उनकी नियुक्ति हुई है तब से ही वे भाजपा के एक सक्रिय सदस्य की तरह सरकार के खिलाफ काम कर रहे हैं।

मंगलवार को मिली राष्ट्रपति शासन को मंजूरी
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अरूणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू करने की केंद्रीय कैबिनेट की सिफारिश को मंगलवार को मंजूरी दे दी, जिसके साथ ही राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रपति ने कैबिनेट की सिफारिश के दो दिनों बाद इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए। कैबिनेट ने रविवार को हुई विशेष बैठक में अरूणाचल में केंद्रीय शासन लागू किए जाने की सिफारिश की थी।

केंद्रीय गह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा था कि कैबिनेट यह फैसला लेने को बाध्य था क्योंकि वहां संवैधानिक संकट पैदा हो गया था और राज्य विधानसभा के दो सत्रों के बीच छह महीने की अवधि पूरी हो गयी थी।

राष्ट्रपति ने मंगलवार को गृह मंत्री राजनाथ सिंह को बुलाया था और राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की आवश्यकता के बारे में उनसे कुछ सवाल किए थे। राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने भी उनसे मुलाकात की थी और कैबिनेट के फैसले का विरोध किया था।

गौरतलब है कि अरूणाचल प्रदेश में पिछले साल 16 दिसंबर से राजनीतिक संकट है जब कांग्रेस के 21 विद्रोही विधायकों ने विधानसभाध्यक्ष नबाम रेबिया के महाभियोग के लिए एक अस्थायी स्थल पर भाजपा के 11 और दो निर्दलीय विधायकों के साथ हाथ मिला था। विधानसभाध्यक्ष ने इस कदम को अवैध और असंवैधानिक करार दिया था।

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