राजनीतिक दलों को छूट नहीं, आयकर पूछताछ का सामना कर सकते हैं: वित्त मंत्रालय
राजनीतिक पार्टियों की ओर से 500 और 1000 रूपए के पुराने नोटों को जमा करने पर कर अदायगी से उन्हें मिलने वाली छूट की खबरों पर स्पष्टीकरण जारी करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि उन्हें...
राजनीतिक पार्टियों की ओर से 500 और 1000 रूपए के पुराने नोटों को जमा करने पर कर अदायगी से उन्हें मिलने वाली छूट की खबरों पर स्पष्टीकरण जारी करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि उन्हें किसी तरह की छूट नहीं है और आयकर अधिकारी उनसे उसी तरह पूछताछ कर सकते हैं जैसे किसी अन्य से। राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने स्पष्ट किया कि राजनीतिक पार्टियां 500 और 1000 रूपए के नोटों में चंदा नहीं ले सकतीं, क्योंकि ऐसे नोट अब वैध नहीं रह गए हैं।
अधिया ने कई ट्वीट करके कहा कि राजनीतिक पार्टियों को कथित छूट से जुड़ी खबरें गलत और भ्रामक हैं। नोटबंदी और कर संशोधन कानून, 2016 लाने के बाद राजनीतिक पार्टियों को कोई छूट या विशेष सुविधा नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद कोई राजनीतिक पार्टी 500 और 1000 रुपये के नोटों में चंदा स्वीकार नहीं कर सकतीं क्योंकि वे अब अवैध हो गए हैं। यदि कोई विसंगति हुई तो राजनीतिक पार्टियों से आयकर अधिकारी उसी तरह पूछताछ कर सकते हैं जैसे किसी अन्य से। उन्हें कोई छूट नहीं है।
अधिया ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों की आय और चंदे आयकर कानून, 1961 की धारा 13-ए के दायरे में आती है और इस प्रावधान में कोई बदलाव नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि कानून में एक प्रावधान है जो 35 साल से ज्यादा पुराना है और इसमें अभी कोई बदलाव नहीं किया गया।
इससे पहले, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि राजनीतिक दलों के खातों की जांच पड़ताल के लिए आयकर कानून में पयार्प्त प्रावधान हैं भले ही उनकी आय को कर छूट मिली हो। सीबीडीटी ने एक बयान में कहा है कि पंजीकत राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले चंदे को कुछ शर्तों के साथ कर छूट प्राप्त है जिसमें खातों की आडिट व 20000 रुपये से अधिक के सभी चंदे कर दायरे में शामिल है।
हाल ही में कुछ मीडिया रपटों में कहा गया था कि बोर्ड को राजनीतिक दलों के आयकर रिटर्न जांचने का अधिकार नहीं है। इस बारे में स्पष्टीकरण जारी करते हुए सीबीडीटी ने कहा है, राजनीतिक दलों के खातों की जांच पड़ताल के लिए आयकर कानून में पर्याप्त प्रावधान हैं और ये राजनीतिक दल भी आयकर के अन्य प्रावधानों के दायरे में आते हैं जिनमें रिटर्न फाइल करना शामिल है।
बयान में कहा गया है कि आयकर में छूट केवल पंजीकत राजनीतिक दलों को है और इसमें भी कुछ शर्तें हैं जिनका उल्लेख आयकर कानून की धारा 13ए में किया गया है। इन शर्तों में खाता बही सहित अन्य दस्तावेज रखना शामिल है।
इसमें कहा गया है, 20,000 रुपये से अधिक हर तरह के स्वैच्छिक चंदे का राजनीतिक दलों को रिकार्ड रखना होगा जिसमें चंदा देने वाले का नाम व पता रखना भी शामिल है। इसके साथ ही हर राजनीतिक दल के खातों का चार्टर्ड एकाउंटेंट से ऑडिट होना चाहिए। राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे के बारे में रपट निवार्चन आयोग को देनी होती है।