इस गांव में इंसानों का नहीं बल्कि भूतों का है डेरा
लातेहार जिले का एक गांव पिछले 20 दिन से पूरी तरह खाली है। यहां के करीब 60 लोग गांव से पलायन कर गए हैं। वजह महामारी नहीं, बल्कि अंधविश्वास है। यहां के लोग भूत के डर से गांव छोड़कर चले गए हैं। गांव का...
लातेहार जिले का एक गांव पिछले 20 दिन से पूरी तरह खाली है। यहां के करीब 60 लोग गांव से पलायन कर गए हैं। वजह महामारी नहीं, बल्कि अंधविश्वास है। यहां के लोग भूत के डर से गांव छोड़कर चले गए हैं। गांव का स्कूल भी बंद है।
इस गांव का नाम है खीराखांड़। हेरहंज प्रखंड की सलैया पंचायत के तहत यह गांव आता है। गांव में केवल स्कूल का मकान ही पक्का है। बाकी सभी घर फूस के हैं। यह गांव लातेहार, चतरा और पलामू की सीमा पर जंगल और पहाड़ से घिरा है। नक्सली सबजोनल कमांडर बीरबल परहिया इसी गांव का है। वह छह माह पहले गिरफ्तार किया जा चुका है। गांव तक जाने के लिए संपर्क पथ नहीं है।
मायके आई तो खाली मिला गांव
गांव में नौ परिवार रहते हैं। इनमें करीब 60 लोग थे। ये सभी परहिया जनजाति के हैं। पिछले छह महीने के दौरान इस गांव के छह लोग अज्ञात बीमारी से मर गए। इसके बाद से ही गांव में अफवाह फैली कि यहां भूतों ने डेरा डाल दिया है। इसलिए ग्रामीण पलायन कर गए। गुरुवार को गांव में पूरी तरह सन्नाटा पसरा था। गांव के बाहर पांकी केकरगढ़ के विजय यादव और मतनाग गांव की सोहगिल परहिन से मुलाकात हुई। सोहगिल का मायका खीराखांड़ में है। उसने बताया कि वह हर साल बारिश के मौसम में अपने मायके आती है। इस बार आई, तो पूरा गांव खाली मिला। इसे देख वह आश्चर्य में हैं।