पठानकोट आतंकी हमले पर संसदीय समिति ने सरकार से पूछे 4 सवाल
संसद की एक समिति ने सरकार से सवाल किया है कि पठानकोट आतंकी हमले की जांच में पाकिस्तान की मदद मांगे जाने के पीछे क्या वजह थी, जबकि यह पता था कि उसी देश में आधारित जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों ने इस...
संसद की एक समिति ने सरकार से सवाल किया है कि पठानकोट आतंकी हमले की जांच में पाकिस्तान की मदद मांगे जाने के पीछे क्या वजह थी, जबकि यह पता था कि उसी देश में आधारित जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों ने इस हमले को अंजाम दिया है।
गृह मामलों की संसद की स्थायी समिति ने गृह मंत्रालय की इस बात का उल्लेख किया कि एनआईए दो जनवरी को हुए इस आतंकी हमले की जांच कर रही है। समिति ने इस मामले पर कुछ सवाल किए हैं।
1- पठानकोट एयर फोर्स बेस पर आतंकवादी हमले को संसदीय समिति ने बड़ी चूक के साथ सरकार की लापरवाही भी बताया है। समिति ने मोदी सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा है कि सूचना मिलने के बावजूद आतंकी कैसे घुस गए?
2- समिति ने सवाल किया है कि इस मामले में पाकिस्तान से मदद लेने की क्या जरूरत थी?
3- संसदीय समिति ने जानना चाहा है कि पाकिस्तान के संयुक्त जांच दल को देश में आने की अनुमति देने के पीछे क्या कारण था?
4- कांग्रेस नेता पी भट्टाचार्य की अध्यक्षता वाली 31 सदस्यीय समिति की रिपोर्ट में कहा गया कि सुरक्षा एजेंसियों को आतंकवादियों द्वारा अपहृत पंजाब पुलिस के अधीक्षक सलविंदर सिंह और उनके मित्रों से हमले के बारे में ठोस जानकारी मिल गयी थी। इसके अलावा एजेंसियों ने आतंकवादियों और उनके आकाओं के बीच हुई बातचीत के अंश भी पकड़े, जिनमें एक सुरक्षा प्रतिष्ठान पर हमले योजना का पता चला था। समिति ने कहा कि इतनी जानकारी मिलने के बाद भी सुरक्षा एजेंसी इस हमले को विफल क्यों नहीं कर पाईं। इससे पता चलता है कि वे इस तरह के हमलों से निपटने के लिए तैयार नहीं हैं।
If GoI was serious & intel functioned properly,picture would've been diff-Pradip Bhattacharya(Chairman,Parl Standing Committee,HA #Pathankot
— ANI (@ANI_news) May 3, 2016
समिति की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अब तक की जांच से यह भी सामने आया है कि इस हमले में पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद का हाथ है। समिति का यह भी मानना है कि यह हमला पाकिस्तान की सुरक्षा तथा खुफिया एजेंसियों की मदद के बिना नहीं हो सकता।
समिति ने पठानकोट वायुसैनिक अड्डे की सुरक्षा व्यवस्था को कमजोर बताते हुए इस पर चिंता जतायी है।