पठानकोट REPORT: हमारी बड़ी चूक, पाक से मदद की जरूरत क्यों पड़ी
पठानकोट एयरफोर्स बेस पर आतंकवादी हमले को संसद की एक समिति ने बड़ी चूक के साथ सरकार की लापरवाही भी बताया है। समिति ने मोदी सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि सूचना मिलने के बावजूद आतंकी कैसे घुस गए। इसके...
पठानकोट एयरफोर्स बेस पर आतंकवादी हमले को संसद की एक समिति ने बड़ी चूक के साथ सरकार की लापरवाही भी बताया है। समिति ने मोदी सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि सूचना मिलने के बावजूद आतंकी कैसे घुस गए। इसके अलावा इस मामले में पाकिस्तान से मदद लेने की क्या जरूरत थी।
We will ensure that all those concerns are addressed properly and with seriousness. We will take steps: Kiren Rijiju,MoS Home #Pathankot
— ANI (@ANI_news) May 3, 2016
गृह मंत्रालय से संबद्ध स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जब समय रहते आतंकवादी हमले की सूचना मिली तो फिर कैसे आतंकी वायु सैनिक अड्डे में घुसे और हमले को अंजाम दिया। इसके अलावा इस हमले की जांच में पाकिस्तान सरकार से मदद मांगने और पाकिस्तान के संयुक्त जांच दल को देश में आने की अनुमति देने पर भी सवाल उठाते हुए इस फैसले का कारण जानना चाहा है। समिति ने पठानकोट वायुसैनिक अड्डे की सुरक्षा व्यवस्था को कमजोर बताते हुए इस पर चिंता जतायी है।
सूचना मिलने पर भी मुस्तैद क्यों नहीं हुआ सुरक्षा तंत्र
कांग्रेस नेता पी भट्टाचार्य की अध्यक्षता वाली 31 सदस्यीय समिति ने आज संसद में अपनी रिपोर्ट पेश की। इसमें कहा गया कि सुरक्षा एजेंसियों को आतंकवादियों द्वारा अपहृत पंजाब पुलिस के अधीक्षक सलविंदर सिंह और उनके मित्रों से हमले के बारे में ठोस जानकारी मिल गयी थी। इसके अलावा एजेंसियों ने आतंकवादियों और उनके आकाओं के बीच हुई बातचीत के अंश भी पकड़े जिनमें एक सुरक्षा प्रतिष्ठान पर हमले योजना का पता चला था। समिति ने कहा है कि इतनी जानकारी मिलने के बाद भी सुरक्षा एजेंसी इस हमले को विफल नहीं कर पाई। इससे पता चलता है कि वे इस तरह के हमलों से निपटने के लिए तैयार नहीं हैं।
पाक खुफिया एजेंसी ने आतंकी हमले में की मदद
समिति की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अब तक की जांच से यह भी सामने आया है कि इस हमले में पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद का हाथ है। समिति का यह भी मानना है कि यह हमला पाकिस्तान की सुरक्षा तथा खुफिया एजेंसियों की मदद के बिना नहीं हो सकता। उसने इस हमले की जांच में पाकिस्तान सरकार से मदद लेने तथा वहां के संयुक्त जांच दल को भारत आने देने के सरकार के निर्णय पर भी सवाल उठाया है।