पाकिस्तान ने गलती से LOC पार कर गए भारतीय सैनिक को सौंपा
पाकिस्तान ने उस भारतीय सैनिक को आज भारत को सौंप दिया जो गत वर्ष सितम्बर में लक्षित हमले के कुछ ही घंटे बाद गलती से नियंत्रण रेखा पार करके दूसरी ओर चला गया था। चंदू बाबूलाल चव्हाण (22) अटारी-वाघा सीमा...
पाकिस्तान ने उस भारतीय सैनिक को आज भारत को सौंप दिया जो गत वर्ष सितम्बर में लक्षित हमले के कुछ ही घंटे बाद गलती से नियंत्रण रेखा पार करके दूसरी ओर चला गया था। चंदू बाबूलाल चव्हाण (22) अटारी-वाघा सीमा से भारत वापस लौटा। बीएसएफ ने जवान को सेना को सौंप दिया जो उसे एक अज्ञात स्थान पर ले गई।
चव्हाण 37 राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात था और भारत द्वारा नियंत्रण रेखा के पार आतंकवादी ठिकानों पर लक्षित हमला करने के कुछ ही घंटे बाद कश्मीर में गलती से नियंत्रण रेखा पार कर गया था। चव्हाण के भाई भूषण चव्हाण भी एक सैनिक हैं। भूषण ने कहा कि वह सेना को उसके प्रयासों के लिए धन्यवाद देते हैं। उन्होंने कहा कि डीजीएमओ और सेना ने जो प्रयास किए हैं उसके लिए मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं। मैं यह कभी भी भुला नहीं सकता। मैं भी एक सैनिक हूं और मैं अपनी आखिरी सांस तक पूरी ईमानदारी से अपनी ड्यूटी करता रहूंगा। भूषण ने कहा कि मैं ग्रामीणों और उन सभी के प्रति आभारी हूं जिन्होंने न केवल मेरे भाई बल्कि इस देश के एक सैनिक के लिए प्रार्थना की।
#FLASH Pak handed over Sepoy Chandu Babulal Chohan, who inadvertently crossed the LoC on 29 Sep 2016, to Indian authorities at 1430 hrs.
— ANI (@ANI_news) January 21, 2017
चव्हाण महाराष्ट्र के धुले जिले के बोरवीहिर गांव का रहने वाला है। उसे पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा पकड़े जाने की खबर सुनकर सदमे से उसकी दादी का निधन हो गया था। वहीं, चव्हाण के परिवार ने कहा कि अब जब चंदू को पाकिस्तान ने छोड़ दिया है उसकी दादी की अस्थियों को नदी में विसर्जित किया जा सकता है।
अटारी में तैनात एक अधिकारी ने बताया कि चंदू चव्हाण का पहले सेना के चिकित्सकों की एक टीम द्वारा चिकित्सकीय परीक्षण किया जाएगा। रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे ने कहा कि उनका मंत्रालय और डीजीएमओ जवान की रिहायी सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयासरत थे जो नियंत्रण रेखा गलती से पार करने के बाद पाकिस्तान की हिरासत में था।
मंत्री ने कहा कि विदेश मंत्रालय भी इसमें शामिल था। सैनिक की रिहायी सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास किये गए और परिणाम आज उसकी रिहायी के तौर पर आया। उन्होंने कहा कि हमारे डीजीएमओ अपने पाकिस्तानी समकक्ष के सम्पर्क में थे। गत सप्ताह हमें बताया गया कि उसे जल्द रिहा कर दिया जाएगा।
पाकिस्तानी सेना ने दिन में इससे पहले एक बयान जारी करके भारतीय सैनिक को सौंपने की घोषणा की थी। उसने कहा कि सैनिक ने नियंत्रण रेखा के पार अपने कमांडरों के खिलाफ कुछ शिकायतों के चलते अपनी चौकी छोड़ दी थी और उसे वापस स्वदेश लौटने के लिए राजी किया गया। पाकिस्तानी सेना के मेजर जनरल आसिफ गफूर ने एक ट्वीट में कहा कि पाकिस्तानी सेना भारतीय सैनिक को एक सदभाव के तहत लौटा रही है।
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने एक अलग बयान में कहा कि भारतीय सैनिक को लौटाने का पाकिस्तान सरकार का निर्णय मानवीय आधार और नियंत्रण रेखा एवं कामकाजी सीमा पर शांति बनाये रखने की प्रतिबद्धता पर आधारित है। उन्होंने कहा कि भारतीय आक्रामकता के बावजूद पाकिस्तान का शांतिपूर्ण पड़ोस में विश्वास है और वह क्षेत्रीय शांति एवं सुरक्षा को कमजोर करने के सभी कदमों को खारिज करता है।
चंदू चव्हाण के भाई भूषण चव्हाण ने अपने गांव बोरवीहिर से कहा कि चंदू को पाकिस्तान द्वारा पकड़ने की खबर सुनकर मेरी दादी का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। हमने निर्णय किया था कि चंदू के वापस लौटने तक दादी की अस्थियों का नदी में विसर्जन नहीं किया जाएगा। अब वह दिन आ गया है। उन्होंने बताया कि चंदू का गांव में स्वागत करने के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं और पटाखे छोड़े जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मुझे सुभाष भामरे (रक्षा राज्य मंत्री एवं स्थानीय सांसद) का फोन आया था और उन्होंने हमें चंदू की रिहायी के बारे में सूचना दी। उन्होंने कहा कि वह रक्षा मंत्री और डीजीएमओ के सभी अधिकारियों के प्रति आभारी हैं जिन्होंने चंदू की रिहायी के लिए लगातार प्रयास किए। भूषण चव्हाण ने पाकिस्तान स्थित मानवाधिकार संगठनों को भी पत्र लिखकर अपने भाई की रिहायी में मदद का आग्रह किया था। उन्होंने कहा कि मैंने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के राजदूत को भी ट्वीट किया था और उनकी मदद मांगी थी।
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