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लश्कर के निशाने पर था दिल्ली का नेशनल डिफेंस कॉलेज: हेडली

पाकिस्तान मूल के आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली ने शुक्रवार को सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा कि दिल्ली के नेशनल डिफेंस कालेज और मुंबई के भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बार्क) भी निशाने पर थे। उसने कहा कि...

लश्कर के निशाने पर था दिल्ली का नेशनल डिफेंस कॉलेज: हेडली
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 12 Feb 2016 06:52 PM
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पाकिस्तान मूल के आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली ने शुक्रवार को सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा कि दिल्ली के नेशनल डिफेंस कालेज और मुंबई के भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बार्क) भी निशाने पर थे। उसने कहा कि वह अलकायदा के नेता इलियास कश्मीरी से फरवरी 2009 में मिला था और उसने भविष्य में हमला करने के बारे में उससे बात की थी। उसने दिल्ली के नेशनल डिफेंस कालेज, पुणे और गोवा के छाबड़ हाउस की रेकी करने के लिए कहा था। कुछ साल पहले लश्कर की भी नेशनल डिफेंस अकेडमी के कालेज पर हमला करने की योजना थी।

हेडली ने बताया कि 26/11 के हमले के दौरान आईएसआई और लश्कर के निशाने पर मुंबई एयरपोर्ट और नेवल एयर स्टेशन भी थे। उसने जुलाई 2008 में भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र का वीडियोग्राफी किया था। उससे कहा गया था कि वह पाकिस्तानी खुफिया एजंसी आईएसआई के साथ काम करने के लिए कुछ लोगों का चयन करे।

हेडली ने बताया कि रेकी के दौरान वह मेजर इकबाल के कहने पर भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र भी गया था। वहां का वीडियो बनाकर उसने उसे मेजर इकबाल को सौंपा था।

हेडली को पांचवें दिन शुक्रवार को गवाही के दौरान जब आतंकी कसाब की तस्वीर दिखाई गई तो वह एक पल के लिए खामोश रह गया। बाद में उसने कसाब के लिए कहा कि अल्लाह उस पर रहम करे।

हेडली ने बताया कि आतंकी हमले की साजिश के दौरान मुंबई एयरपोर्ट को टारगेट में शामिल न किए जाने पर मेजर इकबाल ने आपत्ति जताई थी। मेजर किबाल ने कहा कि उसने मुंबई एयरपोर्ट और दूसरी लोकेशन को जीपीएस प्वाइंट्स के जरिए अपने सैटेलाइट फोन में नोट किया था जिसे लश्कर के आपरेटर साजिद मीर ने बाद में अपने लैपटाॠप में डाउनलोड कर लिया था ताकि सभी टारगेट की दूरियों की सही जानकारी रहे।
हेडली ने बताया कि जब वह 1 जून से 30 जून 2008 के बीच पाकिस्तान में था तो वह साजिद मीर, अबू कहफा, अब्दुर रहमान पाशा, लखवी और मेजर इकबाल से मिला था। उन लोगों से उसने हमले वाली जगहों के बारे में चर्चा की थी।

उसने बताया कि लखवी ने कहा था कि यह हमला बहुत ही महत्वपूर्ण है। भारत के पाक में कराए गए सभी हमलों का यह एक जवाब होगा। यह हमारा बदला होगा।

हेडली ने बताया कि 26/11 के हमलावरों के लिए जगहों का चयन करने के लिए उसने गेटवे आफ इंडिया, वर्ली और कफ परेड का दौरा किया था, जिसमें हमले के लिए कफ परेड को तय किया गया।

हेडली ने कहा कि 26/11 हमलों से पहले जुलाई 2008 में उसके मुंबई के अंतिम दौरे के दौरान, उसने दक्षिण मुंबई स्थित छाबड़ हाउस का सर्वेक्षण और वीडियोग्राफी की थी।

उसने कहा कि मैं नहीं जानता कि वहां कौन रह रहा था। साजिद मीर और पाशा ने मुझे इस स्थान का सर्वेक्षण करने के लिए कहा था। उसने कहा था कि यह एक अंतरराष्ट्रीय ठिकाना है क्योंकि वहां यहूदी और इस्राइली लोग रहते हैं।

हेडली ने यह भी कहा कि उसने अपनी आखिरी यात्रा में ताज होटल के नालंद बुक स्टोर से पांच किताबें खरीदी थीं। इनमें से एक किताब इंडियन आर्मी विजन 2020 थी। मैं भारतीय सेना की भविष्य में प्रगति के बारे में जानना चाहता था। जब न्यायाधीश जीए सनप ने हेडली से पूछा कि उसने अन्य चार किताबें क्यों खरीदी थीं, इस पर उसने कहा कि अन्य किताबें चित्रात्मक थीं और वे देखने में अच्छी थीं, इसलिए मैंने उसे खरीदा।

हेडली ने अदालत को बताया कि उसने कफ परेड में बधवार पार्क को चुना था जहां 10 हमलावर कदम रखेंगे क्योंकि यह इलाके मुख्य सड़क की ओर से झुग्गी-झोपडि़यों से घिरा था और इसलिए उसे लगा था कि इससे आतंकवादियों को रणनीतिक लाभ मिलेगा। उसने कहा कि मैं मई 2008 में अमेरिका गया था। मैं तहव्वुर राणा (हेडली के कारोबारी साझीदार) से नहीं मिल पाया था लेकिन मैंने उससे फोन पर बात की थी। उसे बताया कि आतंकवादियों के लैंडिंग साइट का चयन कर लिया है। हेडली ने कहा कि लश्कर का कमांडर जकी उर रहमान 10 आतंकवादियों के लैंडिंग साइट के रूप में गेटवे आफ इंडिया का चयन करना चाहता था। लेकिन मेरी सलाह पर बधवार पार्क पर समहति जताई थी।

बाल ठाकरे को मारना चाहता था लश्कर
पाकिस्तान मूल के आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली ने गवाही के दौरान एक चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा कि लश्कर के निशाने पर शिवसेना भवन था। लश्कर ने शिवसेना मुख्यालय की रेकी करने को कहा था। लश्कर शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे की हत्या करवाना चाहता था। हेडली ने अदालत को  बताया कि उसने शिवसेना भवन के अंदर दाखिल होने के लिए उद्घव ठाकरे के पीआरओ राजाराम रेगे से गहरी दोस्ती की थी। उससे उसकी मुलाकात दादर के शिवसेना मुख्यालय में हुई थी। रेगे से दोस्ती करने के लिए साजिद मीर ने कहा था। हेडली ने बताया कि सिद्धिविनायक मंदिर में हमले के लिए आतंकियों को हिन्दू बनाकर भेजने की तैयारी थी। इसके लिए उसने बाकायदा हाथ में बांधने के लिए लाल और पीले रंग का कलावा भी खरीदा था। उसने कहा कि मैंने जब कलावा साजिद मीर को दिखाया तो वह बेहद खुश हुआ और उसने मेरे काम की सराहना भी की। बाद में मुझे यह भी बताया गया था कि मुंबई हमले के दौरान हमलावरों ने वही कलावा पहन रखा था। उसने बताया कि 10 हमलावरों की पहचान छुपाने के लिए सिद्धिविनायक मंदिर से लाल और पीले रंग के पवित्र धागे खरीदे गए थे ताकि लोग उन्हें हिन्दू ही समझें। लश्कर ने छाबड़ हाउस का चयन इसलिए किया क्योंकि यह एक अंतरराष्ट्रीय स्थल था, जहां यहूदी और इस्राइली लोग रह रहे थे।

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