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Hindi Newsmuslim people do ramleela in navratri

इस गांव में कई सालों से मुस्लिम ही करते हैं रामलीला

नवरात्रि के समाप्त होते ही दशहरा पूरे देश में मनाया जाएगा। दशहरा के पहले नवरात्रि के 9 दिन देशभर में कई जगहों पर रामलीला का मंचन किया जाता है। ऐसे ही एक गांव है, जहां पर मुस्लिम समुदाय के लोग मंचन...

इस गांव में कई सालों से मुस्लिम ही करते हैं रामलीला
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 06 Oct 2016 09:28 AM
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नवरात्रि के समाप्त होते ही दशहरा पूरे देश में मनाया जाएगा। दशहरा के पहले नवरात्रि के 9 दिन देशभर में कई जगहों पर रामलीला का मंचन किया जाता है। ऐसे ही एक गांव है, जहां पर मुस्लिम समुदाय के लोग मंचन करते हैं। राम हो या रावण, सीता हो या फिर मंदोदरी... रामायण के प्रत्येक किरदार में मुस्लिम समुदाय के लोग होते हैं। यह पिछले लगभग 13 सालों से लगातार रामलीला का मंचन किया जा रहा है, हालांकि इस गांव में हिंदू समाज के लोग भी मिलकर रामलीला के मंचन में पूरा सहयोग करते हैं। आइए आज हम आपको बताते हैं आखिर यह गांव कहां है और मुस्लिम समुदाय के लोग ही क्यों करते हैं रामलीला का मंचन?

गांव का हर सदस्य चाहता है मुस्लिम ही करें मंचन

उत्तराखंड के शांतिपुरी स्थित एक बेहद पुराना गांव तुर्कागौरी का नाम पूरे देशभर सिर्फ इसलिए जाना जाता है, क्योंकि इनकी इस अनूठी पहल की वजह से भाईचारे का संदेश मिलता है। यहां लगभग 13 सालों के हिंदू और मुस्लिम साथ मिलकर रामलीला का आयोजन कर रहे हैं। राम के रूप में मुस्लिम युवक तो लक्ष्मण के रूप में हिंदू समुदाय के लोग मंचन एक साथ मंचन करते हैं। एकता और सौहार्द का उदाहरण आप इस तरह भी देख सकते हैं कि पिछले कई सालों से तुर्कागौरी के रामलीला कमेटी के अध्यक्ष भी सिर्फ मुस्लिम समाज से ही बन रहे हैं। गांव का हर कोई सदस्य चाहता है कि रामलीला का मंचन कराने की जिम्मेदारी सिर्फ उन्हें ही मिले।

इस रामलीला कमेटी में क्या है खास?
बीते 10 सालों से रामलीला कमेटी के अध्यक्ष अशरफ अंसारी रहे हैं। इसके बाद लियाकत अंसारी को 2014 में अध्यक्ष बनाया गया है। वर्तमान में भी रामलीला मंचन की जिम्मेदारी उन्हीं के हाथों में है। नवरात्रि के शुरू होते ही रामलीला की टीम 8 से 9 दिन तक लगातार रामलीला का मंचन किया जाता है। इसमें दशरथ पुत्र राम के जन्म होने, 14 वर्ष वनवास, राम-हनुमान मिलाप, लंका दहन आदि का मंचन हिंदू-मुस्लिम युवा मिलकर करते हैं। इस गांव आस-पास के इलाकों से सैकड़ों-हजारों लोग रामलीला का मंचन देखने के लिए एकत्रित होते है।

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