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विजय माल्या ने राज्यसभा सांसद पद से दिया इस्तीफा

राज्यसभा की आचार समिति द्वारा अपने निष्कासन की सिफारिश किए जाने से एक दिन पहले निर्दलीय सांसद और शराब उद्योगपति विजय माल्या ने आज उच्च सदन से इस्तीफा दे दिया। वह 9,400 करोड़ रूपये से अधिक के कर्ज की...

विजय माल्या ने राज्यसभा सांसद पद से दिया इस्तीफा
एजेंसीMon, 02 May 2016 10:21 PM
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राज्यसभा की आचार समिति द्वारा अपने निष्कासन की सिफारिश किए जाने से एक दिन पहले निर्दलीय सांसद और शराब उद्योगपति विजय माल्या ने आज उच्च सदन से इस्तीफा दे दिया। वह 9,400 करोड़ रूपये से अधिक के कर्ज की अदायगी नहीं करने के मामले का सामना कर रहे हैं।

राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी को लिखे अपने इस्तीफा पत्र में माल्या ने कहा है कि वह नहीं चाहते कि उनके नाम और छवि की और अधिक मिट्टी पलीद हो।

उन्होंने पत्र में कहा, और चूंकि हालिया घटनाक्रम से जाहिर होता है कि मुझे निष्पक्ष सुनवाई या न्याय नहीं मिलेगा, इसलिए मैं राज्यसभा की सदस्यता से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देता हूं।

उन्होंने राज्यसभा की आचार समिति के अध्यक्ष करन सिंह द्वारा उन्हें लिखे गए पत्र का भी जिक्र किया और कहा कि उन्होंने सिंह को जवाब दे दिया है। यह राज्यसभा में माल्या का दूसरा कार्यकाल है और यह एक जुलाई को समाप्त होने वाला था।

मामले पर गौर करने वाली उच्च सदन की आचार समिति ने 25 अप्रैल की अपनी बैठक में आमराय से फैसला किया कि माल्या को अब सदन का सदस्य नहीं रहना चाहिए और यह तीन मई की अगली बैठक में उन्हें निष्कासित करने की सिफारिश करने की योजना बना रही थी। इसके साथ ही समिति ने माल्या को अपने व्यवहार को स्पष्ट करने के लिए एक हफ्ते का समय देने का फैसला किया।

गौरतलब है कि सरकार ने एक हफ्ता पहले माल्या का पासपोर्ट रद्द कर दिया था। दो मार्च को भारत छोड़ने के बाद उनके ब्रिटेन में रहने की बात मानी जा रही है। 

माल्या ने अपने दो कार्यकाल के दौरान मिले सहयोग को लेकर राज्यसभा के सभापति और सदन में अपने सहकर्मियों का भी शुक्रिया अदा किया।

उन्होंने कहा कि उन्हें समिति के अध्यक्ष करन सिंह से 25 अप्रैल को लिखा एक पत्र मिला जिसमें यह कहा गया था कि राज्य सभा के सभापति ने माल्या द्वारा बैंक कर्ज की कथित अदायगी नहीं करने के सिलसिले में समिति को एक पत्र भेजा है। यह कर्ज माल्या की संपत्ति या देनदारियों की घोषणा में प्रदर्शित नहीं किया गया था।

माल्या ने कहा कि पत्र में आगे कहा गया है कि कथित तौर पर हाल ही में हुई एक बैठक में आचार समिति ने आमराय से महसूस किया कि उन्हें राज्यसभा से निकाल देना चाहिए।

राज्यसभा सभापति को अपना इस्तीफा फैक्स करते हुए माल्या ने जोर देते हुए कहा, मेरे खिलाफ आरोप सरासर झेठे और बेबुनियाद हैं।

उन्होंने कहा, मैं स्तब्ध हूं कि भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग ने एक संसदीय समिति को तथ्यात्मक रूप से गलत सूचना मुहैया की। माल्या ने कहा, मैं नहीं चाहता कि मेरा नाम और छवि और धूमिल हो तथा हालिया घटनाक्रमों से जाहिर होता है कि मेरी निष्पक्ष सुनवाई नहीं होगी या न्याय नहीं मिलेगा, इसलिए मैं राज्यसभा की सदस्यता से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देता हूं।

समिति की बैठक में जदयू के तत्कालीन अध्यक्ष शरद यादव ने माल्या के निष्कासन का पुरजोर समर्थन किया था। हालांकि कुछ अन्य सदस्यों ने महसूस किया कि प्रक्रिया पूरी होनी चाहिए और उन्हें अपने व्यवहार को स्पष्ट करने के लिए समय दिया जाना चाहिए।

समिति ने 13 बैंकों से माल्या के एयरलाइन किंगफिशर पर देनदारियों का ब्यौरा मांगा था जिन्होंने अपना जवाब सौंपा जिसके मुताबिक माल्या की कंपनी पर कुल देनदारी 9431.65 करोड़ रूपये की है। 

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