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समझिए भगवान कृष्ण की जन्मकुंडली को

भगवान श्रीकृष्ण  का आज पांच हजार 241वां जन्मदिन है। श्रीकृष्ण के अनूठे जीवन को जानने की लालसा हर किसी में है। उनके द्वारा दिए गए गीता के उपदेश विश्व प्रसिद्ध हैं। जिसका मुख्य कारण सूर्य का...

समझिए भगवान कृष्ण की जन्मकुंडली को
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 05 Sep 2015 02:55 PM
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भगवान श्रीकृष्ण  का आज पांच हजार 241वां जन्मदिन है। श्रीकृष्ण के अनूठे जीवन को जानने की लालसा हर किसी में है। उनके द्वारा दिए गए गीता के उपदेश विश्व प्रसिद्ध हैं। जिसका मुख्य कारण सूर्य का स्वराशि में होना बताया जाता है।

इस बारे में ज्योतिषचार्य विभोर इंदूसुत का कहना है कि श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र के दिन हुआ था। इनकी जन्मपत्री के अंदर वृष लगन व वृष राशि है।

चंद्रमा लगन में उच्च राशि में बैठे हैं। सूर्य चर्तुथ  स्थान पर स्वग्रही हैं। बुध पंचम स्थान में उच्च राशि में बैठे हैं। शनि छठे स्थान में उच्च राशि में हैं। इसके अलावा बृहस्पति एकादशी भाव में स्वग्रही हैं।

मंगल भाग्य स्थान के उच्च राशि में है। बुध पंचम स्थान में उच्च राशि में रहने के कारण कृष्ण जन्मपत्री में महाबुद्धिमान का योग बनता है और चंद्रमा के उच्च राशि में होने के कारण इनकी बाल लीला बहुत प्रसिद्ध हैं।

इनके छठे भाव में उच्च का शनि है। इस कारण राक्षसों और कंस का संहार किया। मंगल भाग्य स्थान पर उच्च राशि में है। ऐसे व्यक्ति राजनीति करना भी बखूबी जानते हैं।

उन्हें अच्छे से पता होता है कि कहां पर क्या दांव खेलना है। शनि व केतु के छठे स्थान पर होने के कारण उनका जन्म कारगार में हुआ था। इसमें चंद्रमा उच्च राशि में है, ऐसा व्यक्ति अपनी ओर आर्कषण करने में बहुत माहिर भी होता है।

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