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चांडी मुद्दे पर लोकसभा में जमकर हंगामा

केरल में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुलाए जाने और राज्य के मुख्यमंत्री ओमन चांडी को न्योता नहीं दिए जाने के मुद्दे पर सोमवार को लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ। विपक्षी सांसदों...

चांडी मुद्दे पर लोकसभा में जमकर हंगामा
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 14 Dec 2015 10:46 PM
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केरल में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुलाए जाने और राज्य के मुख्यमंत्री ओमन चांडी को न्योता नहीं दिए जाने के मुद्दे पर सोमवार को लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ। विपक्षी सांसदों ने सरकार पर संघवाद की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए सदन का वॉक आउट किया। कांग्रेस ने सदन की कार्यवाही का पूरे दिन बहिष्कार किया। वहीं, सरकार का पक्ष रखते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्ष के आरोपों का खंडन किया।

राजनाथ ने कहा कि इस मामले में विपक्ष का आरोप बेबुनियाद है। इस पूरे प्रकरण से प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) और प्रधानमंत्री का कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि यह फैसला कार्यक्रम आयोजित करने वाले संगठन का है। हालांकि बाद में एक पत्र भी सत्ता पक्ष की ओर से जारी किया गया, जिसमें दावा किया गया कि स्वयं मुख्यमंत्री ने ही कार्यक्रम में हिस्सा लेने से मना कर दिया था।

उनके जवाब से अंसतुष्ट कांग्रेस सांसदों के साथ तृणमूल कांग्रेस, जदयू, राजद और वामदलों के सदस्यों ने भी सदन से वाकआउट कर दिया। 

पीएमओ पर आरोप
कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल ने शून्यकाल में मुद्दा उठाते हुए कहा कि कार्यक्रम में पहले मुख्यमंत्री को भी आमंत्रित किया गया था। लेकिन बाद में उन्हें मना कर दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसा पीएमओ और खुद प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप की वजह से हुआ। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री के ओएसडी ने स्वयं मुख्यमंत्री को फोन भी किया। कांग्रेस नेताओं ने इसे न केवल राज्य की जनता का, बल्कि देश के संघीय ढांचे का भी अपमान बताया। उन्होंने इस पर प्रधानमंत्री एवं पीएमओ की चुप्पी पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि इस बारे में जानकारी हासिल करना जनता का अधिकार है। इस पर प्रधानमंत्री को खुद बयान देना चाहिए।

गृहमंत्री ने आरोप खारिज किए
गृहमंत्री ने इस पर कहा कि केरल का संबंधित कार्यक्रम एक सामाजिक-सांस्कृतिक संगठन एसएनडीपी का है और किसी को बुलाना या न बुलाना उसका विशेषाधिकार है। उन्होंने स्पष्ट किया कि चांडी को बुलाए जाने को लेकर संगठन में ही दो फाड़ हो चुका था। अंतत: आम सहमति से मुख्यमंत्री को न बुलाए जाने का फैसला लिया गया है, जिसके संदर्भ में मुख्यमंत्री को भी जानकारी दे दी गई है। गृहमंत्री ने कहा, हमारी सरकार सहकारी संघवाद में विश्वास करती है। जब से यह सरकार बनी है तब से हम केंद्र और राज्य सरकारों के बीच बेहतर संबंध बनाने में जुटे हैं।

चांडी को हमने नहीं बुलाया: नातेसन
चांडी को नहीं बुलाने के प्रकरण पर एसएनडीपी ने सफाई दी है। संगठन के महासचिव वेल्लापल्ली नातेसन ने कहा कि चांडी का नाम मेहमानों की सूची से हटाने के लिए वह जिम्मेदार हैं न कि भाजपा नेतृत्व। उन्होंने कोल्लम में कहा, कि मुख्यमंत्री को समारोह में शामिल होने से रोकने के लिए भाजपा या किसी और की ओर से कोई दबाव नहीं था।

संवैधानिक मूल्यों के हनन का आरोप
बाद में कांग्रेस ने प्रेसवार्ता में केंद्र सरकार पर संवैधानिक मूल्यों की धज्जियां उड़ाने का आरोप लगाया। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि सरकार ने गैर भाजपा शासित राज्यों में बिना मुख्यमंत्रियों से चर्चा किए हुए राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ से जुड़े लोगों को राज्यपाल बनाया। इन राज्यों में राज्यपाल सीधे मुख्यसचिवों और सचिवों को बुलाकर निर्देश दे रहे हैं। साथ ही चुने हुए मुख्यमंत्रियों का अपमान केंद्र सरकार द्वारा किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ओमन चांडी केरल का प्रतिनिधित्व करते हैं। वह केरल की जनता के आवाज हैं। लेकिन उनको कार्यक्रम में नहीं बुलाया जाना राज्य की जनता का अपमान है। प्रधानमंत्री ने उनका अपमान किया है। यह हमे स्वीकार नहीं है।
- राहुल गांधी, कांग्रेस उपाध्यक्ष

 

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