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Hindi News16 साल बाद इरोम शर्मिला ने अनशन तोड़ा, लड़ेंगी चुनाव

16 साल बाद इरोम शर्मिला ने अनशन तोड़ा, लड़ेंगी चुनाव

  शादी भी करूंगी: शर्मिला मणिपुर में अफ्सपा (सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम) के खिलाफ 16 साल से अनशन कर रहीं राज्य की आयरन लेडी इरोम शर्मिला ने अपनी भूख हड़ताल तोड़ दी है। अनशन तोड़न

लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 09 Aug 2016 04:59 PM

शादी भी करूंगी: शर्मिला

मणिपुर में अफ्सपा (सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम) के खिलाफ 16 साल से अनशन कर रहीं राज्य की आयरन लेडी इरोम शर्मिला ने अपनी भूख हड़ताल तोड़ दी है। अनशन तोड़ने के बाद मीडिया के साथ बातचीत में इरोम ने कहा कि मैं राजनीति में जाउंगी और मणिपुर की मुख्यमंत्री बनना चाहती हूं।

इससे पहले इरोम शर्मिला ने मंगलवार को यहां एक अदालत में कहा कि वह अपना 16 साल पुराना अनशन तोड़ेंगी। शर्मिला ने इंफाल में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी से कहा कि वह संवाददाताओं से भी बात करना चाहती हैं। इसके बाद अदालत ने उनसे कहा कि जमानत बांड भरने के बाद वह जो चाहे कर सकती हैं। शर्मिला ने कई अन्य लोगों की ओर से अनशन नहीं तोड़ने की अपील खारिज कर दी। सरकार ने उन्हें सुरक्षा प्रदान की है, क्योंकि इस फैसले से उन्हें उग्रवादियों से खतरे की आशंका है। शर्मिला ने गत 26 जुलाई को अदालत में कहा था कि उन्होंने नौ अगस्त को अनशन तोड़ने की योजना बनाई है। वह चुनाव लड़ेंगी और शादी भी करेंगी।

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16 साल बाद इरोम शर्मिला ने अनशन तोड़ा, लड़ेंगी चुनाव

 

16 साल बाद ख़त्म होगा अनशन

आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल पावर एक्ट यानी AFSPA के विरोध में पिछले 16 सालों से लगातार अनशन कर रहीं मणिपुर की रहने वालीं इरोम शर्मिला आज अपना अनशन ख़त्म कर देंगी। इरोम ने अब राजनीति में आकर अपनी इस मांग को आगे बढ़ाने का फैसला किया है। बता दें कि साल 2009 में उन्होंने इस अनशन की शुरूआत की थी और तभी से ही उन्हें जबरन लिक्विड डाइट के जरिये जिंदा रखा जा रहा था। इरोम ने अपनी भूख हड़ताल तब शुरू की थी जब भारतीय सेना ने  मणिपुर में दिन दहाड़े एक बस स्टैंड पर 10 लोगों को मार डाला था। इरोम पिछले 16 सालों में ज्यादातर समय न्यायिक हिरासत में राजधानी इंफाल के एक अस्पताल में बिता रहीं थीं। 

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क्या कहते हैं इरोम के भाई सिंहजीत

इरोम के भाई सिंहजीत ने बताया कि अधिकारों के लिए होने वाले आंदोलनों का चेहरा बन चुकी शर्मीला यहां की स्थानीय अदालत में अपना उपवास खत्म करेंगी। शर्मीला को जीवित रखने के लिए कैदखाने में तब्दील हो चुके अस्पताल में उन्हें साल 2000 से ही नासिका में ट्यूब के जरिए जबरन भोजन दिया जा रहा था। सिंहजीत ने बताया, ‘‘कल उन्हें न्यायिक मेजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाएगा। जब वे उपवास तोड़ लेंगी तो उन्हें न्यायिक हिरासत से रिहा कर दिया जाएगा। पखवाड़े भर पहले उन्होंने उपवास तोड़ने की घोषणा की थी।’’ इस नई शुरुआत के समय शर्मीला कुनबा लूप के बैनर तले काम करने वाले बड़ी संख्या में उनके समर्थक और महिला कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे लेकिन उनकी 84 वर्षीय मां शाखी देवी यहां नहीं होंगी। उनके भाई ने कहा, ‘‘रिहा होने के बाद वे कहां जाएंगी, इस बारे में हमें कोई जानकारी नहीं है। अगर वह घर आकर हमारे साथ रहना चाहती हैं तो उनका स्वागत है. लेकिन यह फैसला पूरी तरह से उनका ही होगा।’’

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क्या है AFSPA

आफ़्सपा के तहत भारतीय सेना बिना वॉरेंट किसी को भी गिरफ्तार कर सकती है और कुछ परिस्थितियों में तो बिना आदेश के मारने के लिए गोली भी चला सकती है। आफ़्सपा, भारत के कई राज्यों में लागू है, जिसमें मणिपुर और भारत-प्रशासित कश्मीर शामिल हैं। उनके विरोध को दुनियाभर से मान्यता मिली और एमनेस्टी इंटरनेशनल ने उन्हें 'अंतरात्मा की कैदी' कहकर बुलाया था।

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