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Hindi Newsचीन हुआ पस्त: भारत की 'मेड इन इंडिया' ने 'मेड इन चाइना' को पछाड़ा

चीन हुआ पस्त: भारत की 'मेड इन इंडिया' ने 'मेड इन चाइना' को पछाड़ा

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लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 29 Mar 2017 09:26 AM

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'मेक इन इंडिया' योजना अब दुनिया में भी पहचान बनाने लगा है। इतना हीं नहीं, भारत समेत कई देशों में चीन की 'मेड इन चाइना' के प्रोडक्ट भले ही कितनी भी पहुंच हो, लेकिन गुणवत्ता के मामले में 'मेड इन इंडिया' ने पछाड़ दिया है। चीन के प्रोडक्ट भले ही सस्ते और दोयम दर्जे के उत्पादों से मार्केट में छाया रहता है, लेकिन जहां गुणवत्ता और बेहतर मैन्युफैक्चरिंग की बात की जाएगी तो चीन हमसे पीछे है। 

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मेड इन कंट्री इंडेक्स (एमआईसीआई-2017) के द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक भारत को चीन से ज्यादा अंक मिले हैं। बता दें कि यूरोपीय संघ और दुनिया के 49 बड़े देशों को लेकर सोमवार को सर्वे ने एक सूची जारी की। उनमें क्वालिटी (गुणवत्ता) व क्रेडिबिलिटी (विश्वसनीयता) के आधार पर सभी देशों को रैंकिग दी गई। इस सूचकांक के मुताबिक भारत को 36 अंक प्राप्त हुए, वहीं चीन को सिर्फ 28 अंक ही मिले। इस इंडेक्स के अनुसार चीन हमसे 8 अंक पीछे रहा है। भारत को इस कुल 49 देशों में 42वां स्थान हासिल हुआ, जबकि चीन को सबसे अंतिम 49वां स्थान से संतुष्ट रहना पड़ा।

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कौन रहा टॉप पर

कुल देशों में जर्मनी 100 अंकों के साथ टॉप रहा। वहीं दूसरे स्थान पर 98 अंकों के साथ स्विटजरलैंड और तीसरे स्थान पर यूरोपीय संघ (92 अंक) रहा। 

रैंक     देश          अंक
1.     जर्मनी       100
2.  स्विटजरलैंड    98
3. यूरोपीय संघ    92
4.    ब्रिटेन          91
5.   स्वीडन         90
6.   कनाडा         85
7.    इटली          84
8.   जापान         81
9.    फ्रांस           81
10. अमेरिका      81

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क्या है 'मेड इन' का इतिहास

भले ही चीन के मेड इन प्रोडक्ट दुनिया भर में फैले हुए हैं, लेकिन सस्ते और घटिया उत्पादों के कारण उसे यह स्थान हासिल हुआ है। 19वीं सदी के आखिरी वर्षों में चीन की तरह जर्मनी के प्रोडक्ट का हाल कुछ ऐसा ही था, बड़े ब्रांडों की कॉपी कर घटिया उत्पादों को तैयार करना और उन्हें सस्ते दामों में बाजारों में उपलब्ध करवाता था। 

जर्मनी नकली ब्रांड को ब्रिटेन में निर्यात करता था, जिसके कारण ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था बिगड़ने लगी। इन्हीं कारणों से ब्रिटेन ने नकली उत्पादों से बचने के लिए 'मेड इन' लेवल की शुरूआत की और आज लगभग कई बड़े देश इसका प्रयोग कर रहे हैं।

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पीएम की मुहिम 'मेक इन इंडिया' को मिली पहचान

भारत का प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने विभिन्न योजनाओं के साथ 'मेक इन इंडिया' मुहिम को भी अहमियत दी। मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए दुनिया भर में पीएम मोदी ने दौरे के दौरान खूब प्रचार-प्रसार किया। फायदा यह हुआ कि कई मल्टीनेशनल कंपनियां भारत में आकर प्रोडक्ट तैयार करने और आयात-निर्यात करने के लिए रूचि दिखाई।

इतना ही नहीं, भारत वर्तमान में पनडुब्बी से लेकर सेटेलाइट तक खुद बनाने में सक्षम हो चुका है। 2014 में देशी कंपनियों द्वारा निर्मित मंगलयान मंगल की कक्षा में पहले प्रयास में स्थापित करने वाला भारत दुनिया का एकमात्र देश बना।

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