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IRCTC: भारतीय रेल ने ट्रांसजेंडर को तीसरे लिंग का दर्जा दिया

भारतीय रेलवे और IRCTC ने टिकट आरक्षण और टिकट रद्द कराने वाले परिपत्र में महिला और पुरुष के साथ-साथ ट्रांसजेंडर को तीसरे लिंग के तौर पर शामिल कर लिया है। एक वकील के आवेदन पर यह निर्णय लिया गया। टिकट...

IRCTC: भारतीय रेल ने ट्रांसजेंडर को तीसरे लिंग का दर्जा दिया
एजेंसीMon, 28 Nov 2016 09:53 AM
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भारतीय रेलवे और IRCTC ने टिकट आरक्षण और टिकट रद्द कराने वाले परिपत्र में महिला और पुरुष के साथ-साथ ट्रांसजेंडर को तीसरे लिंग के तौर पर शामिल कर लिया है। एक वकील के आवेदन पर यह निर्णय लिया गया। टिकट आरक्षण और रद्द कराने के अलावा यह सुविधा ऑनलाइन और ऑफलाइन भी उपलब्ध होगी। 

दिल्ली हाई कोर्ट ने फरवरी में दिल्ली के एक वकील से अपनी याचिका पर कार्रवाई के लिए रेलवे मंत्रालय से संपर्क करने को कहा था। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में संविधान के तीसरे भाग और संसद के द्वारा बनाए गए कानून के तहत हिजड़ा और किन्नर के साथ-साथ बाइनरी के अधिकारों की रक्षा के लिए उन्हें तीसरे लिंग के रूप में मान्यता देने का निर्देश दिया था। 

वकील जमशेद अंसारी ने हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका में इसे आईआरसीटीसी द्वारा संविधान के आर्टिकल 14, 15, 19 और 21 का उल्लंघन बताया था। वकील ने भारतीय रेलवे से शीर्ष न्यायालय के उस निर्णय के अनुपालन की मांग की थी, जिसमें न्यायालय ने केंद्र और राज्य सरकारों से ट्रांसजेंडर को तीसरे लिंग के रूप में मान्यता प्रदान करने का निर्देश दिया था। इसके साथ ही उन्हें सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमि के हिसाब से रियायत देने की मांग भी की थी। इसके अलावा उन्होंने ट्रांसजेंडर समुदाय की ‘देखभाल एवं अधिकारों की रक्षा’ के लिए सभी ट्रेनों में विशेष बोगियां एवं आरक्षित सीटें लगाने की भी मांग की थी।

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