हार्ट ऑफ एशिया: आतंकी पनाहगाहों को नेस्तनाबूद करने का संकल्प
‘हार्ट ऑफ एशिया’ सम्मेलन में शामिल सभी देशों ने रविवार को आतंकी पनाहगाहों को नेस्तनाबूद करने का संकल्प लिया। घोषणापत्र जारी करते हुए भारतीय दल के नेता और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने क
‘हार्ट ऑफ एशिया’ सम्मेलन में शामिल सभी देशों ने रविवार को आतंकी पनाहगाहों को नेस्तनाबूद करने का संकल्प लिया। घोषणापत्र जारी करते हुए भारतीय दल के नेता और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि घोषणापत्र में आतंकवाद को एशिया और विश्व के लिए सबसे बड़ा खतरा करार दिया गया और कहा गया कि सभी देश मिलकर इसका खात्मा करने के लिए आगे आएं। घोषणापत्र में आतंकवाद को लेकर बिना नाम लिए पाकिस्तान पर निशाना साधा गया है। इस तरह आतंकवाद को लेकर भारत को पाकिस्तान पर बड़ी कूटनीतिक जीत मिली है।
‘हार्ट ऑफ एशिया’ सम्मेलन में आतंकवाद का मुकाबला करने का मुद्दा केंद्र में रहा और इसने पाकिस्तान को एक साफ संदेश भेजा है कि आतंकवाद और हिंसक चरमपंथ शांति के लिए सबसे बड़ा खतरा है। हालांकि, इस बुराई से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए एक क्षेत्रीय ढांचा बनाने के अफगानिस्तान के प्रस्ताव को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका।
संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि घोषणापत्र आतंकवाद को शांति एवं स्थिरता के लिए सबसे बड़ा खतरा मानता है। यह आतंकवाद के सभी रूपों और इसके सहयोग, वित्तपोषण, पनाहगाहों को फौरन खत्म करने की अपील करता है। जेटली ने कहा, पहली बार किसी हार्ट ऑफ एशिया घोषणापत्र में अफगानिस्तान और क्षेत्र में अलकायदा, आईएस , एलईटी तथा जेईएम जैसे आतंकी संगठनों के द्वारा की गई हिंसा पर चिंता जाहिर की गई।
हार्ट ऑफ एशिया: आतंकी पनाहगाहों को नेस्तनाबूद करने का संकल्प
नशीले पदार्थों की तस्करी पर चिंता जताई
अफगानिस्तान में अफीम के उत्पादन और नशीले पदार्थों की तस्करी में बढ़ोतरी को लेकर चिंता जताई गई। कई देशों ने कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए समग्र रूख अपनाने की जरूरत है तथा उन्होंने संबंधित एजेंसियों के साथ संवाद बढ़ाने का भी संकल्प लिया। वित्त मत्री अरुण जेटली और अफगानिस्तान के विदेश मंत्री सलाहुद्दीन रब्बानी ने सम्मेलन की सह-अध्यक्षता की।
चाबहार परियोजना मध्य एशियाई देशों को जोड़ेगा
‘हार्ट ऑफ एशिया’ सम्मेलन में भाग ले रहे देशों ने भारत, ईरान और अफगानिस्तान के बीच चाबहार परिवहन समझौते को एक महत्वपूर्ण कदम बताया। सभी देशों ने कहा है कि यह मार्ग मध्य एशियाई देशों को वैश्विक बाजार तक पहुंचने की भरोसेमंद सुविधा उपलब्ध कराएगा। सम्मेलन में भारत सहित सभी शामिल देशों ने मिलकर रेशम मार्ग आर्थिक पट्टी तथा 21वीं शताब्दी के समुद्री रेशम मार्ग की स्थापना के लिए समझौते का स्वागत किया।
शरणार्थियों को उदारतापूर्वक मदद की अपील
भारत सहित हार्ट आफ एशिया सम्मेलन में भाग ले रहे अन्य देशों ने अफगानिस्तान में लौट रहे शरणार्थियों की संख्या में भारी वृद्धि पर चिंता जताई। सम्मेलन में वैश्विक समुदाय से उदारतापूर्वक समर्थन करने तथा उन्हें लक्षित मदद देने का आह्वान किया। इसके साथ ही देशों ने लाखों शरणार्थियों की दशकों तक मेजबानी करने के लिए पाकिस्तान और ईरान की सराहना की।
हार्ट ऑफ एशिया: आतंकी पनाहगाहों को नेस्तनाबूद करने का संकल्प
आतंकी ताकतों को शरण देने वालों पर ठोस कार्रवाई हो : मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए इसे समर्थन और वित्तीय मदद देने वालों के खिलाफ भी ठोस कार्रवाई करने का कहा। उन्होंने कहा कि चुप्पी और निष्क्रियता से आतंकवादियों और उनके आकाओं का हौसला बढ़ेगा।
हार्ट ऑफ एशिया के छठे सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह कार्रवाई सिर्फ आतंकवादी ताकतों के खिलाफ ही नहीं बल्कि इनका सहयोग, शरण, प्रशिक्षण और वित्तीय मदद देने वालों के खिलाफ भी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि रक्तपात और डर पैदा करने वाले आतंकी नेटवर्क को पराजित करने के लिए ठोस और सामूहिक इच्छाशक्ति दिखाने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकी हिंसा का बढ़ता दायरा पूरे दक्षिण एशिया क्षेत्र के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रहा है। हार्ट ऑफ एशिया अफगानिस्तान में बदलाव में मदद के मकसद से स्थापित मंच है।
हार्ट ऑफ एशिया: आतंकी पनाहगाहों को नेस्तनाबूद करने का संकल्प
आतंकवाद रोधी सहयोग बढ़ाने पर चर्चा
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अफगानिस्तान को सहयोग देने के लिए लक्ष्य एवं समर्पण को बढ़ाने को लेकर प्रयासों को जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि भारत वायु परिवहन कॉरिडोर के जरिए अफगानिस्तान को खुद से जोड़ने की योजना बना रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने रविवार को द्विपक्षीय वार्ता की और आतंकवाद रोधी सहयोग बढ़ाने के विभिन्न पक्षों पर चर्चा की।
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