भारत ने स्टॉफ से पाक में बच्चे न पढ़ाने को कहा
कश्मीर मसले पर तनाव के बीच भारत ने इस्लामाबाद में अपने उच्चायोग के अधिकारियों को बच्चों को शिक्षा के लिए पाकिस्तान से बाहर भेजने का निर्देश दिया है। सूत्रों ने कहा कि सुरक्षा खतरे को देखते हुए यह कदम...
कश्मीर मसले पर तनाव के बीच भारत ने इस्लामाबाद में अपने उच्चायोग के अधिकारियों को बच्चों को शिक्षा के लिए पाकिस्तान से बाहर भेजने का निर्देश दिया है। सूत्रों ने कहा कि सुरक्षा खतरे को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि उच्चायोग के अधिकारियों को आगे के निर्देश मिलने तक इस शैक्षणिक सत्र से अपने बच्चों को शिक्षा के लिए पाकिस्तान के बाहर भेजने का निर्देश दिया गया है।
कारगिल के वक्त भी नहीं उठाया ऐसा कदम
पाकिस्तान में उच्चायुक्त रह चुके पूर्व राजनयिक जी पार्थसारथी ने हिंदुस्तान से बातचीत में कहा कि यह बड़ा कदम है। उनकी जानकारी के मुताबिक ऐसा कारगिल के वक्त भी नहीं हुआ। पाकिस्तान के साथ वर्ष 1965 और 1971 के युद्ध के वक्त जरूर हमने अपने लोगों को वहां से बुला लिया था। पार्थसारथी ने कहा कि हो सकता है कि कश्मीर के नाम पर पाकिस्तान में जिस तरह से लोगों को उकसाया जा रहा है उससे सुरक्षा खतरे को देखते हुए यह कदम उठाया गया हो।
दर्जा घटाने की कार्रवाई
सूत्रों ने कहा कि इस्लामाबाद में भारतीय मिशन में तैनात भारतीय अधिकारियों के स्कूल जाने वाले करीब 50 बच्चे हैं। एक अधिकारी ने कहा कि बच्चों को स्कूल नहीं भेजने वाले देश के रूप में पाकिस्तान को चिन्हित करना उसका दर्जा घटाने जैसा है।
भारत की गतिविधियों से भारत सतर्क
सूत्रों ने कहा कि भारत मानता है कि पाकिस्तान की गतिविधियां बेहद आपत्तिजनक हैं। भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों के बच्चे अगर पाकिस्तान के स्कूलों में जाते हैं तो उनकी सुरक्षा को भी खतरा होने की संभावना है। इसलिए सरकार ने इस तरह के निर्देश जारी किए हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि सभी देशों में अपने राजनयिक मिशनों के कर्मचारियों और उनसे संबंधित नीतियों की समीक्षा करना एक सामान्य प्रक्रिया है। इस मामले में पिछले साल जून में फैसला किया गया था, ताकि उच्चायोग के अधिकारियों को अपने बच्चों की शिक्षा जारी रखने के लिए वैकल्पिक इंतजाम करने के लिए पर्याप्त समय दिया जा सके।