नोटबंदी से किराना, सब्जियों का ऑनलाइन बाजार बढ़ा
केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले का ऑनलाइन कारोबार पर मिला-जुला असर रहा है। नवंबर महीने में किराना और फल सब्जियों के ऑनलाइन बाजार में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। इंटरनेट बिजनेस पर नजर रखने वाली...
केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले का ऑनलाइन कारोबार पर मिला-जुला असर रहा है। नवंबर महीने में किराना और फल सब्जियों के ऑनलाइन बाजार में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है।
इंटरनेट बिजनेस पर नजर रखने वाली एडवाइजरी फर्म रेडसीर कंसल्टिंग के मुताबिक कैश की कमी के चलते उपभोक्ताओं ने रोजमर्रा की चीजें, सब्जियों और फल की खरीदारी ऑनलाइन ही की। इससे किराना सामान बेचने वाली कंपनियों का बाजार चढ़ा।
नवंबर में 'बिग बॉस्केट', 'ग्रोफर्स' जैसी कंपनियों के व्यापार में 30 से 40 फीसदी की वृद्धि हुई। रेडसीर कंसल्टिंग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनिल कुमार ने कहा, नवंबर में किराना और खाद्य पदार्थ बेचने वाली ऑनलाइन कंपनियां अगृणी रहीं। यह एक अच्छा संकेत है क्योंकि इससे पहले इन कंपनियों का कारोबार कुछ खास नहीं था। हालांकि नोटबंदी का असर अमेजन,फ्लिपकार्ट और स्नैपडील जैसी कंपनियों पर पड़ा। उपभोक्ताओं ने नवंबर में किराना सामान के अलावा दूसरी चीजों की खरीदारी में अधिक दिलचस्पी नहीं दिखाई।
कंपनियों के व्यापार पर असर
कंपनी- बिग बॉस्केट, ग्रोफर्स
क्या करती है- किराने का सामान,फल और सब्जियां ऑनलाइन उपलब्ध कराते हैं।
बढ़ोत्तरी- 30-40 फीसदी
असर - जानकारों की मानें तो ऑनलाइन किराना व्यापार में यह बढ़ोत्तरी अगले दो से तीन महीने तक जारी रहेगी।
कंपनी- फूड पांडा, जोमैट, स्वीगी
क्या करती है- फूड होम डिलवरी करने वाली कंपनियां, इनसे हजारों रेस्त्रां जुड़े हैं।
बढ़ोत्तरी- 10-15 फीसदी
असर - इन कंपनियों के ऑनलाइन पेमेंट में 90 फीसदी की वृद्धि हुई।
कंपनी- अमेजन, फ्लिपकार्ट, स्नैपडील
क्या करती है- इलेक्ट्रानिक से लेकर फैशन और अन्य वस्तुएं उपलब्ध कराती हैं।
गिरावट- 15 से 20 फीसदी
असर - कैशलेस ट्रांजेक्शन में 15 से 20 फीसदी की वृद्धि। कंपनियों के कैश ऑन डिलवरी(सामान मिलने पर भुगतान) में कमी आएगी।
कंपनी- ऊबर,ओला
क्या करती है- कैब सेवा प्रदाता कंपनी हैं।
गिरावट- 3-5 फीसदी
असर - कंपनियों के ऑनलाइन भुगतान में 25 फीसदी की वृद्धि हुई। हालांकि नोटबंदी से व्यापार पर असर पड़ा क्योंकि इससे पहले ज्यादातर उपभोक्ता कैश भुगतान ही करते थे।