फोटो गैलरी

Hindi NewsOBC आरक्षण के लिए क्रीमी लेयर की शर्ते बदलने की तैयारी

OBC आरक्षण के लिए क्रीमी लेयर की शर्ते बदलने की तैयारी

सरकारी नौकरियों में अन्य पिछड़ा वर्गों 'ओबीसी' के लिए निर्धारित खाली पड़ी जगहें उम्मीदवारों की कमी के चलते नहीं भर पा रहीं और इसके मद्देनजर सरकार आय सीमा बढ़ाकर आठ लाख रुपये करके क्रीमी लेयर के...

OBC आरक्षण के लिए क्रीमी लेयर की शर्ते बदलने की तैयारी
एजेंसीSun, 28 Aug 2016 04:32 PM
ऐप पर पढ़ें

सरकारी नौकरियों में अन्य पिछड़ा वर्गों 'ओबीसी' के लिए निर्धारित खाली पड़ी जगहें उम्मीदवारों की कमी के चलते नहीं भर पा रहीं और इसके मद्देनजर सरकार आय सीमा बढ़ाकर आठ लाख रुपये करके क्रीमी लेयर के मानदंड में ढील देने पर विचार कर रही है।

सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में 27 प्रतिशत सीटें ओबीसी के लिए आरक्षित होती हैं जिनमें परिवार की वार्षिक आय छह लाख रपये से कम होती है। इससे अधिक आय वाले परिवारों को क्रीमी लेयर में रखा जाता है और उन्हें आरक्षण नहीं दिया जाता। 

आय सीमा बढ़ाने से सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों की सीटों के लिए योग्य उम्मीदवारों की संख्या बढ़ जाएगी। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सामाजिक न्याय मंत्रालय ओबीसी की वार्षिक आय सीमा बढ़ाकर आठ लाख रपये करने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। 

सूत्रों ने बताया कि इस संबंध में जल्द कैबिनेट नोट जारी किया जा सकता है। इस बारे में जब राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग 'एनसीबीसी' के सदस्य अशोक सैनी से संपर्क किया गया तो उन्होंने पीटीआई से कहा कि समिति ने आय सीमा दोगुने से अधिक बढ़ाकर 15 लाख रपये सालाना करने की सिफारिश की थी।

सैनी के अनुसार, आरक्षण दिये जाने के दो दशक बाद भी देखा गया है कि निर्धारित 27 प्रतिशत आरक्षण में से 12-15 प्रतिशत जगहें ही भर पाती हैं। हमारे विश्लेषण के अनुसार इसके पीछे मुख्य वजह वार्षिक आय की उच्चतम सीमा का निर्धारण है।

मंडल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार 1980 में भारत में 52 प्रतिशत आबादी ओबीसी की थी। आयोग की यह रिपोर्ट 1932 की जनगणना पर आधारित थी। राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन ने 2006 में ओबीसी की जनसंख्या 41 प्रतिशत बताई थी।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें