'मनु के वक्त हुआ जल प्रलय कहानी नहीं सच्ची घटना है'
अयोध्या पर लिखी अपनी पुस्तक को लेकर विवादों में आए पुरातत्व विशेषज्ञ बी.बी. लाल ने अब मनु के समय आए जल प्रलय को लेकर चौंकाने वाला दावा किया है। लाल ने अपने शोध-पत्र में दावा किया है कि 'जल...
अयोध्या पर लिखी अपनी पुस्तक को लेकर विवादों में आए पुरातत्व विशेषज्ञ बी.बी. लाल ने अब मनु के समय आए जल प्रलय को लेकर चौंकाने वाला दावा किया है। लाल ने अपने शोध-पत्र में दावा किया है कि 'जल प्रलय' पौराणिक कथा नहीं, बल्कि एक सच्ची घटना थी
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के महानिदेशक रह चुके लाल ने इस संबंध में अपना शोध पत्र सोमवार को भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद (आईसीएचआर) द्वारा आयोजित एक सेमिनार में पेश किया। शोध पत्र में पुरातात्विक साक्ष्यों के आधार पर मनु के जल प्रलय को सरस्वती नदी के गायब होने से जोड़कर दिखाया गया है।
शोध पत्र में बताया गया है, 'पुरातात्विक रूप से सरस्वती की भारी बाढ़ 2000-1,900 ईसा पूर्व के आसपास या मोटे तौर पर, दूसरी सहस्राब्दी ईसा पूर्व के पहले चरण में आई। मनु के जल प्रलय का भी ठीक यही वक्त था जो ऋग्वेद के बाद आया। क्या अब भी हमें मनु के समय के आए जल प्रलय को काल्पनिक मानना चाहिए?'
पद्म सम्मान से नवाजे जा चुके लाल इसे लेकर एक किताब भी लिख रहे हैं। इसके पहले उनकी पुस्तक 'राम, उनकी ऐतिहासिकता, मंदिर और सेतु : साहित्य, पुरातत्व और अन्य विज्ञान' को लेकर काफी हंगामा हुआ था, क्योंकि उसमें अयोध्या की बाबरी मस्जिद के नीचे हिंदू मंदिर का ढांचा होने की बात कही गई थी।
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बता दें कि आईसीएचआर मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला एक शोध संस्थान है। 'पहली सहस्राब्दी ईसा पूर्व पुरातनता, निरंतरता और सभ्यता और संस्कृति के विकास' विषय पर आधारित तीन दिवसीय इस सेमिनार का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर को करना था। हालांकि वह इसमें शामिल नहीं हो सके।