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नोटबंदी और जीएसटी से सुधरेगी अर्थव्यवस्था

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) और नोटबंदी में भारतीय अर्थव्यवस्था का स्वरूप बदलने की क्षमता है। हालांकि इससे जनता को कुछ असुविधाएं उठानी पड़ सकती हैं। साथ ही वृद्धि दर पर कुछ समय के लिए विपरीत प्रभाव भी...

नोटबंदी और जीएसटी से सुधरेगी अर्थव्यवस्था
एजेंसीThu, 29 Dec 2016 10:22 PM
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वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) और नोटबंदी में भारतीय अर्थव्यवस्था का स्वरूप बदलने की क्षमता है। हालांकि इससे जनता को कुछ असुविधाएं उठानी पड़ सकती हैं। साथ ही वृद्धि दर पर कुछ समय के लिए विपरीत प्रभाव भी पड़ सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से 2015-16 में बैंकिंग क्षेत्र के रक्षानों एवं प्रगति (आरटीपी) पर जारी रिपोर्ट और वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) के 14वें संस्करण में ये बातें कही गई हैं।

एफएसआर के आमुख में आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने लिखा है कि हजार-500 के नोटों पर पाबंदी के फैसले से दूरगामी बदलाव आएंगे। अर्थव्यवस्था के कुछ क्षेत्रों में लघु अवधि की बाधा और जनता को हुई परेशानी के बावजूद इससे घरेलू अर्थव्यवस्था में सुधार होगा। डिजिटल भुगतान प्रणाली को अपनाने से दक्षता लाभ, जवाबदेही और पारदर्शिता बढ़ेगी। पटेल ने साथ ही आगाह किया कि इसी पर संतोष कर बैठने से काम नहीं चलने वाला है। बाजार को बार-बार के उतार-चढ़ाव से बचाने की भी जरूरत है। बैंकिंग स्थिरता सूचकांकों से पता चलता है कि संपत्ति की गुणवत्ता, लाभ और तरलता में निरंतर गिरावट से बैंकिंग क्षेत्र का जोखिम ऊंचे स्तर पर है। 

उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक निजी क्षेत्र के बैंकों से पीछे हैं। उनके पास जोखिम वाली संपत्तियों के आगे पूंजी का अनुपात (सीआरएआर) निचले स्तर पर है। अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों का सकल गैर निष्पादित अग्रिम (जीएनपीए) मार्च 2016 में 7.8 प्रतिशत से बढ़कर सितंबर में 9.1 फीसदी हो गया। इससे कुल दबाव वाले अग्रिम का अनुपात 11.5 फीसदी से बढ़कर 12.3 प्रतिशत पर पहुंच गया। रिपोर्ट के मुताबिक रेमिटेंस में कमी भी चिंता का विषय है। आगे चलकर व्यापार से अधिक पूंजी के प्रवाह से विनिमय दरें प्रभावित होंगी।

राजस्व घाटा पाटने में मिलेगी मदद
एफएसआर में यह भी कहा गया है कि सरकार की ओर से जारी आय घोषणा योजनाओं से राजकोषीय घाटा कम करने में मदद मिल सकती है। दरअसल, अतिरिक्त राजस्व विनिवेश और स्पेक्ट्रम नीलामी से अनुमानित तौर पर कम मिले राजस्व को पाटने का काम करेगा। 2016-17 के लिए सरकार ने राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.5 फीसदी रखने का लक्ष्य तय किया है।

नई जिम्मेदारी पूरी क्षमता से निभाऊंगा : आचार्य
आरबीआई के नवनियुक्त डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने कहा कि वह अपनी नई भूमिका पूरी लगन और क्षमता के साथ निभाएंगे। आचार्य एक जाने-माने अर्थशास्त्री हैं। वह न्यूयार्क यूनिवर्सिटी में बतौर प्रोफेसर कार्यरत थे। डिप्टी गवर्नर के पद पर नियुक्ति की घोषणा के बाद उन्होंने कहा, 'मैं यह अवसर पाकर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। उम्मीद करता हूं कि मैं यह जिम्मेदारी पूरी शिद्दत से निभा पाऊंगा।'

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