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GPS की जांच से खुलासा, PAK से ही आए थे उरी अटैक करने वाले आतंकी

पाकिस्तान से ही आए थे आतंकवादी.. उरी हमले से जुड़े सबूतों की जांच कर रही फोरेंसिक टीम ने दावा किया है कि इस नृशंस हमले को अंजाम देने वाले आतंकी पड़ोसी देश पाकिस्तान से ही आए थे। एक अंग्रेजी अखब

लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 01 Dec 2016 08:09 AM

पाकिस्तान से ही आए थे आतंकवादी..

उरी हमले से जुड़े सबूतों की जांच कर रही फोरेंसिक टीम ने दावा किया है कि इस नृशंस हमले को अंजाम देने वाले आतंकी पड़ोसी देश पाकिस्तान से ही आए थे। एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक आतंकियों के पास से मिले GPS (Global Positioning System) से रिकवर किए गए डाटा में ये बात सामने आई है कि आतंकियों का बेस पाकिस्तान में ही था। बता दें कि बीती 18 सितंबर को भारतीय सेना के 12 इन्फेंट्री ब्रिगेड हेडक्वार्टर पर हुए इस हमले में 18 सैनिक शहीद हो गए थे। 

GPS ने खोली पाकिस्तान की पोल
आतंकियों के पास से मिली Garmin eTrex GPS डिवाइस के डाटा से साफ़ पता चलता है कि आतंकी मुज्जफराबाद-श्रीनगर रूट से आए थे। उन्होंने 17 सितंबर को चकोठी नाम की एक छोटी सी चढ़ाई के जरिए लाइन ऑफ़ कंट्रोल पार की थी। यहां से बॉर्डर क्रॉस करने के बाद सभी आतंकियों ने पूर्व दिशा में चलना जारी रखा और वो Darah Goolan नाम के गांव पहुचे। उन्होंने उरी में सेना के कैंप पर हमला करने से पहले कई घंटे आराम भी किया। 

अगली स्लाइड में जानिए क्या कहती है जांच...

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क्या कहते हैं जांचकर्ता

फोरेंसिक जांच में शामिल जांचकर्ताओं ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि GPS से मिले डाटा से साफ़ है कि आतंकी लाइन ऑफ़ कंट्रोल पर भारत की तरफ से मौजूद थ्री टियर डिफेंस सिस्टम को आसानी से भेदने में सफल रहे। उन्होंने बॉर्डर पार किया, भारतीय सेना की पैट्रोलिंग टीम को चकमा दिया और कश्मीर के भीतरी इलाकों तक आसानी से पहुंच गए।

जांच में सामने आया है कि इस GPS को पहली बार 4 सितंबर को ऑन किया गया था और उस दिन इसकी लोकेशन लीपा वैली जिसे आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा का इलाका माना जाता है, वहां रीड हुई है। जांच में ये भी सामने आया है कि उन्होंने बॉर्डर पर मौजूद फेंस पार करने के लिए सीढ़ी का इस्तेमाल किया था।

आतंकियों के पास थे 2 GPS सिस्टम
बता दें कि आतंकी आजकल घुसपैठ के लिए GPS का इस्तेमाल करने लगे हैं। उरी में हमला करने वाले आतंकियों के पास से भी 2 GPS सिस्टम बरामद किए गए थे लेकिन इनमें से एक को बुरी तरह नष्ट कर दिया गया था और इससे डाटा रिकवर करना नामुमकिन था। 

अगली स्लाइड में पढ़िए कैसे पाकिस्तान अपना रहा है दोहरा रवैया...

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लश्कर ने ली थी हमले की जिम्मेदारी

बीते महीने ही लश्कर ने उरी हमले की जिम्मेदारी लेते हुए हमला करने वाले आतंकियों में से एक मोहम्मद अनस को अपना मुजाहीदीन बताया था। लश्कर के मुताबिक अनस उनके कमांडर अबू सिराक के अंडर काम कर रहा था। लश्कर ने गुजरांवाला में लगाए गए पोस्टर में साफ़ लिखा था कि शहीद अनस और अबू सिराक ने उरी में 177 हिंदू सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया है। 

आतंकियों के पास से मिली थी पाकिस्तानी चीज़ें
आतंकी हमले के बाद डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने बताया था और बाद में NIA ने भी जांच में पाया कि हमला करने वाले आतंकवादियों द्वारा इस्तेमाल कि गई दवाओं, खाने का पैक्ड सामना पाकिस्तान में बना हुआ था। भारत ने इस बात पर पाकिस्तान से जवाब भी मांगा था। उरी हमले को लेकर पाकिस्तान को सबूत दिए गए थे लेकिन पाकिस्तान की बेशर्मी ऐसी कि हर बार की तरह वह ना सिर्फ सबूतों को झुठलाता रहा है, बल्कि नजरअंदाज भी कर चुका है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नफीज जकारिया ने कहा कि बिना जांच के पाकिस्तान का नाम लेना गलत है।

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