एक लाख साइबर सुरक्षा पेशेवर तैनात करेगी सरकार
सरकारी कामकाज में सूचना प्रौद्यौगिकी का इस्तेमाल बढ़ने के साथ ही साइबर हमलों को लेकर भी चिंता बढ़ने लगी है। इससे निपटने के लिए केंद्र सरकार साइबर सुरक्षा पेशेवरों की फौज तैनात करेगी। सूचना एवं...
सरकारी कामकाज में सूचना प्रौद्यौगिकी का इस्तेमाल बढ़ने के साथ ही साइबर हमलों को लेकर भी चिंता बढ़ने लगी है। इससे निपटने के लिए केंद्र सरकार साइबर सुरक्षा पेशेवरों की फौज तैनात करेगी। सूचना एवं प्रौद्यौगिकी मंत्रालय ने सरकारी महकमों में अगले पांच सालों के भीतर 1.14 लाख साइबर सुरक्षा पेशेवर तैनात करने का फैसला किया है।
सूचना एवं प्रौद्यौगिकी मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार साइबर हमलों से निपटने के लिए इंडिया कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (एसईआरटी) बनाई गई है। इसके द्वारा साइबर हमलों के 54483 मामलों को पकड़ा गया। हालांकि कंप्यूटर साफ्टेवयर में होने वाले वायरस हमलों की तादात 76 लाख से भी ज्यादा दर्ज की गई है। लेकिन सरकार के समक्ष असल चिंता इस प्रकार के हमलों एवं संक्रमण से निपटने के लिए कुशल पेशेवरों की कमी की है। ऐसे पेशेवरों की कमी निजी क्षेत्र में है। लेकिन सरकारी क्षेत्र में तो समस्या कहीं ज्यादा गंभीर है।
साइबर सुरक्षा से जुड़े मामलों के लिए मंत्रालय के अनुसार नेशनल साइबर सिक्योरिटी कोआर्डिनेशन सेंटर (एनसीसीसी) की स्थापना की है। जो इन चुनौतियों से निपटने के साथ-साथ योग्य पेशेवर तैयार करने का जिम्मा भी उठाएगा। यह अनुमान किया गया है कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए अगले पांच सालों में भारी तादात में पेशेवरों की जरूरत होगी। करीब 1.14 लाख पेशेवर तैयार करने की जरूरत बताई गई है।
सूत्रों के अनुसार इन पेशेवरों की उपलब्ध के लिए कई विकल्पों पर विचार कर रहा है। पहला विकल्प यह है कि बाजार से आईटी पेशेवर लिए जाएं और उन्हें साइबर सुरक्षा में ट्रेनिंग दी जाए। दूसरा, विकल्प यह है कि प्रशिक्षित साइबर सुरक्षा पेशेवर ही लिया जाएं। लेकिन बाजार में ऐसे विशेषज्ञों की उपलब्धता सीमित है। इस विकल्प पर भी विचार किया जा रहा है कि सरकारी महकमों में से आईटी विशेषज्ञों को लेकर साइबर सुरक्षा में प्रशिक्षित किया जाए। केंद्र सरकार ने चंडीगढ़ में साइबर सुरक्षा टीचर तैयार करने का एक केंद्र भी खोला है।