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कश्मीर में 73वें दिन भी कर्फ्यू, आम जन-जीवन बुरी तरह प्रभावित

कश्मीर घाटी में आज 73वें दिन भी कर्फ्यू तथा धरा 144 रहने के कारण यहां जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। घाटी में जारी हिंसा में अब तक 83 लोगों की मौत हो गयी है। पुलिस के मुताबिक शहर-ए-खास, श्रीनगर के...

कश्मीर में 73वें दिन भी कर्फ्यू, आम जन-जीवन बुरी तरह प्रभावित
एजेंसीMon, 19 Sep 2016 04:42 PM
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कश्मीर घाटी में आज 73वें दिन भी कर्फ्यू तथा धरा 144 रहने के कारण यहां जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। घाटी में जारी हिंसा में अब तक 83 लोगों की मौत हो गयी है। पुलिस के मुताबिक शहर-ए-खास, श्रीनगर के पुराने इलाके तथा बाटमालू में कर्फ्यू जारी रहेगा जबकि इसके निकटवर्ती इलाकों में लोगों के एकत्र होने पर पाबंदी लागू है तथा इस पर सख्ती से अमल करने के लिए सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। अलगाववादियों की ओर से आजादी के समर्थन में आज मार्च निकालने के आह्वान के मद्देनजर पुलवामा तथा शोपियां के वेहिल में भी कर्फ्यू लागू है। इसके अलावा घाटी के अन्य इलाकों में कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाये रखने के लिए धरा 144 लागू की गयी है। जमीनी हालात हालांकि बिल्कुल अलग हैं क्योंकि बारामूला समेत घाटी के कई इलाकों के लोगों का आरोप है उन्हें घरों से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है।

हुर्रियत कांफ्रेंस के दोनों धड़ों तथा जम्मू-कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट ने दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा, मध्य कश्मीर के श्रीनगर तथा उत्तरी कश्मीर के बारामूला में आजादी मार्च में शामिल होने का आह्वान किया है, तथा हड़ताल को 22 सितंबर तक बढ़ा दिया है। पुलिस ने बताया कि कर्फ्यू सिर्फ शहर ए खास, पुराने इलाके तथा बटमालू इलाकों में लागू रहेगा लेकिन ऐतिहासिक लाल चौक तथा घंटा घर की ओर जाने वाले सभी मार्गों को कटीले तारों से बंद किया गया है। लाल चौक की ओर जाने वाली झेलम नदी पर बने अमीरा कदल पुल को दोनों तरफ से कंटीले तारों से बंद किया गया है। 

इसके अलावा बादशाह चौक, मदीना चौक, गाव कदाल तथा रेड क्रास मार्ग समेत मैसूमा की ओर जाने वाली सभी सड़कों के कंटीले तारों को बंद किया गया है तथा हिंसा की घटनाओं को रोकने के लिए एहतियातन सुरक्षा बलों तथा राज्य पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है। मौलाना आजाद मार्ग पर भी भारी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। शहर ए खास तथा श्रीनगर के पुराने इलाके में कर्फ्यू को सख्ती से लागू करने के लिए लोगों को घरों के अंदर रहने के निर्देश दिये गये हैं हालांकि एस के इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस की ओर जाने वाले मुख्य मार्ग पर मरीजों तथा अस्पताल के कर्मचारियों को जाने की अनुमति दी गयी है। श्रीनगर के पुराने इलाके के नल्लामार मुख्य मार्ग के आसपास रहने वाले लोगों को भी कोई राहत नहीं है क्योंकि इस मार्ग को कई जगहों पर बंद रखा गया तथा किसी को घरों से निकलने की अनुमति नहीं है।

श्रीनगर के ऐतिहासिक जामा मस्जिद की ओर जाने वाले सभी मार्गों को कटीले तारों से बंद किया गया है। गत नौ जुलाई से जामा मस्जिद में नमाजियों को जाने की अनुमति नहीं है, मस्जिद के मुख्य द्वार पर ताला बंद है। यह इलाका अलगाववादियों के उदारवादी धड़े का गढ़ माना जाता है। जामिया मार्केट समेत ऐतिहासिक जामा मस्जिद के आसपास बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों तथा राज्य पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है। कर्फ्यू जारी रहने के कारण पिछले 10 सप्ताह से ऐतिहासिक जामा मस्जिद में जुमे की नमाज की अनुमति नहीं दी गयी है। इसके अलावा ईद-उल-अजहा की नमाज भी मस्जिद में अदा नहीं की गयी।

बाटमालू तथा इसके आसपास के इलाकों में लोगों को घरों के अंदर रहने के निर्देश लगातार जारी हैं। आजादी समर्थक प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लगभग हर दिन शाम को आंसू गैस के गोले तथा पेलेट गन छोड़ रहे हैं।   श्रीनगर के अन्य इलाकों में लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध जारी है। अलगाववादियों की ओर से हड़ताल के आह्वान पर यहां दुकानें तथा व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद हैं तथा सड़कें सूनी पड़ी हैं। निजी गाड़यिां खासकर दोपहिया सुबह में वाहन सिविल लाइन इलाकों में चलते देखे गये। 

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