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पूर्व वायुसेना प्रमुख त्यागी के अपराध से देश हुआ शर्मसार: CBI

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आज दिल्ली उच्च न्यायालय में आरोप लगाया कि अगुस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाला मामले में आरोपी पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी ने जघन्य अपराध किया है जो देश को...

पूर्व वायुसेना प्रमुख त्यागी के अपराध से देश हुआ शर्मसार: CBI
एजेंसीMon, 09 Jan 2017 05:14 PM
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केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आज दिल्ली उच्च न्यायालय में आरोप लगाया कि अगुस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाला मामले में आरोपी पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी ने जघन्य अपराध किया है जो देश को शर्मसार करता है। इसने कहा कि निचली अदालत द्वारा उन्हें जमानत देने का आदेश अवैध है। त्यागी की जमानत को चुनौती देने वाली एजेंसी ने न्यायमूर्ति आईएस मेहता के समक्ष दावा किया कि यह एक गंभीर मामला है और आरोपी उच्च न्यायालय के समक्ष कार्यवाही में विलंब की कोशिश कर रहा है। मामले में संलिप्त कई अन्य लोग चाहते हैं कि वह जेल से बाहर रहे।

सीबीआई की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से कहा, यह एक गंभीर मामला है जो देश को शर्मसार करता है। आरोपी (त्यागी) जिस आधार पर जमानत पर जेल से बाहर है, वह जमानत आदेश में देख सकते हैं। वह एक आदेश के आधार पर जेल से बाहर है जो अवैध है। निचली अदालत का आदेश साक्ष्य के विपरीत है।

त्यागी के वकील ने अभिवेदनों का विरोध करते हुए दावा किया कि मामले में त्यागी के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है और वे सीबाआई के आवेदन तथा अतिरिक्त हलफनामे का जवाब देंगे जो एजेंसी ने छह जनवरी को दायर किया था। हालांकि अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने अदालत को बताया कि पूर्व वायुसेना प्रमुख की जमानत रदद करने के आग्रह के साथ ही सीबीआई ने दो अन्य सह आरोपियों संजीव त्यागी उर्फ जूली तथा वकील गौतम खेतान को जमानत देने के निचली अदालत के आदेश के खिलाफ भी अलग से आवेदन दायर किए हैं।

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने कहा, निचली अदालत ने दो अन्य आरोपियों (संजीव तथा खेतान) को जमानत दी है और हमने इन आदेशों को भी उच्च न्यायालय में चुनौती दी है। इन सभी आवेदनों को एकसाथ सुना जाना चाहिए क्योंकि मामला एक ही प्राथमिकी से जुड़ा है, निचली अदालत में न्यायाधीश भी एक ही थे। सिर्फ आदेश पारित किए जाने की तारीखें अलग अलग थीं। अदालत ने त्यागी के वकील के यह कहने पर मामले की सुनवाई के लिए 18 जनवरी के लिये स्थगित कर दी कि वह सीबीआई के आवेदन तथा अतिरिक्त हलफनामे पर भी अपना जवाब दायर करेंगे।

शुरू में, जब त्यागी के वकील ने कुछ निजी कठिनाई का जिक्र करते हुए मामले को 26 जनवरी के बाद सूचीबद्ध करने का आग्रह किया तो अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि यह एक गंभीर अपराध है और मामले को जल्द सुना जाना चाहिए। मेहता ने कहा, मैं अदालत से मामले को 16 जनवरी के लिए सूचीबद्ध करने का आग्रह करता हूं। यह एक गंभीर मामला है। आरोपी इसमें विलंब करने की कोशिश करेंगे। इस मामले में कई लोग शामिल हैं जिसमें जांच एक से अधिक देशों में की गई । जो लोग इसमें संलिप्त हैं, वे उन्हें (त्यागी को) जेल से बाहर रखना चाहते हैं।

सीबीआई ने त्यागी को जमानत देने के निचली अदालत के आदेश को इस आधार पर चुनौती दी है कि वह जांच को कथित तौर पर बाधित कर सकते हैं। निचली अदालत ने पिछले साल 26 दिसंबर को त्यागी को जमानत दे दी थी। उच्च न्यायालय ने सीबीआई द्वारा जमानत के आदेश को चुनौती दिए जाने पर 30 दिसंबर को त्यागी से जवाब मांगा था। एजेंसी ने आरोप लगाया था कि यदि वह हिरासत से बाहर आते हैं तो वह जांच को बाधित कर सकते हैं और अन्य आरोपियों को सतर्क कर सकते हैं।

ब्रिटेन स्थित अगस्तावेस्टलैंड से संप्रग—दो के शासन के दौरान 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की खरीद में अनियमितताओं के सिलसिले में सीबीआई ने 71 वषीर्य त्यागी, संजीव तथा खेतान को पिछले साल नौ दिसंबर को गिरफ्तार किया था। इससे पहले, अदालत में सुनवाई के दौरान एजेंसी ने दावा किया था कि यदि त्यागी को जमानत मिलती है तो वह अन्य संभावित आरोपियों को सतर्क कर सकते हैं। एजेंसी ने कहा था कि इसकी जांच बहुस्तरीय है क्योंकि यह कई देशों में फैली हुई है।

एक निचली अदालत ने यह कहते हुए त्यागी को जमानत दे दी थी कि सीबीआई रिश्वत की कथित राशि तथा यह कब दी गई, यह बताने में विफल रही है। बाद में निचली अदालत ने संजीव और खेतान को भी राहत प्रदान कर दी थी। त्यागी 2007 में वायुसेना प्रमुख के पद से सेवानिवत्त हुए थे। सभी आरोपियों ने सीबीआई के आरोपों से इनकार किया है। निचली अदालत ने जमानत देते हुए त्यागी की बढ़ती उम्र तथा स्वास्थ्य स्थिति का भी उल्लेख किया था और कहा था कि उन्हें जेल में रखने से कोई उददेश्य पूरा नहीं होगा।

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