महाराष्ट्र: 10 निगमों में से 8 पर BJP का कब्जा, मुंबई में फंसा पेंच
एशिया की सबसे बड़ी महानगरपालिका बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के चुनाव में भाजपा और शिवसेना ने अलग-अलग चुनाव लड़ते हुए भी धमाकेदार जीत दर्ज की। बीएमसी की 227 की सीटों पर हुए चुनाव में शिवसेना ने
एशिया की सबसे बड़ी महानगरपालिका बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के चुनाव में भाजपा और शिवसेना ने अलग-अलग चुनाव लड़ते हुए भी धमाकेदार जीत दर्ज की। बीएमसी की 227 की सीटों पर हुए चुनाव में शिवसेना ने 84 और भाजपा ने 81 सीटें हासिल कीं।
बीएमसी के अलावा महाराष्ट्र में 9 अन्य नगर निगमों के चुनाव में आठ पर विजय पताका लहराई। ठाणे में शिवसेना आगे है। मुंबई के अलावा ठाणे, उल्हासनगर, नासिक, पुणे, पिंपरी-चिंचवाड, शोलापुर, अकोला, अमरावती और नागपुर के नगर निगमों के लिए भी वोट डाले गए थे। 25 जिला परिषदों और 283 पंचायत समितियों की 5777 सीटों के लिए भी मतगणना चल रही है।
उल्लाहस नगर के नतीजा
बीजपी 33
शिवसेना 21
एनसीपी 4
कांग्रेस 1
अन्य 8
थाने
बीजेपी 17
शिवसेना 51
एनसीपी 26
कांग्रेस 2
अन्य 3
बीएमसी
बीजेपी 82
शिवसेना 84
कांग्रेस 31
एनसीपी 9
अन्य 21
पुणे की 162 सीटों में 158 के नतीजे घोषित
बीजेपी 77
शिवसेना 10
एनसीपी 44
कांग्रेस 16
अन्य 11
पिंपरी चिंचवाडा
बीजेपी 38
शिवसेना 6
एनसीपी 19
कांग्रेस 0
अन्य 2
सोलापुर की 102 में से 87 सीटों पर नतीजे घोषित
बीजेपी 47
शिवसेना 18
कांग्रेस 11
एनसीपी 3
नागपुर की 151 में से 107 सीटों के नतीजे
बीजेपी 70
शिवसेना 1
कांग्रेस 30
एनसीपी 1
एनएनएस 0
अन्य 5
नासिक की 122 में से 71 सीटों के नतीजे
बीजेपी 33
शिवसेना 20
कांग्रेस 6
एनसीपी 7
एनएनएस 3
अन्य 2
अकोला की 80 में से 57 सीटों के नतीजे घोषित
बीजेपी 31
शिवसेना 3
कांग्रेस 12
एनसीपी 4
एमएनएस 0
अन्य 7
अमरावती की 87 में से 40 सीटों के नतीजे घोषित
बीजेपी 24
शिवसेना 2
कांग्रेस 8
एनसीपी 0
एनएनएस 0
अन्य 6
जिला परिषद की 1514 सीटों में से 1131 सीटों के नतीजे घोषित
बीजेपी 370
शिवसेना 240
कांग्रेस 277
एनसीपी 317
एनएनएस 0
अन्य 127
अलग लड़ी भाजपा को भारी फायदा
बीएमसी चुनाव में भाजपा ने 2012 की 31 सीटों के मुकाबले इस बार अकेले दम पर ढाई गुना ज्यादा सीटें हासिल कीं। हालांकि शिवसेना तीन सीटें ज्यादा पाकर सबसे बड़ी पार्टी बनी। अलग लड़ने के बावजूद शिवसेना का भी प्रदर्शन सुधरा और उसने 76 से 8 ज्यादा सीटें हासिल कीं। लेकिन दोनों ही दल 114 सीटों के बहुमत के आंकड़े से काफी दूर हैं। 14 निर्दलीयों की नया मेयर चुनने में अहम भूमिका हो सकती है। बीएमसी में इस बार रिकॉर्ड 55 प्रतिशत वोटिंग ने भी नतीजों पर काफी असर डाला है।
कांग्रेस-एनसीपी का खराब प्रदर्शन, निरूपम का इस्तीफा
बीएमसी में कांग्रेस और एनसीपी भाजपा व शिवसेना का गठबंधन टूटने का फायदा नहीं उठा सकीं। कांग्रेस 31 सीटों पर सिमट गई। मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरूपम ने गुटबाजी को हार की वजह बताते हुए इस्तीफे की पेशकश कर दी है। कांग्रेस का पिछले दो दशकों में यह सबसे खराब प्रदर्शन है। एनसीपी को 9 और राज ठाकरे की पार्टी मनसे को सिर्फ 7 सीटें मिलीं।
कौन बनेगा मेयर
भाजपा और शिवसेना मिले तो आसानी से बीएमसी में बहुमत
एनसीपी, मनसे और निर्दलीयों से भाजपा या शिवसेना हाथ मिलाए
गाजियाबाद के ATM से भी निकले थे 'चूरन नोट', बैंकर ने नहीं मानी थी बात
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महाराष्ट्र: 10 निगमों में से 8 पर BJP का कब्जा, मुंबई में फंसा पेंच
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में मतभेदों की वजह से हारी है। शिवसेना भाजपा को गुंडों की पार्टी कह रही थी और भाजपा शिवसेना को माफिया का पार्टी बता रही थी, अब दोनों साथ आएंगे। हम विपक्ष में यह सुनिश्चित करेंगे कि बीएमसी में भ्रष्टाचार न हो।
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केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा पहली बार भाजपा ने महाराष्ट्र में इतनी अप्रत्याशित सफलता हासिल की है। मैं सीएम देवेंद्र फडणवीस और भाजपा कार्यकर्ताओं को बधाई देता हूं।
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किरीट सोमैया ने कहा कि यह फडणवीस सरकार के कार्यों को समर्थन है और बीएमसी में माफिया ठेकेदारों को सबक है। हम चाहेंगे कि भाजपा के साथ सभी दल बीएमसी को आगे ले जाएं।
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शिवसेना नेता मनोहर जोशी ने कहा कि हमने काफी बेहतर प्रदर्शन किया है। बीएमसी में मेयर कौन होगा, यह शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे तय करेंगे।
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एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि हम जनादेश को स्वीकार करते हैं। हार के कारणों पर हम आत्मचिंतन करेंगे और पार्टी के जनाधार को फिर मजबूत करेंगे।
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महाराष्ट्र: 10 निगमों में से 8 पर BJP का कब्जा, मुंबई में फंसा पेंच
भाजपा ने भी मेयर पद की दावेदारी का संकेत दिया
बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के चुनाव में भाजपा और शिवसेना को करीब बराबर सीटें मिलने के बाद मेयर पद की लड़ाई दिलचस्प हो गई है। शिवसेना के साथ भाजपा ने भी संकेत दिए हैं कि वह मेयर पद के लिए अपनी दावेदारी पेश करेगी।
मुंबई भाजपा के अध्यक्ष आशीष सेल्लार ने मेयर पद के लिए पार्टी की दावेदारी का संकेत देते हुए कहा कि हमने 81 सीटें सीटें जीती हैं और चार निर्दलीय पार्षदों ने हमें समर्थन दिया है। पार्टी इस बारे में आगे रणनीति तय करेगी। शिवसेना सांसद अनिल देसाई ने कहा है कि हमारी दावेदारी मजबूत है और पार्टी जल्द रणनीति का खुलासा करेगी। ऐसे में अगर भाजपा और शिवसेना अड़े रहते हैं तो मनसे, एनसीपी और निर्दलीयों के वोट अहम होंगे। हालांकि भाजपा या शिवसेना दोनों को ही मेयर पद पाने के लिए इन तीनों का ही साथ लाना होगा।
चुनाव विश्लेषकों का कहना है अगर भाजपा सभी सीटों पर लड़ती तो 114 के बहुमत के करीब पहुंच सकती थी। भाजपा ने बीएमसी की 227 सीटों में से 195 सीटों पर ही चुनाव लड़ा था और बाकी की सीटें गठबंधन के छोटे सहयोगियों को दी थीं, लेकिन सहयोगी दल खास प्रदर्शन नहीं कर पाए। भाजपा ने विधानसभा चुनाव अलग लड़ते हुए 46 से करीब ढाई गुना 122 सीटें हासिल की थीं और वही नतीजे बीएमसी के परिणामों में देखने को मिला है।
कोर कमेटी तय करेगी आगे की रणनीति
चुनाव नतीजों के बाद सीएम फडणवीस शाम को मुंबई भाजपा मुख्यालय पहुंचे। मेयर पद की दावेदारी के सवाल पर उन्होंने कहा कि पार्टी की कोर कमेटी इस पर फैसला करेगी। चुनाव के दौरान शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से जुबानी जंग को पीछे छोड़ते हुए फडणवीस ने कहा कि हम मुंबई में किंग बनने नहीं आए हैं, लेकिन जनता ने हमें सेवक चुनकर बड़ा मौका दिया है।
पंकजा मुंडे ने इस्तीफे की पेशकश की
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री पंकजा मुंडे ने गृह नगर बीड जिले में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद इस्तीफे की पेशकश की। उनकी परली विधानसभा की दस सीटों में से आठ भाजपा हार गई है। हालांकि फडणवीस ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। मुंडे के चचेरे भाई धनंजय मुंडे एनसीपी में हैं और यहां एनसीपी ने सबसे अधिक सीट जीत दर्ज की है।
भाजपा और शिवसेना की जीत की वजह
महाराष्ट्र निकाय चुनाव में गठबंधन तोड़कर उद्धव ठाकरे और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसे भाजपा बनाम शिवसेना का चुनाव का मुकाबला बना दिया। उद्धव ने मराठा स्वाभिमान को आगे रखकर चुनाव लड़ा, जबकि फडणवीस सरकार ने अपने कामकाज और नोटबंदी जैसे मुद्दों पर चुनाव लड़ा।
कांग्रेस गुटबाजी का शिकार हो गई
चुनाव में कांग्रेस अंदरूनी गुटबाजी का शिकार हो गई और किसी बड़े मुद्दे को चुनाव में नहीं भुना सकी। पुणे, नाशिक जैसे गढ़ में भी वह बुरी तरह पराजित हुई। पूर्व सांसद मिलिंद देवड़ा ने कहा कि हम स्थानीय चुनाव के नतीजों के लिए केंद्रीय नेतृत्व को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते। हमने विधानसभा और लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन किया था।
एक सीट पर दोबारा मतगणना
बीएमसी के वार्ड नंबर 220 में मुकाबला भाजपा और शिवसेना के बीच टाई रहा। दोनों दलों के प्रत्याशियों को 5496 वोट मिले। यहां दोबारा मतगणना के आदेश दिए गए हैं।
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