अमित शाह ने दलित साधुओं संग समरसता स्नान किया
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने बुधवार को क्षिप्रा नदी के वाल्मीकि घाट पर दलित साधुओं के संग समरसता स्नान किया। उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा के...
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने बुधवार को क्षिप्रा नदी के वाल्मीकि घाट पर दलित साधुओं के संग समरसता स्नान किया।
उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा के अहम माने जा रहे समरसता स्नान कार्यक्रम के तहत शाह हिन्दुओं के धार्मिक मेले सिंहस्थ कुंभ में शामिल होने यहां पहुंचे। उन्होंने क्षिप्रा नदी के वाल्मीकि घाट पर दलित साधुओं सहित अन्य साधुओं के संग स्नान किया। इसके बाद शाह ने दलित साधुओं सहित अन्य साधुओं के साथ समरसता भोज कार्यक्रम के तहत भोजन भी ग्रहण किया।
क्षिप्रा में स्नान करने के पहले भाजपा प्रमुख शाह, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और अन्य नेता वाल्मीकि धाम में आयोजित संत समागम में शामिल हुए। संत समागम में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रमुख महंत नरेंद्र गिरी, जूना अखाड़ा पीठ के महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी और वाल्मीकि धाम के पीठाधीश्वर उमेशनाथ भी मौजूद थे।
शंकराचार्य जयंती से जोड़ा
इस मौके पर शाह ने कहा, देश में भाजपा ऐसी संस्था है जो देश की संस्कृति को मजबूत करना चाहती है। हम वसुधैव कुटुम्बकम को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहे हैं। यह स्नान और महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि आज शंकराचार्य जी की जयंती है, जिन्होंने मात्र 32 वर्ष की युवा आयु में ही हिंदू धर्म को एकता के सूत्र में बांधने का कार्य किया था।
महाकाल में पूजा
स्नान के बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने महाकाल के दर्शन किए और मंदिर में पूजा अर्चना भी की। इस समय उनके साथ उनकी पत्नी और पुत्र भी मौजूद थे।
पहले संतों में था विरोध
स्नान से पूर्व द्वारका शारदा और ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने समरसता स्नान की निंदा करते हुए कहा था कि साधु की कोई जाति नहीं होती। कुंभ में कोई भी नदी में पवित्र स्नान करने के लिए स्वतंत्र है। आरएसएस के वरिष्ठ नेता और भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभाकर केलकर ने आठ मई को कहा था कि समरसता स्नान से भेदभाव बढ़ेगा। समरसता स्नान की घोषणा से ऐसा लगता है, जैसे इससे पहले सिंहस्थ में दलित वर्ग के साथ भेदभाव किया जा रहा था, जबकि वास्तविकता यह है कि किसी स्नान में जाति नहीं पूछी जाती।
सिंहस्थ में आज पहुंचेंगे मोहन भागवत
भोपाल। सिंहस्थ कुंभ में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत क्षिप्रा तट पर आदिवासियों के साथ गुरुवार को भोजन कर सकते हैं। आरएसएस की सहायक संस्था वनवासी कल्याण परिषद के प्रांत संगठन सचिव प्रवीणजी डोलके ने बताया, आरएसएस प्रमुख शाम 4 बजे जनजाति सम्मेलन को सम्बोधित करेंगे। भागवत यहां आदिवासियों के साथ भोजन भी कर सकते हैं। राजनीतिक हलकों में आरएसएस की इस मुहिम को आदिवासियों को अपनी ओर आकर्षित करने के तौर पर देखा जा रहा है।