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बिहार सरकार 58 मिल मालिकों की जमानत रद्द करवाने सुप्रीम कोर्ट पहुंची

बिहार में 1500 करोड़ रुपये के चावल घोटाले में 58 मिल मालिकों को मिली जमानत को रद्द कराने राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में आई है। कोर्ट ने सरकार की याचिका पर नोटिस जारी कर मामले को छह हफ्ते के लिए स्थगित...

बिहार सरकार 58 मिल मालिकों की जमानत रद्द करवाने सुप्रीम कोर्ट पहुंची
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 10 Sep 2016 10:58 PM
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बिहार में 1500 करोड़ रुपये के चावल घोटाले में 58 मिल मालिकों को मिली जमानत को रद्द कराने राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में आई है। कोर्ट ने सरकार की याचिका पर नोटिस जारी कर मामले को छह हफ्ते के लिए स्थगित कर दिया।

जस्टिस जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष बिहार राज्य की ओर से अधिवक्ता मनीष कुमार ने बहस की। उन्होंने कहा कि घोटाले का मामला बेहद गंभीर है, लेकिन पटना हाईकोर्ट ने घोटाले की राशि का 20 फीसदी हिस्सा जमा कराने की शर्त पर आरोपियों को जमानत दे दी। उन्होंने कहा कि इस मामले में जांच चल ही रही है और मालिकों के जमानत पर आने से सबूतों से छेड़छाड़ होने की संभावना है।

कुमार ने बताया कि ऐसे 58 मिल मालिक हैं जिन्हें जमानत दी गई है। इन लोगों ने सरकार से धान उठाया था और कहा था उससे चावल निकाल कर सरकार को दिया जाएगा जो बाद में  सरकारी दुकानों को सप्लाई किया जाना था। लेकिन उन्होंने एक दाना चावल वापस नहीं किया। सरकार ने इस मामले में अनेक एफआईआर दर्ज कीं। लेकिन पटना हाईकोर्ट ने अभियुक्तों को जमानत दे दी। यह घोटाला पिछले लगभग तीन वर्षों के दौरान का है।

जांच में यह भी सामने आया था कि कई मिलें ऐसी हैं जो जमीन पर है ही नहीं लेकिन उन्होंने भी धान उठा लिया और धन लेकर भाग गए। नियम के अनुसार मिल मालिक  को 67 फीसदी चावल सरकार को देना था जिसके बदल सरकार उन्हें 100 फीसदी धान देती। लेकिन इस निमय का पालन नहीं किया गया और चावल लेने से पहले ही धान दे दिया गया। 38 जिलों में स्थित मिलों को छह करोड़ क्विंटल से ज्यादा धान दे दिया गया। घोटाले में शामिल 112 मिलों में से औरंगाबाद जिले में 61 तथा बक्सर में 48 मिलें हैं।
 
बिहार के महालेखा परीक्षक ने इस घोटाले में10, 000 करोड़ रुपये के नुकसान का आकलन किया है।
गौरतलब है कि इससे पूर्व यूपी के एनआरएचएम घोटाले में सुप्रीम कोर्ट ने भी दवा विक्रेताओं और डाक्टरों को घोटाले की राशि कोर्ट में जमा करवाने की शर्त पर जमानत दे दी थी। इस शर्त पर यूपी के 100 से अधिक डाक्टरों और दवा सप्लायरों को जमानत दी गई है। मामले की जांच सीबीआई कर रही है।

 

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