आखिर क्या है बलूचिस्तान विवाद? PAK से क्यों मांग रहे हैं आजादी?
बलूचिस्तान के लोगों ने आजादी की आवाज को बुलंद करने का संकल्प ले लिया है और समर्थन जताने के लिए भारत के पीएम नरेंद्र मोदी का धन्यवाद किया है। मोदी ने बलूचिस्तान में मानवाधिकार के उल्लंघन का मामला...
बलूचिस्तान के लोगों ने आजादी की आवाज को बुलंद करने का संकल्प ले लिया है और समर्थन जताने के लिए भारत के पीएम नरेंद्र मोदी का धन्यवाद किया है। मोदी ने बलूचिस्तान में मानवाधिकार के उल्लंघन का मामला उठाया था।
बलूचिस्तान के कार्यकर्ताओं ने यह मुद्दा उठाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रिया अदा किया। बलूच कार्यकर्ता नायला कादरी बलूच ने कहा, हम बलूचिस्तान, पाकिस्तान और पीओके की जनता के समर्थन के लिए प्रधानमंत्री मोदी को शुक्रिया करते हैं। उम्मीद करते हैं कि सितंबर में मोदी इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में भी उठाएंगे।
नायला कादरी बलूचिस्तान की उन प्रमुख कार्यकर्ताओं में से एक हैं, जो पिछले लंबे समय से भारत से बलूचिस्तान पर हस्तक्षेप करने की मांग करती रही हैं। बलूच कार्यकर्ता हम्माल हैदर ने कहा कि हम प्रधानमंत्री द्वारा इस मुद्दे पर दिए गए बयान का स्वागत करते हैं। यह पहली बार है जब किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने बलूच की जनता का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, हम धर्मनिरपेक्ष लोग हैं और लोकतांत्रिक सिद्धांतों में विश्वास रखते हैं।
आखिर क्या है बलूचिस्तान विवाद
- 1948 में कलात के स्वायत्तशासी बलूच पर पाक कब्जे के बाद से ही आजादी के लिए बलूचिस्तान में लगातार विद्रोह होते रहे हैं।
- बलूच में होने वाले विद्रोह को दबाने के लिए पाकिस्तान लगातार सैन्य अभियान चलाता रहा है।
- अभी यह राज्य पाकिस्तान और इरान के बीच बंटा है। पाकिस्तानी के हिस्से के बलूचिस्तान प्रांत की राजधानी क्वेटा है।
- पाकिस्तान ने 1948, 1958-59, 1962-63 और 1973-77 में यहां सैन्य अभियान चलाए।
- बलूचिस्तान को पाकिस्तान से स्वतंत्र कराने की मांग लगातार उठती रही है।
- पाकिस्तान से आजादी के लिए कई हथियारबंद अलगाववादी समूह बलूचिस्तान में सक्रिय हैं।
- बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी और लश्कर-ए-बलूचिस्तान प्रमुख अलगाववादी समूह हैं।
- पाकिस्तान सरकार पर बलूच आंदोलन को दबाने और बलूचियों की मांग को दरकिनार करने के आरोप लगते रहे हैं।
- पाकिस्तान ने हजारों बलूचियों को नजरबंद किया, सेना और सरकारी नौकरियों में बलूचियों के प्रवेश पर रोक लगाई।
- आरोप है कि पाक ने लोकतांत्रिक बलूच नेताओं की हत्या करवाई और कट्टरपंथियों को लगातार आर्थिक मदद दे रहा है।
- स्थानीय बलूच नेताओं के प्रभाव को खत्म करने के लिए पाक ने आम चुनावों में तालिबानियों की मदद भी की।
- पाकिस्तानी सरकार पर इस इलाके में मीडिया कवरेज पर नकेल कसने का आरोप भी लगा है।
- आरोप है कि पाक इंटेलीजेंस एजेंसियों के एजेंट अक्सर इस इलाके में काम कर रहे विदेशी पत्रकारों को प्रताड़ित भी करते हैं।
- नाएला बलूच का कहना है कि मानवाधिकार उल्लंघन के मामले इतने बढ़ चुके हैं कि अब बलूचियों का अस्तित्व संकट में है।
- नाएला के अनुसार पाकिस्तान किल एंड डंप की नीति पर चल रहा है। पाकिस्तानी सेना बलूची पुरुषों की हत्या कर रही है।
- आरोप है कि पाक सेना महिलाओं को कब्जे में लेकर बलात्कार और यातनाओं के जरिए उनका मनोबल तोड़ रही है।
- पाकिस्तान पर बलूचिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों का बेरहमी से दोहन करने का भी आरोप है।
- नाएला के अनुसार आजाद बलूचिस्तान न्यूक्लियर फ्री, आतंकमुक्त, सेक्युलर, प्रजातांत्रिक, प्लूरलिस्टिक और जेंडर बैलेंस्ड होगा।