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कावेरी जल विवादः चेन्नई के होटल पर हमला, बेंगलुरू में धारा 144 लागू

कावेरी जल विवाद के चलते चेन्नई में स्थित एक होटल में तोड़फोड़ की गई, जबकि बैंगलुरू में एक छात्र पर हमला किया गया। दोनों ही मामलों को एक-दूसरे की प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है। पुलिस की मानें...

कावेरी जल विवादः चेन्नई के होटल पर हमला, बेंगलुरू में धारा 144 लागू
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 12 Sep 2016 06:58 PM
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कावेरी जल विवाद के चलते चेन्नई में स्थित एक होटल में तोड़फोड़ की गई, जबकि बैंगलुरू में एक छात्र पर हमला किया गया। दोनों ही मामलों को एक-दूसरे की प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है। पुलिस की मानें तो होटल पर हमले में कोई भी घायल नहीं हुआ है। दरअसल बेंगलुरू में रहने वाले छात्र तमिलनाडु का बताया जा रहा है। उस पर सिर्फ इसलिए हमला किया गया क्योंकि उसने कावेरी जल विवाद पर सोशल मीडिया पर तमिलनाडु के समर्थन में अपनी राय रखी थी। उसके पोस्ट के बाद उस पर हमला किया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रसाशन ने बेंगलुरू शहर धारा 144 लगा दी है।

वहीं इसके ठीक एक दिन बाद सोमवार को तमिलनाडु स्थित एक होटल पर कुछ अज्ञात लोगों ने पेट्रोल बम से हमला किया। होटल कर्नाटक के किसी व्यवसायी का बताया जा रहा है। पुलिस की मानें तो चेन्नई में सोमवार की सुबह डॉ. राधाकृष्णन सेलई के न्यू वूडलैंड्स होटल पर पेट्रोल भरी बोतलें फेंकी गई। इस दौरान तीन ऑटो रिक्शा से 15 लोग आए और होटल में घुस गए। इन लोगों ने होटल रिसेप्शन में रखे फर्नीचर और खिड़कियों के कांच तोड़ दिया। अज्ञात हमलावरों ने चेन्नई में होटल के ऑफिस रूम और आइस क्रीम पार्लर में भी तोड़फोड़ की। 

होटल में मौजूद सुरक्षा गार्ड्स ने पुलिस को बताया कि हमलावर कर्नाटक सरकार और कन्नड लोगों के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। उनलोगों के पास कुछ पम्पलेट्स भी थे, जिसपर तमिल भाषा में संदेश लिखा था। प्रदर्शनकारियों ने इसे होटल के आइसक्रीम पार्लर और दफ्तर में फेंक दिये। इन पर लिखा था 'अगर तमिल लोगों पर कर्नाटक में हमला किया गया तो तमिलनाडु में कन्नड लोगों के कार्यस्थल पर भी हमले किये जाएंगे। सावधान यहां कन्नड लोग भी रहते हैं।' 

गौरतलब है कि कोर्ट ने 5 सितंबर को कर्नाटक सरकार को आदेश दिया था कि वह अगले 10 दिन तक कावेरी नदी का रोजना 15 हज़ार क्यूसेक पानी तमिलनाडु को सप्लाई करे। कोर्ट के इस फ़ैसले के बाद से कर्नाटक के लोगों में नाराजगी है। तमिलनाडु को पानी दिए जाने के विरोध में राज्य के मांड्या समेत कई शहरों में हिंसक प्रदर्शन जारी हैं। 

सुप्रीम कोर्ट से कर्नाटक सरकार को राहत-

सुप्रीम कोर्ट ने कावेरी जल विवाद पर सोमवार को 5 सितंबर के अपने फैसले में संसोधन करते हुए कर्नाटक को थोड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तमिलनाडु के लिए कर्नाटक कावेरी नदी से 15 हजार क्यूसेक की जगह 12 हजार क्यूसेक लीटर पानी छोड़ सकता है। 

सुप्रीम कोर्ट न्यायधीश दीपक मिश्रा और यू यू ललित ने कर्नाटक की तत्काल याचिका पर विचार करते हुए ये आदेश जारी किए हैं। कनार्टक ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की थी कि उसे 15 हजार क्यूसेक की जगह 1 हजार क्यूसेक ही पानी छोड़ सकता है जिसे अदालत ने मानने से इंकार कर दिया। 


सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में अंतरिम संशोधन किया

सुप्रीम कोर्ट ने कावेरी नदी से जल बंटवारा मामले में अपने पूर्व के आदेश में अंतरिम संशोधन करते हुए कर्नाटक सरकार को आज निर्देश दिया कि वह तमिलनाडु को प्रतिदिन 15 हजार क्यूसेक के बजाय अब 12 हजार क्यूसेक पानी उपलब्ध कराये। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु को पानी उपलब्ध कराने के संबंध में अपने आदेश पर रोक लगाने की कर्नाटक सरकार की मांग ठुकरा दी। 

कर्नाटक सरकार ने शीर्ष अदालत के गत पांच सितम्बर के आदेश के बाद राज्य में जारी विरोध, प्रदर्शनों के मद्देनजर गत शनिवार शाम एक याचिका दायर करके आदेश में संशोधन का न्यायालय से अनुरोध किया था। मामले की अनिवार्यता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने आज अवकाश के बावजूद मामले को न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया था। कोर्ट ने कर्नाटक सरकार के वकील की दलीलें सुनने के बाद अपने पांच सितम्बर के आदेश में अंतरिम संशोधन का निर्णय लिया और उसे 20 सितम्बर तक 12 हजार क्यूसेक प्रतिदिन पानी तमिलनाडु सरकार को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। 

हालांकि कोर्ट ने कर्नाटक सरकार की नयी याचिका में इस्तेमाल किये गए शब्दों और टिप्पणियों को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया भी व्यक्त की। कोर्ट ने कहा, 'आंदोलन, विरोध प्रदर्शन या दंगे जैसी स्थिति आदेश में संशोधन का कोई आधार नहीं बन सकते। इस अदालत का आदेश सभी पक्षों के लिए है और कार्यपालिका की जिम्मेदारी है कि वह आदेशों पर अमल सुनिश्चित कराये।' सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि तमिलनाडु और कर्नाटक सरकारों के दावे और प्रतिदावे हैं, जिसके मद्देनजर वह फिलहाल पूर्व के आदेश में अंतरिम संशोधन कर रहा है, लेकिन वह सुनवाई की अगली तारीख को दोनों के दावों-प्रतिदावों पर विस्तृत रूप से विचार करेगा। इसके साथ ही कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 20 सितम्बर की तारीख मुकर्रर की। इससे पहले अपने आदेश में कोर्ट ने कर्नाटक सरकार को तमिलनाडु को 10 दिन तक प्रतिदिन 15 हजार क्यूसेक पानी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था।

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