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Hindi News#बेटी_बुलाओ: अंसार के बाद मुहिम से जुड़ीं पाक जर्नलिस्ट मेहर तरार

#बेटी_बुलाओ: अंसार के बाद मुहिम से जुड़ीं पाक जर्नलिस्ट मेहर तरार

'हिन्दुस्तान' की ‘बेटी बुलाओ’ मुहिम के बाद पाकिस्तान में फंसी भारत की मासूम बच्ची को पिता से मिलाने के लिए मशहूर मानवाधिकार कार्यकर्ता और पूर्व मंत्री अंसार बर्नी के बाद पाकिस्तान...

#बेटी_बुलाओ: अंसार के बाद मुहिम से जुड़ीं पाक जर्नलिस्ट मेहर तरार
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 23 Oct 2016 07:52 AM
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'हिन्दुस्तान' की ‘बेटी बुलाओ’ मुहिम के बाद पाकिस्तान में फंसी भारत की मासूम बच्ची को पिता से मिलाने के लिए मशहूर मानवाधिकार कार्यकर्ता और पूर्व मंत्री अंसार बर्नी के बाद पाकिस्तान की मशहूर पत्रकार मेहर तरार भी आगे आई हैं।

पत्रकार मेहर तरार ने टि्वटर पर लिखा, हमने इस मुद्दे पर पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से बात की है। मंत्रालय की ओर से कहा गया है इस पर सोमवार से कार्रवाई शुरु की जाएगी। मेहर ने ट्विटर पर भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को भी टैग किया है। 

 

शनिवार को 'हिन्दुस्तान' ने खबर दी थी कि बिहार के मुजफ्फरपुर की रहने वाली तीन साल की आफिया भारत-पाक सीमा पर जारी तनाव के चलते भारत वापस नहीं आ पा रही है। 'हिन्दुस्तान' से विशेष बातचीत में अंसार बर्नी ने बच्ची की जानकारी मांगी है। उन्होंने कहा है कि वे दो दिन में बच्ची की मां शहीना कौसर के पास टीम भेजकर पूरी जानकारी जुटाएंगे और वीजा दिलवाने में मदद करेंगे। 

उन्होंने कहा मुल्कों के बीच तनाव अपनी जगह है लेकिन यह पूरा मामला मानवाधिकार से जुड़ा है। इसे वह दोनों सरकारों के समक्ष उठाएंगे। कराची में मां के साथ रह रही तीन साल की बच्ची बिहारी के मुजफ्फरपुर के मालीघाट निवासी आफताब की बेटी है। वीजा नहीं मिलने के चलते बेटी भारत नहीं आ पा रही है। इस पूरे मामले से भारतीय विदेश मंत्रालय को अवगत कराया गया। हालांकि अधिकारियों ने अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से करेंगे बात

बर्नी ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वह भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से बात करके बच्ची और उसकी मां को वीजा देने का आग्रह करेंगे। बर्नी अपने प्रयासों से भारत-पाकिस्तान के तमाम कैदियों की रिहाई सुनिश्चित करवा चुके हैं। उन्होंने सरबजीत की रिहाई के मुद्दे को भी जोर-शोर से उठाया था, हालांकि इस मामले में उन्हें कामयाबी नहीं मिल पाई थी। 

(Video में सुने अंसार बर्नी से विशेष बातचीत)

उधर, पिता से दूर पाकिस्तान में फंसी बेटी की खबर सोशल मीडिया पर छाई रही। लोगों ने ‘हिन्दुस्तान’ की ‘बेटी बुलाओ’ मुहिम का समर्थन किया और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ट्वीट करके मदद करने की अपील की। 

VIDEO: बेटी की गुहार, बाबा मुझे कब लेने आओगे

क्या है पूरा मामला

भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के चलते तीन साल की बच्ची को भारत आने के लिए अब वीजा नहीं दिया जा रहा है। बेटी आफिया बिहार के मुजफ्फरपुर की रहने वाली है। उसके पिता आफताब की चार साल पहले पाकिस्तान की एक लड़की शाहीना से हुई थी। मालीघाट निवासी आफताब की शादी कराची में रह रही अपनी फूफी की बेटी से दिसम्बर 2012 में हुई।

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आफताब कहते हैं कि फूफा के मरने के बाद मैंने रिश्तों को जिंदा रखने के लिए फूफी की बेटी शाहीना से शादी की, लेकिन सरहद पर तनाव की वजह से आज मैं अपनी ही बेटी और पत्नी से अलग हूं। 2013 में वीजा मिलने पर पहली बार पत्नी शाहीना कौसर हिन्दुस्तान आयी। फिर हर बार वीजा बढ़ाते रहे। एलटीवी (लांग टर्म वीजा) के लिए आवेदन दिया। इसी बीच सास की तबीयत खराब होने पर 22 फरवरी 2016 को पत्नी बेटी को लेकर मायके गई। 10 जुलाई को भारत आने के लिए फिर वीजा का आवेदन पाकिस्तान स्थित भारतीय दूतावास में दिया। पहले दौड़ाते रहे। चार महीने बाद पांच अक्टूबर को हालात का हवाला देकर पासपोर्ट वापस कर दिया गया।

मेरी बेटी का क्या कसूर...

उधर, कराची में रह रही शाहीना कहती है कि सरहदों की लड़ाई में मेरी बेटी का क्या कसूर है। उसे तो यह भी नहीं पता कि वह भारत में है या पाकिस्तान में है। मेरी ससुराल और उसका घर तो भारत ही है जहां उसके बाबा रहते हैं।

बेटी को बाप से मिलने पर रोक क्यों

बाप-बेटी को मिलाने के लिए सोशल साइट्स पर भी आवाज बुलंद की जा रही है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की उस पहल का हवाला दिया जा रहा है जिसमें जोधपुर के लड़के से शादी करने आ रही कराची की लड़की को वीजा दिलाने में उन्होंने मदद की थी। आफताब के लिए राकेश, रूहान समेत कई लोग फेसबुक पर लिखते हैं कि शादी के लिए वीजा मिल सकता है फिर एक बेटी अपने पिता के पास क्यों नहीं आ सकती। इस पर पाबंदी क्यों?

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