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मुठभेड़ में मारे गए 24 माओवादियों में शीर्ष नक्सली नेता भी

आंध्र प्रदेश की सीमा से सटे ओडिशा के मलकानगिरि में सोमवार को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में दो शीर्ष माओवादी नेताओं समेत 24 माओवादी मारे गए। इसे नक्सलियों के लिए एक बहुत बड़ा झटका माना जा रहा है।...

मुठभेड़ में मारे गए 24 माओवादियों में शीर्ष नक्सली नेता भी
एजेंसीTue, 25 Oct 2016 01:33 AM
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आंध्र प्रदेश की सीमा से सटे ओडिशा के मलकानगिरि में सोमवार को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में दो शीर्ष माओवादी नेताओं समेत 24 माओवादी मारे गए। इसे नक्सलियों के लिए एक बहुत बड़ा झटका माना जा रहा है। मलकानगिरि के पुलिस अधीक्षक मित्रभानु महापात्रा ने बताया कि आंध्रप्रदेश, ओड़िशा सीमा पर सुदूर चित्रकोंडा में यह मुठभेड़ हुई। उन्होंने कहा, ओडिशा पुलिस और ग्रेहाउंड के इस संयुक्त अभियान के बाद मुठभेड़ स्थल से कुछ महिलाओं समेत 24 माओवादियों के शव मिले। संदेह है कि कुछ माओवादी भाग गए।

पुलिस ने बताया कि मुठभेड़ में गजरला रवि उर्फ उदय और चलपति समेत कुछ शीर्ष माओवादी नेताओं के भी मारे जाने का संदेह है। उन पर बड़ा इनाम घोषित था। मुठभेड़ पनासपूत ग्रामपंचात में बेजिंग ओर मुचिपुतम के बीच पहाड़ी क्षेत्र में हुई। ओडिशा के पुलिस महानिदेशक केबी सिंह ने बताया कि खुफिया सूचना के बाद अभियान चलाया गया था। मुठभेड़ स्थल से 10 राइफलें, चार एके 47 राइफलें, तीन एसएलआर, किट बैग और भारी मात्रा में गोलाबारूद मिला है। तलाशी अभियान अब भी जारी है।

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मुठभेड़ में मारे गए माओवादियों के शव हेलीकॉप्टर से मलकानगिरि ले जाने का इंतजाम किया गया। आंध्रप्रदेश-ओड़िशा सीमा पर शवों, यदि कोई हो तो, तथा भाग गए माओवादियों का पता लगाने के लिए जंगल में खोज अभियान भी तेज किया गया है। शीर्ष माओवादी अपने पूर्ण अधिवेशन के लिए मलकानगिरि जंगल में अपने ठिकाने पर पहुंचे थे। उसी समय करीब पौने सात बजे मुठभेड़ शुरू हुई।

तीसरी बड़ी मुठभेड़
मलकानगिरि नक्सलियों के लिए एक बड़ा पारगमन क्षेत्र है। यह आंध्रप्रदेश ओडिशा सीमा क्षेत्र में माओवादियों और सुरक्षाबलों के बीच तीसरी बड़ी मुठभेड़ है। इसमें माओवादियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।

इस अभियान को 29 जून, 2008 को हुए हमले के बदले के तौर देखा जा रहा है। मओवादियों ने 2008 में एक जलाशय में ग्रेहाउंड के जवानों को ले जा रही नौका पर घात लगाकर हमला किया था। ग्रेहाउंड के 35 जवानों समेत कुल 38 लोगों की जान चली गई थी। सितंबर, 2013 में मलकानगिरि जिले के पाडिया क्षेत्र में पुलिस के साथ मुठभेड़ में 13 माओवादी मारे गए थे।

शांति वार्ता में शामिल रहा था एक माओवादी
गजराला रवि माओवादी आध्र-ओड़िशा सीमा क्षेत्र के सचिव के रूप में काम कर रहा था। उसने वर्ष 2004 में शीर्ष माओवादी नेता रामकृष्ण के साथ मिलकर आंध्रप्रदेश सरकार के साथ शांति वार्ता की थी। गजरला रवि पिछले दो दशक से भी अधिक समय से नक्सल आंदोलन में सक्रिय था। उसका भाई गजरला सरैया उर्फ आजाद भी कुछ साल पहले वारंगल जिले में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था। उसके एक अन्य भाई अशोक ने हाल ही में खराब स्वास्थ्य के चलते आत्मसमर्पण किया था।

शीर्ष माओवादी नेता रामकृष्ण सोमवार सुबह मुठभेड़ स्थल से बच निकला, जबकि उसका बेटा मुन्ना मारा गया। वह हाल ही में माओवादियों के साथ जुड़ा था। रामचंद्र रेड्डी उर्फ चलापति के भी मारे गए माओवादियों में शामिल होने का अनुमान है। वह चार दशक से भी अधिक समय से सक्रिय था और आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले का रहने वाला था।

वरिष्ठ ग्रेहाउंड कमांडो की मौत
माओवादियों से मुठभेड़ में घायल आंध्र प्रदेश ग्रेहाउंड के एक वरिष्ठ कमांडो ने दम तोड़ दिया। विशाखापत्तनम (ग्रामीण) के पुलिस अधीक्षक राहुल देव शर्मा ने कहा कि मुठभेड़ में घायल हो गए दो वरिष्ठ कमांडो को इलाज के लिए हेलीकॉप्टर से विशाखापत्तनम लाया गया। उनमें से एक कमांडो अबुबकर की अस्पताल में मौत हो गई। दूसरे का इलाज चल रहा है। अबूबकर गजूवाका के रहने वाले थे। ग्रेहाउंड आंध्र प्रदेश का प्रमुख माओवादी विरोधी बल है।

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