अनंतनाग उपचुनाव: मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती 12 हजार वोटों से जीतीं
जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती अनंतनाग विधानसभा सीट पर हुआ उपचुनाव जीत गईं। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांगे्रस के हिलाल अहमद शाह को करीब 12 हजार वोटों के अंतर से हराया।...
जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती अनंतनाग विधानसभा सीट पर हुआ उपचुनाव जीत गईं। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांगे्रस के हिलाल अहमद शाह को करीब 12 हजार वोटों के अंतर से हराया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर महबूबा मुफ्ती को जीत की बधाई दी है।
इस सीट पर 22 जून को मतदान हुआ था, जिसके नतीजे शनिवार को आए। इस सीट से महबूबा सहित आठ उम्मीद्वार मैदान में थे। महबूबा को 17 हजार 701 वोट मिले, जबकि शाह को सिर्फ 5 हजार 616 वोट मिले। नेशनल कांफ्रेंस के प्रत्याशी इफ्तेखार हुसैन मिसगर तीसरे स्थान पर रहे। उन्हें दो हजार 811 वोट मिले। शेष पांच प्रत्याशियों में कई की जमानत जब्त हो गई। उपचुनाव में 356 मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना। उपचुनाव में कई कश्मीरी पंडितों ने 30 साल बाद वोट डाले।
यह सीट गत 7 जनवरी को महबूबा के पिता और राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद रिक्त हुई थी। 4 अप्रैल को महबूबा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इसके बाद उन्हें राज्य की दो सदनों (विधानसभा एवं विधान परिषद) वाली विधायिका के किसी एक सदन की छह माह के भीतर सदस्यता लेनी थी। राज्य के गठबंधन सरकार में सहयोगी दल भाजपा ने उपचुनाव में अपना प्रत्याशी नहीं उतारा था और महबूबा को समर्थन देने की घोषणा की थी।
मतगणना शनिवार सुबह शुरू हुई। मतगणना के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी शाह ने ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी की शिकायत की, जिसके बाद उनके समर्थकों ने हंगामा शुरू दिया। इस वजह से कुछ समय के लिए मतगणना रोकनी पड़ी। अंतिम दौर की मतणगना के बाद महबूबा को विजेता घोषित किया गया।
महबूबा का चौथा कार्यकाल
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में महबूबा का यह चौथा कार्यकाल होगा। पहली बार वह 1996 में बिजबेहरा क्षेत्र से कांगे्रस के टिकट पर चुनाव जीती थीं। इसके बाद 2002 में पहलगाम और 2008 में शोपियां जिले की वाची सीट से चुनाव जीती थीं।
उपचुनाव दो बार टला
निर्वाचन आयोग ने गत मई में अनंतनाग सीट पर उपचुनाव की घोषणा की थी, लेकिन हंदवाड़ा में हिंसा फैलने के बाद इसे टाल दिया गया। मतदान के लिए 19 जून की तारीख तय हुई, लेकिन कई दलों के आग्रह पर इसे भी टाल दिया गया और नई तारीख 22 जून निर्धारित की गई थी।