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मोदी के 'मिशन कश्मीर' पर बैठक, अलगाववादियों पर सख्ती के संकेत

केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अगुआई में कश्मीर में शांति बहाली के लिए गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की बैठक जारी है। इस दौरान सरकार अलगाववादियों पर सख्ती बरत सकती है और उनको दी जाने वाले सुविधाओं...

मोदी के 'मिशन कश्मीर' पर बैठक, अलगाववादियों पर सख्ती के संकेत
एजेंसीWed, 07 Sep 2016 01:23 PM
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केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अगुआई में कश्मीर में शांति बहाली के लिए गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की बैठक जारी है। इस दौरान सरकार अलगाववादियों पर सख्ती बरत सकती है और उनको दी जाने वाले सुविधाओं पर रोक लगा सकती है। 

इस प्रतिनिधिमंडल में 20 राजनीतिक पार्टियों के 26 सांसद शामिल हैं। गौरतलब है कि घाटी में हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद वहां जारी हिंसा की घटनाओं में अबतक 75 से लोग मारे गये हैं।

अलगाववादियों पर सख्ती के संकेत
केंद्र सरकार अलगाववादियों के विदेश दौरे, मेडिकल सुविधा, होटल में ठहरने व सुरक्षा समेत अन्य सुविधाओं पर रोक लगा सकती है। सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के प्रति अलगाववादियों के रुख के बाद सरकार ने सख्ती का फैसला किया है।

गृह मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि सरकार अलगाववादियों को मिल रही सुविधाओं की समीक्षा कर रही है। सरकार ने तय किया है कि अमनपसंद लोगों को सरकार हर तरह की सुविधाएं देगी। लेकिन उन्हें कोई रियायत नहीं दी जाएगी जो अमन चैन छीनना चाहते हैं।

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बता दें कि अलगाववादियों ने दरवाजे पर गये प्रतिनिधिमंडल के कुछ सदस्यों से मिलने तक से इंकार कर दिया था। जिसके बाद राजनाथ सिंह ने अलगाववादी नेताओं के रवैये को लोकतंत्र, मानवता और 'कश्मीरियत' के विुद्ध बताया था। हालांकि अलगाववादी नेताओं को प्रतिनिधिमंडल से मिलने के लिए आधिकारिक रूप से निमंत्रण नहीं भेजा गया। 

कश्मीर मुददे पर राजनाथ से मिले मुस्लिम नेता
मस्लिम नेताओं का एक शिष्टमंडल आज केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मिला। मुस्लिम नेताओं ने जम्मू कश्मीर में शांति स्थापित करने में पूर्ण सहयोग की पेशकश की। करीब 30 मिनट तक चली इस बैठक के दौरान शिष्टमंडल में शामिल 20 मुस्लिम नेताओं ने राजनाथ सिंह को बताया कि वे कश्मीर घाटी में वर्तमान स्थिति से चिंतित हैं।   सू़त्रों के मुताबिक, मुस्लिम नेता जम्मू कश्मीर जाकर सभी वर्गो के लोगों से बात करने को तैयार हैं। 

अलगाववदियों को महबूबा की लताड़ 
वहीं इस बीच सीएम महबूबा मुफ्ती ने अलगाववादियों को लताड़ लगाई है। उन्होंने कहा कि अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए विदेश भेजते हैं और यहां के छात्रों के हाथों में किताब की जगह पत्थर थमाते हैं। हुर्रियत नेताओं को नसीहत देते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जब तहरीक तहजीब से आगे निकल जाए तो तहरीक नहीं रहती। इस बीच सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से बातचीत फेल होने का हवाला देते हुए जम्मू कश्मीर में विपक्ष ने महबूबा सरकार से अलगाववादियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। 

 पीएम मोदी को दी जानकारी
राजनाथ सिंह के नेतृत्व में कश्मीर घाटी की स्थिति का जायजा लेने गये सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के वापस लौटने के बाद मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इसकी जानकारी दी गई। गृह मंत्री ने पीएम समेत कई केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात कर उन्हें वहां के हालात की जानकारी दी।

राजनाथ के घर पर हुई बैठक 
राजनाथ सिंह ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली, भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जीतेन्द्र्र सिंह के साथ घाटी की मौजूदा स्थिति पर चर्चा करने के लिए मंगलवार शाम को अपने निवास पर बैठक की। 

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सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का दौरा सफल नहीं
सूत्रों के अनुसार सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का दौरा सफल नहीं रहा। हालांकि राजनाथ सिंह का दावा है कि राज्य के राजनीतिक और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधिमंडलों के साथ हुई बातचीत बहुत अच्छी रही। भाजपा भी राज्य की स्थिति को चिंतित है और भाजपा नेताओं ने गृह मंत्री के साथ बैठक में जम्मू कश्मीर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर भी चर्चा की। राज्य में दोनों दलों की गठबंधन सरकार है और भाजपा के नेता राज्य सरकार के स्थिति से निपटने में विफल रहने से चिंतित है।

4 सितम्बर को कश्मीर गया था सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल 4 सितम्बर को कश्मीर गया था और दो दिन तक विभिन्न शिष्टमंडलों से मिलने के बाद सोमवार शाम ही लौटा था। राजनाथ सिंह ने सोमवार की रात वियतनाम और चीन की यात्रा से स्वदेश लौटे पीएम मोदी से मुलाकात के दौरान उन्हें घाटी के जमीनी हालात तथा विभिन्न राजनीतिक दलों तथा संगठनों के प्रतिनिधिमंडलों के साथ हुई बातचीत से अवगत कराया।
 

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