1200 चूहे पकड़ने को रेलवे ने खर्चे 10 लाख
पिछले आठ महीनों में 10 लाख रुपये खर्च कर रेलवे ने 1,214 चूहे पकड़े। आपको जानकर हैरानी होगी कि पकड़े गए चूहों को कोलकाता, दिल्ली, चेन्नई और मुंबई की यात्रा सर्वाधिक पंसद है। दरअसल कर्मचारियों ने जिन...
पिछले आठ महीनों में 10 लाख रुपये खर्च कर रेलवे ने 1,214 चूहे पकड़े। आपको जानकर हैरानी होगी कि पकड़े गए चूहों को कोलकाता, दिल्ली, चेन्नई और मुंबई की यात्रा सर्वाधिक पंसद है। दरअसल कर्मचारियों ने जिन 12 ट्रेनों से चूहों को पकड़ा है, वह इन्हीं शहरों की तरफ जाने वाली ट्रेनें हैं।
चूहों को पकड़ने के लिए आउटसोर्स पर 10 कर्मचारी तैनात हैं जो रोजाना 12 ट्रेनों के 96 कोचों में रैट कैचर लगाकर चूहों को पकड़ते हैं। आठ महीनें में सर्वाधिक 330 चूहे गोरखपुर-कोलकाता से पकड़े गए। मुम्बई और चेन्नई तक सफर करने वाले चूहों की संख्या भी कम नहीं। एक कर्मचारी ने बताया कि चूहों को पकड़ना आसान नहीं होता। छोटे चूहे तो रैट कैचर में आसानी से आ जाते हैं लेकिन बड़े चालाक होते हैं, वे काफी तंग भी करते हैं।
क्या नुकसान पहुंचाते हैं चूहे
- यात्रियों के खाने-पीने का सामना खा डालते हैं
- सीट कवर को कुतर कर खराब कर देते हैं
- एसी कोच में बेडरोल को भी कुतरने में परहेज नहीं करते
- कभी-कभी लाइट और पंखों का तार भी काट देते हैं
रेलवे के लिए चूहे बड़ी समस्या हैं। खासकर ट्रेनों में। यात्रियों की सुविधा के लिए चूहों को पकड़ने के लिए एक संस्था को काम सौंप दिया गया है जो रोजाना चूहों को ही पकड़ने का काम करती है। वैसे इन दिनों चूहों की संख्या जरूर कुछ कम हुई है।
- डीके तिवारी, वरिष्ठ कोचिंग डिपो ऑफिसर