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श्रीश्री रविशंकर का दावा- शनि मंदिर विवाद का हल निकला

महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर मंदिर में पुरुषों और महिलाओं के भेदभाव को लेकर विवाद का निकाल लिया गया है। इस मुद्दे पर मध्यस्थता कर रहे आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर ने रविवार को यह दावा किया।...

श्रीश्री रविशंकर का दावा- शनि मंदिर विवाद का हल निकला
एजेंसीSun, 07 Feb 2016 09:19 PM
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महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर मंदिर में पुरुषों और महिलाओं के भेदभाव को लेकर विवाद का निकाल लिया गया है। इस मुद्दे पर मध्यस्थता कर रहे आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर ने रविवार को यह दावा किया। उन्होंने कहा कि पवित्र चबूतरे पर कोई नहीं चढ़ेगा। चबूतरे से तीन फीट दूर से पुरुषों और महिलाओं को दर्शन की इजाजत होगी।

बालेवादी में श्रीश्री ने कहा, विवादास्पद मुद्दे का हल निकाल लिया गया है। लिंग के आधार पर किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं होगा और सभी को पूजा का समान अधिकार होगा। मंदिर न्यासियों के साथ बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि शनि मंदिर में पवित्र चबूतरे पर कोई नहीं चढ़ेगा। लगातार तेल चढ़ाने के कारण इस पर फिसलने की आशंका बनी रहती है।

हालांकि भूमाता ब्रिगेड की अगुआई करने वाली तृप्ति देसाई श्रीश्री के प्रस्तावित समाधान से खुश नहीं हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें अगले हफ्ते मुख्यमंत्री के साथ होने वाली अपनी बैठक का इंतजार है। साथ ही, उम्मीद जताई कि मुख्यमंत्री महिलाओं के हितों का समर्थन करते हुए समुचित फैसला लेंगे।

श्रीश्री का फार्मूला
मंदिर न्यासियों के साथ बैठक में श्रीश्री द्वारा सुझाए गए फार्मूले पर सहमति बनी। यह फार्मूला तिरुपति बालाजी दर्शन माॠडल पर आधारित है। बैठक में श्रीश्री ने काशी विश्वनाथ एवं तिरुपति बालाजी मंदिरों में दर्शन के लिए अपनाए जाने वाले दो अलग माडल का सुझाव दिया था।

महिलाओं को अंतिम पूजा की इजाजत मिले
तृप्ति देसाई ने कहा, यदि पवित्र चबूतरे पर किसी को जाने की अनुमति नहीं है तो उस पर शनि की पूजा करने वाले पुजारियों में महिला भी शामिल होनी चाहिए। पवित्र चबूतरे पर महिलाओं के चढ़ने पर रोक की परंपरा 400 साल पुरानी होने की बात कहना गलत है। भूमाता ब्रिगेड की कार्यकर्ताओं को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और श्रीश्री रविशंकर की मौजूदगी में पवित्र चबूतरे पर अंतिम पूजा करने की इजाजत दी जानी चाहिए। महिलाओं पर लगी पाबंदी जारी रखने के लिए पुरुषों को भी इससे रोक देना गलत है। देसाई ने हाल ही में पवित्र चबूतरे पर महिलाओं के प्रवेश की मांग को लेकर भूमाता ब्रिगेड की अगुआई की थी।

न्यासी को मंजूर नहीं ब्रिगेड की मांग
श्रीश्री ने कहा कि ऐसा नहीं है कि कुछ दूरी से दर्शन करने पर भगवान की कृपा नहीं होगी। हालांकि उन्होंने भूमाता ब्रिगेड की महिला पुजारी की मांग का समर्थन किया। इस बीच, मंदिर के एक न्यासी ने कहा कि महिला और पुरुष पर समान रूप से पाबंदी लगाने से पहले महिलाओं को अंतिम पूजा करने की अनुमति देना संभव नहीं होगा।

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