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साहित्य अकादमी ने सरकार के निर्देश पर नहीं बुलाई बैठक: तिवारी

साहित्य अकादमी के अध्यक्ष एवं हिंदी के प्रसिद्ध आलोचक डॉक्टर विश्वनाथ प्रसाद तिवारी ने यह स्पष्ट किया है कि 23 अक्टूबर को होने वाली अकादमी की आपातकालीन बैठक सरकार के निर्देश पर नहीं बुलाई जा रही है,...

साहित्य अकादमी ने सरकार के निर्देश पर नहीं बुलाई बैठक: तिवारी
एजेंसीTue, 13 Oct 2015 12:43 PM
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साहित्य अकादमी के अध्यक्ष एवं हिंदी के प्रसिद्ध आलोचक डॉक्टर विश्वनाथ प्रसाद तिवारी ने यह स्पष्ट किया है कि 23 अक्टूबर को होने वाली अकादमी की आपातकालीन बैठक सरकार के निर्देश पर नहीं बुलाई जा रही है, बल्कि यह अकादमी का खुद का निर्णय है।

डॉक्टर तिवारी ने यह पूछे जाने पर कि अकादमी की कार्यकारिणी की बैठक दिसंबर महीने में तय थी, तो क्या सरकार के निर्देश पर यह बैठक अचानक बुलाई जा रही है, उन्होंने कहा कि साहित्य अकादमी एक स्वायत्त संस्था है और वह अपने निर्णय खुद लेती है। इसके कामकाज में सरकार कोई हस्तक्षेप नहीं करती है।

उन्होंने कहा कि अकादमी की आपात बैठक का केवल एक ही एजेंडा होगा और उसके अलावा किसी अन्य मुद्दे पर कोई बातचीत नहीं होगी। यह एजेंडा लेखकों द्वारा पुरस्कार लौटाए जाने से संबंधित होगा।

यह पूछे जाने पर कि क्या अकादमी देश में लेखकों की अभिव्यक्ति पर बढ़ते खतरे पर क्या कोई अलग से सम्मेलन करेगी, डॉक्टर तिवारी ने कहा कि देश में करीब दस हजार लेखक होंगे और इसलिए अलग से कोई सम्मेलन संभव नहीं है। अकादमी की कार्यकारिणी की बैठक में जो फैसला लिया जाएगा, वही अंतिम और सर्वमान्य होगा।

गौरतलब है कि पिछले दिनों संस्कृति मंत्री डॉक्टर महेश शर्मा ने लेखकों द्वारा पुरस्कार लौटाए जाने की घटना के संबंध में डॉक्टर तिवारी से टेलीफोन पर बातचीत की थी और उनसे इन घटनाओं के बारे में पूछताछ की थी। इसके बाद कल अकादमी में अचानक निर्णय लिया कि उसकी आपातकालीन बैठक बुलाई जाएगी। साहित्य अकादमी के इतिहास में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में लेखकों ने एक साथ पुरस्कार लौटाए है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कोंकणी भाषा के लेखक बड़ी संख्या में अकादमी पुरस्कार लौटाने वाले है।

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