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राजस्थान सरकार देगी गुर्जरों को 5 प्रतिशत आरक्षण

राजस्थान में आरक्षण के लिए रेल का चक्का जाम करने वाले गुर्जरों की मांग सरकार ने मान ली है। गुर्जरों को अनुसूचित जनजाति में पांच प्रतिशत आरक्षण देने के प्रस्ताव पर राज्य सरकार विधानसभा में प्रस्ताव...

राजस्थान सरकार देगी गुर्जरों को 5 प्रतिशत आरक्षण
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 29 May 2015 08:45 AM
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राजस्थान में आरक्षण के लिए रेल का चक्का जाम करने वाले गुर्जरों की मांग सरकार ने मान ली है। गुर्जरों को अनुसूचित जनजाति में पांच प्रतिशत आरक्षण देने के प्रस्ताव पर राज्य सरकार विधानसभा में प्रस्ताव लाएगी। गुर्जरों के साथ इस आरक्षण का लाभ राजस्थान की चार अन्य जनजातियों को भी मिलेगा। इस बात की तस्दीक खुद कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने की है। देर शाम राजस्थान सरकार के मंत्रियों और गुर्जर आंदोलनकारियों के बीच मांगों को लेकर सहमति के बाद समझौता पत्र पर दस्तखत भी कर दिए गए। देर रात गुर्जर आंदोलनकारी और राजस्थान सरकार के मंत्री सहमति के बाद मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से मिले और उन्हें मांग मानने पर धन्यवाद दिया।

तमाम सियासी उठापटक और रेल से सड़क तक प्रदर्शन के बीच गुर्जर आंदोलन मामले में गुरुवार शाम नया मोड़ आ गया। राजस्थान सरकार गुर्जरों को नौकरी में पांच फीसदी आरक्षण देने पर राजी हो गई है। इससे पहले गुर्जर नेताओं और सरकार की गुरुवार को शाम पांच बजे इस मसले पर बातचीत शुरू हुई। राजस्थान सरकार के मंत्री राजेंद्र राठौर, हेम सिंह भड़ाना और अरुण चतुर्वेदी और गुर्जर आरक्षण आंदोलनकारी कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला व प्रतिनिधिमंडल के बीच वार्ता प्रारंभ हुई। वसुंधरा राजे सरकार ने सरकारी नौकरियों में 5 फीसदी आरक्षण देने की गुर्जर समुदाय की मांग मानते हुए कर्नल बैंसला को सरकार की ओर से अनारक्षित 50 फीसदी कोटे में से अलग से गुर्जरों को आरक्षण का प्रावधान करने के प्रस्ताव की चिट्ठी सौंप दी। दोनों पक्षों ने समझौते पर सहमति जताते हुए सरकार के तीनों मंत्रियों और कर्नल बैंसला ने हस्ताक्षर करते हुए आरक्षण आंदोलन समाप्त करने की घोषणा कर दी। उधर गुर्जर महासभा के अध्यक्ष नरेंद्र गुर्जर ने राजस्थान सरकार के मांग मान लेने पर खुशी जताई है।

आगामी सत्र में सरकार लाएगी विधेयक
सरकार का कहना है कि विस के आगामी सत्र में विधेयक लाकर पांच प्रतिशत आरक्षण के प्रस्ताव को पास कराया जाएगा। राज्य सरकार विधेयक को मंत्रिमंडल में पारित कराने के बाद केंद्र को भेजकर नवीं सूची में डलवाने के लिए प्रतिबद्ध होगी। आरक्षण से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा के लिए सरकार और आंदोलनकारियों की एक समिति भी बनेगी, जोकि सरकार को सुझाव देगी। प्रत्येक माह के पहले मंगलवार क आरक्षण मामले की नियमित समीक्षा पर भी दोनों पक्षों ने सहमति जताई है।

आंदोलनकारियों से मुकदमे होंगे वापस
आरक्षण आंदोलन के दौरान आंदोलनकारियों पर सरकार की ओर से दर्ज कराये गए मुकदमों को लेकर भी वार्ता में चर्चा हुई। आंदोलनकारियों पर लगे सभी मुकदमों को सरकार नियमानुसार निस्तारण कराएगी। गुर्जर आरक्षण आंदोलन के समझौते की समीक्षा मंत्रिमंडल द्वारा भी की जाएगी। उक्त समझौते पर सहमति के बाद आरक्षण आंदोलनकारियों के नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला ने हिंदुस्तान को बताया कि गुर्जर आंरक्षण आंदोलनकारी अब अपनाआंदोलन वापस ले लेंगे। सरकार ने हमारी मांगें मान ली हैं। इसके बाद कर्नल बैसला राज्य सरकार के तीनों मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से मिलने मुख्यमंत्री आवास रवाना हो गए थे। खबर लिखे जाने तक कर्नल बैसला मुख्यमंत्री आवास में सीएम वसुंधरा राजे से मुलाकात के बाद भोजन पर थे। देर रात वह आंदोलनकारियों से मिलने बयाना पहुंचेंगे, जहां आंदोलन समाप्ति की घोषणा की जाएगी।

इनको भी मिलेगा लाभ
गुर्जर आरक्षण आंदोलन के चलते राजस्थान सरकार के झुकने से गुर्जरों के अलावा, रेवारी, लोहार, बंजारा को भी आरक्षण का लाभ मिलेगा। 

गुर्जर आरक्षण आंदोलन से रेलवे को लगी चोट
1- पिछले सात दिनों में इस आंदोलन के कारण रेलवे को 100 करोड़ रुपये से अधिक का घाटा हो चुका है। कोटा-मथुरा रेल मार्ग पर 326 से अधिक मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों को रद किया गया है या उनके मार्ग में परिवर्तन किया गया।

2- 21 मई से अब तक लगभग एक लाख 90 हजार टिकटों को रद किया जा चुका है। इसके कारण आईआरसीटीसी की साइट भी जाम हो गई।

3- कोटा-मथुरा रेल मार्ग से दक्षिण और उत्तर तथा उत्तर और पश्चिम भारत के बीच ज्यादा लोगों का आवागमन होता है। आंदोलन के कारण इस क्षेत्र के लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

4- आंदोलनकारियों ने भरतपुर में दिल्ली-मुंबई, दौसा में आगरा-जयपुर हाईवे और सवाई माधोपुर में एक हाईवे को पिछले सात दिनों से जाम कर रखा है।

5- ऐसा पहली बार नहीं है कि गुर्जर समुदाय ने आरक्षण के लिए हाईवे और रेलवे ट्रैक जाम किया हो। 2006 से 2008 के बीच हुए हिंसक प्रदर्शनों में कम से कम 67 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
 

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