फोटो गैलरी

Hindi Newsन्याय आम लोगों की पहुंच में हो: राष्ट्रपति

न्याय आम लोगों की पहुंच में हो: राष्ट्रपति

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि न्याय न केवल सब के लिए सहज उपलब्ध हो बल्कि यह भी जरूरी है कि सभी लोगों की पहुंच में हो। न्याय हासिल करने पर खर्च इतना ही हो जिसे हर कोई वहन कर सके। उन्होंने...

न्याय आम लोगों की पहुंच में हो: राष्ट्रपति
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 18 Apr 2015 09:59 PM
ऐप पर पढ़ें

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि न्याय न केवल सब के लिए सहज उपलब्ध हो बल्कि यह भी जरूरी है कि सभी लोगों की पहुंच में हो। न्याय हासिल करने पर खर्च इतना ही हो जिसे हर कोई वहन कर सके। उन्होंने शनिवार को पटना उच्च न्यायालय के शताब्दी समारोह का उद्घाटन किया। हाईकोर्ट परिसर में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति ने न्यायालयों में सूचना प्रौद्योगिकी के बड़े स्तर पर प्रयोग पर जोर दिया। इस मौके पर राष्ट्रपति ने पटना उच्च न्यायालय के सौवें वर्ष में प्रवेश करने पर डाक टिकट भी जारी किया। राष्ट्रपति ने कहा कि जजों की नियुक्ति में गुणवत्ता से किसी भी तरह का समझौता नहीं होना चाहिए।

समारोह में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तू, राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय कानून मंत्री सदानंद गौड़ा, केन्द्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद, सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीशों समेत पश्चिम बंगाल और ओडिशा स्थित उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों ने भी शिरकत की।  राष्ट्रपति ने कहा कि पटना उच्च न्यायालय का गौरवपूर्ण इतिहास रहा है। इस क्रम में उन्होंने डॉ. राजेंद्र प्रसाद, सच्चिदानंद सिन्हा, हसन इमाम के साथ उन लोगों को याद किया, जिन्होंने पटना उच्च न्यायालय से अपना काम आरंभ किया और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने। न्याय की प्रक्रिया में गुणवत्ता लाने के लिए राष्ट्रपति ने अधिक से अधिक संसाधन उपलब्ध पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि सुप्रीम कोर्ट से लेकर सबआर्डिनेट कोर्ट तक में सूचना प्रोद्योगिकी का इस्तेमाल हो। न्याय उपलब्ध कराने में लगे सभी स्टेक होल्डर हाथ मिलाएं ताकि हमारे पुरखों ने हमें जो संवैधानिक गारंटी दी है, वह बरकरार रहे।

केंद्रीय कानून मंत्री सदानंद देवेगौड़ा ने कहा कि न्यायालयों में लंबित मामलों की संख्या घटाने की दिशा में केंद्र सरकार काम कर रही है। न्याय हासिल करने की राह सहज हो इस पर काम हो रहा है। जिला न्यायालयों के कंप्यूटरीकरण से कई लाभ होंगे। केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एचल दत्तू और पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एलएन रेड्डी ने भी विचार रखे।

पटना हाईकोर्ट में 1.33 लाख मामले लंबित
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने न्यायालयों में लंबित मामलों पर भी चिंता जतायी। उन्होंने पटना उच्च न्यायालय की चर्चा करते हुए कहा कि यहां न्यायाधीशों के स्वीकृत पद 43 हैं और वर्तमान में 31 न्यायाधीश यहां कार्यरत हैं। पटना उच्च न्यायालय में 1 लाख 33 हजार मामले लंबित हैं, जबकि बिहार के न्यायालयों में लंबित मामलों की संख्या 20 लाख है। वैसे यह कोई बिहार की बात नहीं। पूरे देश में इस तरह की स्थिति है। न्यायालय में रिक्ति है उसे भरा जाना चाहिए।

 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें