शर्मनाक: जनता के जरूरी दस्तावेज रद्दी में बेच डाले
जनता ने अपने अहम दस्तावेज इस विश्वास से डाक विभाग के जरिए स्पीड पोस्ट किए थे, ताकि डाकिए उसे समय से सही हाथों तक पहुंचाएंगे। पर ऐसा हुआ नहीं। कुछ डाकियों ने गिरोह बनाकर लोगों के अहम दस्तावेज रुपयों...
जनता ने अपने अहम दस्तावेज इस विश्वास से डाक विभाग के जरिए स्पीड पोस्ट किए थे, ताकि डाकिए उसे समय से सही हाथों तक पहुंचाएंगे। पर ऐसा हुआ नहीं। कुछ डाकियों ने गिरोह बनाकर लोगों के अहम दस्तावेज रुपयों के लिए कबाड़ी के यहां बेच दिए।
ऐसे छह डाकियों पर सीमापुरी पुलिस ने शिकंजा कसते हुए नामजद मुकदमा दर्ज किया है। कुल 13 डाककर्मी पुलिस के रडार पर हैं। असल में सीमापुरी थाना क्षेत्र के लोग काफी समय से दिल्ली के मुख्य डाकघर में अपने अहम दस्तावेज नहीं पहुंचने की शिकायत कर रहे थे। पिछले दिनों महकमे के अफसर ने झिलमिल पोस्ट ऑफिस के पोस्टमास्टर को इस मामले की जांच के आदेश दिए।
तत्काल अपने गार्डरूम जाने पर पिछले दिनों उन्होंने अपने डाकिए अशोक और गार्ड प्रताप को स्पीड पोस्ट और डाक से भरे चार बोरों के साथ पाया। पूछताछ करने पर अशोक वहां से बिना कुछ कहे चला गया। बोरों की जांच करने पर सामने आया कि उनमें जो डाक थी वह दस्तावेजों में लोगों तक पहुंच चुकी थी। गहन जांच में खुलासा हुआ कि अशोक अपने साथियों के साथ गार्डरूम से डाक चुराकर कबाड़ में बेचता था।
मामले की जांच में पता चला कि झिलमिल डाकघर का डाकिया अशोक इस गिरोह का सरगना है। कई डाकखानों के 13 डाकिए अपनी डाक बोरों में उसे देते थे। वही इन सबकी लाई गई डाक कबाड़ में बेचता था।
इन आरोपों में एफआईआर
- अमानत में ख्यानत, धोखाधड़ी के मकसद से जालसाजी करना, जाली दस्तावेज का इस्तेमाल करना
- इन मामलों में उम्रकैद तक सजा संभव
- 700 स्पीडपोस्ट व 704 दस्तावेज बरामद किए
- 2810 सामान्य डाक डाकियों के पास से मिली
- छानबीन में पता चला कि डाकिए दस्तावेजों की प्राप्ति रसीद पर फर्जी हस्ताक्षर करके हेराफेरी करते थे
- लोगों को मनी ऑर्डर, पार्सल, इंश्योर्ड पार्सल, प्रवेश पत्र, किताबें, कई प्रकार के बिल नहीं मिलते थे