धनतेरस से पहले स्वर्ण योजनाओं का तोहफा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धनतेरस से पहले गुरुवार को सोने से जुड़ी तीन महत्वकांक्षी योजनाओं का तोहफा दिया। इनका मकसद देश में सोने के बढ़ते आयात पर अंकुश लगाना और बेकार पड़े करीब 20,000 टन सोने को...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धनतेरस से पहले गुरुवार को सोने से जुड़ी तीन महत्वकांक्षी योजनाओं का तोहफा दिया। इनका मकसद देश में सोने के बढ़ते आयात पर अंकुश लगाना और बेकार पड़े करीब 20,000 टन सोने को उपयोग में लाना है। प्रधानमंत्री ने एक कार्यक्रम में स्वर्ण मौद्रीकरण योजना 2015, स्वर्ण बॉन्ड और अशोक चक्र के चिन्ह वाले सोने के सिक्के का अनावरण किया।
चीन को पीछे छोड़ा
पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा कि भारत ने सोने के सबसे बड़े खरीदार के तौर पर चीन को पीछे छोड़ दिया है। इस साल देश में अब तक 562 टन सोने की खरीद हुई जबकि चीन में 548 सोने का आयात किया गया। उन्होंने कहा कि जिस देश के पास घर-परिवार और संस्थानों में 20,000 टन सोना बेकार रखा है, ऐसे देश के गरीब रहने की कोई वजह नहीं है।
रघुराम राजन पर चुटकी
महिलाओं को सशक्त बनाने की परंपरा का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने मजाकिया अंदाज में कहा कि रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन को अर्थशास्त्र और गृहशास्त्र के बीच फर्क समझना होगा।
देश का सम्मान
पीएम ने अशोक चक्र वाले सोने के सिक्का पेश करने को देश के लिए सम्मान का विषय करार दिया। उन्होंने कहा कि लोगों को अब विदेश में बनी सोने की छड़ या सिक्कों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। मोदी ने देश में सुनारों पर लोगों के विश्वास का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि एक बार योजनाओं के बारे में अच्छी तरह जान लेने के बाद सुनार खुद ही इन योजनाओं के सबसे बड़े एजेंट बन जाएंगे।
स्वर्ण मौद्रीकरण: लोग अपने पास उपलब्ध सोने को जमा कर सकेंगे जिस पर उन्हें 2.5 प्रतिशत ब्याज मिलेगा।
स्वर्ण बॉन्ड : इसके तहत तहत निवेशक बॉन्ड पत्र खरीदकर सालाना 2.75 प्रतिशत ब्याज प्राप्त कर सकेंगे।
सोने के सिक्के : नए सोने के सिक्कों पर एक तरफ राष्ट्रीय चिन्ह अशोक चक्र और दूसरी तरफ महात्मा गांधी का चित्र होगा।
1,000 टन सालाना सोने का भारत में फिलहाल आयात किया जाता है।
10 और पांच ग्राम के वजन में उपलब्ध होंगे शुरुआत में सोने के सिक्के।