केदारनाथ और पशुपतिनाथ कैसे बचे, वैज्ञानिक सुलझाएंगे गुत्थी
केदारनाथ की तरह प्राकृतिक आपदा में नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर का भी बालबांका न होने की घटना को वैज्ञानिक सुलझाने में जुट गए हैं। आईआईटी मद्रास के सिविल इंजीनियरिंग विभाग में सहायक प्रोफेसर अरुण मेनन का...
केदारनाथ की तरह प्राकृतिक आपदा में नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर का भी बालबांका न होने की घटना को वैज्ञानिक सुलझाने में जुट गए हैं। आईआईटी मद्रास के सिविल इंजीनियरिंग विभाग में सहायक प्रोफेसर अरुण मेनन का कहना है कि यह अद्भुत संयोग हमें सोचने पर विवश करता है कि कैसे केदारनाथ और पशुपतिनाथ जैसे पुराने ढांचे बड़ी आपदा ङोल गए जबकि नए भवन भरभरा कर ढह गए।
मेनन ने कहा, केदारनाथ मंदिर विशालकाय ढांचे और मानवनिर्मित प्लेटफार्म पर विशेष लोकेशन पर खड़े किए गए ढांचे के कारण अचानक आई बाढ़ को बर्दाश्त कर गया। वहीं वैज्ञानिक आत्मचिंतन की जरूरत मानते हुए पुरातत्व विभाग के इंजीनियर आरएस जामवाल ने कहा कि कई ढांचागत विशेषताओं के कारण पशुपति नाथ मंदिर भूकंप के इतने बड़े झटके को सह पाया।
मंदिर की चर्तुभुजी योजना, हल्की छतें, फर्श से जुड़े हुए स्तंभ और मजबूत जोड़ ने मंदिर को यह आपदा ङोलने में मदद की। जामवाल पुरातत्व विभाग की उस आठ सदस्यीय टीम के प्रमुख हैं, जो पशुपतिनाथ मंदिर के ढांचे का तीन हफ्ते तक गहन अध्ययन करने के बाद अभी भारत लौटी है। भारत ने इस मंदिर के संरक्षण का बीड़ा उठाया है।