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औद्योगिक इकाइयों और टेनरियों को एनजीटी की चेतावनी

राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण ने उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सरकार को गंगा को प्रदूषित करने वाली औद्योगिक इकाइयों व टेनरियों को उचित स्थानों पर स्थानांतरित करने का निर्देश दिया। न्यायाधिकरण ने दोनों...

औद्योगिक इकाइयों और टेनरियों को एनजीटी की चेतावनी
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 07 Oct 2015 07:12 PM
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राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण ने उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सरकार को गंगा को प्रदूषित करने वाली औद्योगिक इकाइयों व टेनरियों को उचित स्थानों पर स्थानांतरित करने का निर्देश दिया। न्यायाधिकरण ने दोनों राज्यों की सरकारों को चेतावनी देते हुए कहा है कि ऐसा नहीं होने पर वह इन्हें बंद करने का आदेश जारी करेगा।

जस्टिस स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने यूपी सरकार से पूछा कि कानपुर की टेनरियों और अन्य शहरों में प्रदूषित इकाइयों के खिलाफ क्या कदम उठाए गए हैं। समुचित जवाब न मिलने पर पीठ ने राज्य के वकील से कहा, टेनरियां आप लोगों के नियंत्रण से बाहर हैं। आप इस मामले में सरकार से निर्देश लेकर बताएं कि टेनरियों को उन स्थानों पर कब स्थनांतरित किया जा रहा है, जहां से वह गंगा को प्रदूषित ना कर पाएं। एनजीटी ने उत्तराखंड सरकार को हरिद्वार से नीचे की ओर उन औद्योगिक इकाइयों की सूची पेश करने का निर्देश दिया, जो गंगा में प्रदूषण बहा रही हैं और प्रदूषण बोर्ड के निर्देशों का अनुपालन नहीं कर रही हैं।

पीठ ने कहा, ‘आप लोगों की ओर से अब तक कुछ नहीं किया गया है। हजारों करोड़ रुपये खर्च किए जाने के बावजूद गंगा सफाई के मामले में कुछ नहीं हो पाया है। हम स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि यदि यही रवैया बरकरार रहा तो कड़े आदेश जारी होंगे और उन्हें वापस नहीं लिया जाएगा।’ यह टिप्पणी पीठ ने गोमुख से कानपुर तक गंगा की सफाई के मुद्दे पर सुनवाई के दौरान की।

पीठ ने सुनवाई को 9 अक्तूबर तक टालते हुए राष्ट्रीय गंगा सफाई अभियान और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड समेत अन्य विभागों के अधिकारियों को भी सुनवाई के दौरान मौजूद रहने को कहा है। एनजीटी इस मामले में चरणबद्ध तरीके से सुनवाई कर रहा है, जिसमें अपशिष्ट, ठोस कचरा, औद्योगिक कचरा और घाटों की सफाई के मुद्दे पर विचार करेगा।

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