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ठेका श्रमिकों की मजदूरी हो पांच सौ रुपये: हेमंत

झामुमो के नवनियुक्त कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि टाटा स्टील या अन्य कंपनियों में काम करने वाले ठेका श्रमिकों की दैनिक मजदूरी कम से कम पांच सौ रुपये होनी चाहिए।...

ठेका श्रमिकों की मजदूरी हो पांच सौ रुपये: हेमंत
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 20 Apr 2015 12:33 AM
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झामुमो के नवनियुक्त कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि टाटा स्टील या अन्य कंपनियों में काम करने वाले ठेका श्रमिकों की दैनिक मजदूरी कम से कम पांच सौ रुपये होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में महंगाई के समय में इन्हें मात्र दो से ढाई सौ रुपये रोजाना मिल रहे हैं, जो बहुत कम हैं। वे सर्किट हाउस में संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे।

विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता ने कहा कि वे इस मसले पर टाटा स्टील प्रबंधन को पत्र लिखेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा है कि जो लोग कंपनियों के उत्पादन में लगे हुए हैं, उन्हें स्थाई किया जाना चाहिए। क्रेन चलाने और भळी में काम करने वालों को ठेका मजदूर बनाकर रखना कंपनी को शोभा नहीं देता। प्रबंधन को इस पर सोचना चाहिए।

कान्वाई मामले में श्रम कानून का उल्लंघन
हेमंत सोरेन ने कहा कि कान्वाई चालकों के मामले में श्रम कानून का खुल्लम खुल्ला उल्लंघन हो रहा है। उन्होंने बताया कि उन्हें पता चला है कि सरकार ने भी कंपनी को कान्वाई चालकों का मानेदय सुधारने का आदेश दिया है। मगर कंपनी इसका पालन नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि वे इस मसले पर टाटा मोटर्स प्रबंधन को भी पत्र लिखेंगे। 

अडानी के पुत्र पहुंचे तो सीएम खड़े हो गए
पूर्व मुख्यमंत्री ने सरकार पर तीखे प्रहार किए हैं। उन्होंने कहा कि उद्योगपति अडानी से सरकार के रिश्ते जगजाहिर हैं। हेमंत ने आरोप लगाया कि जब अडानी के पुत्र रांची आए थे तो मुख्यमंत्री अफसरों के साथ कुर्सी छोड़कर खड़े हो गए थे। उन्होंने कहा कि जनता समझ ले कि सरकार किसकी है? मित्तल से कौन मुख्यमंत्री और मंत्री आवभगत कराने गए थे, यह झारखंड की जनता को पहले से पता है। उन्होंने कहा कि जनता यह जान चुकी है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा को वोट देकर गलती की थी। दिल्ली की जनता ने तो उसका गुरूर ठीक कर दिया है। बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा की बची-खुची साख भी खत्म हो जाएगी।

अन्ना से ली जा सकती है सलाह
हेमंत सोरेन ने कहा कि भूमि अधिग्रहण अध्यादेश पर अन्ना हजारे से परामर्श लिया जा सकता है कि इस आंदोलन व अध्यादेश के क्या नफा नुकसान हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि अध्यादेश के खिलाफ झामुमो नई दिल्ली में प्रदर्शन करेगा। उनकी सोच है कि लोकसभा सत्र के दौरान प्रदर्शन सही रहेगा।

 

 

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